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इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) बनता है डायबिटीज का कारण, बचाव के लिए डाइट में करें ये 5 बदलाव

इंसुलिन रेजिस्टेंस होने पर आपके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। आगे जानते हैं इस दौरान डाइट में किये जाने वाले बदलाव
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इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance) बनता है डायबिटीज का कारण, बचाव के लिए डाइट में करें ये 5 बदलाव


इंसुलिन रेजिस्टेंस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की कोशिकाएं हार्मोन इंसुलिन के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं। ऐसे में   ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। यह टाइप 2 डायबिटीज का एक मुख्य कारण माना जाता है। यह हृदय रोग और मोटापे सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ा सकता है। जबकि, इसमें आनुवंशिक कारण भी मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, डाइट और एक्सरसाइज जैसे लाइफस्टाइल फैक्टर भी इंसुलिन रेजिस्टेंस को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। इस लेख में, डायटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि इंसुलिन रेजिस्टेंस को मैनेज करने और स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करने के लिए कुछ डाइट में बदलाव करने के सुझाव बता रहे हैं। 

इंसुलिन रेजिस्टेंस क्या है? - What Is Insulin Resistance In Hindi 

इस लेख में समझते हैं कि इंसुलिन रेजिस्टेंस कैसे विकसित होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक जब हम कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, तो हमारा शरीर उन्हें ग्लूकोज में तोड़ देता है, जो ब्लड शुगर में प्रवेश करता है। इस प्रक्रिया में पैंकियाज इंसुलिन रिलीज करते हैं। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो एनर्जी के लिए उपयोग किए जाने वाले ग्लूकोज को कोशिकाओं में ले जाने में मदद करता है। हालांकि, इंसुलिन रेजिस्टेंस में, कोशिकाएं इंसुलिन की क्रिया को बाधित करती हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है।

diet changes for insulin resistance in hindi

इंसुलिन रेजिस्टेंस में डाइट में क्या बदलाव करने चाहिए? - Diet Tips For Insulin Resistance In Hindi 

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाली चीजों का सेवन करें 

कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर के स्तर में धीमी से बढ़ाते हैं। इसके लिए आप जौ और जई जैसे साबुत अनाज के साथ-साथ गैर-स्टार्च वाली सब्जियां, फलियां और सेब आदि फलों को डाइट में शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ रेगूलर एनर्जी प्रदान करते हैं और ब्लड शुगर में वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं।

फाइबर युक्त आहार का सेवन करें

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेमस में सुधार करने में मदद करते हैं। अपने आहार में  सब्जियां, फल, फलियां और साबुत अनाज शामिल करें। प्रति दिन कम से कम 25 से 30 ग्राम फाइबर युक्त आहार का सेवन करें। इसके लिए आप डाइट में जई, बीन्स और अलसी आदि को शामिल कर सकते हैं।

लीन प्रोटीन का सेवन करें 

प्रोटीन ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही, आपकी भूख को शांत करता है। इससे वजन कंट्रोल रहने में मदद मिलती है। लीन प्रोटीन के सोर्स में आप मुर्गे, मछली, टोफू, फलियां और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद को डाइट में शामिल कर सकते हैं। 

हेल्दी फैट को डाइट में शामिल करें 

हेल्दी फैट, जैसे कि एवोकाडो, नट्स, सीड्स और जैतून के तेल के इस्तेमाल से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है। साथ ही, शरीर की सूजन को कम कर सकते हैं। स्वस्थ रहने के लिए आप डाइट में हेल्दी फैट को डाइट में शामिल कर सकते हैं। 

प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें

एक्सट्रा शुगर और प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ से ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ सकता है। कोल्ड ड्रिंक, मिठाई, पेस्ट्री, व्हाइट ब्रेड और प्रोसेस्ड स्नैक्स का सेवन कम से कम करें। इसकी जगह पर आप संतुलित आहार का सेवन कर सकते हैं। 

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इंसुलिन रेजिस्टेंस में आप डाइट में बदलाव कर ब्लड शुगर से जुड़ी समस्याओं को कम कर सकते हैं। इस दौरान आप हाइड्रेट रहें। जंक फूड और ज्यादा मीठा खाने से बचें। फाइबर युक्त आहार का सेवन करें। यदि, ब्लड शुगर की वजह से कोई समस्या हो रही है, तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। 

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