Insulin Resistance Diet For Diabetes In Hindi: डायबिटीज के रोगियों को ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए बहुत जरूरी है कि वे अपनी डाइट में जरूरी बदलाव करें। ऐसी चीजों का सेवन न करें, जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा हो। ऐसी चीजों का सेवन करने से ब्लड शुगर स्पाइक कर जाता है। जाहिर है, डायबिटीज के मरीजों के लिए यह सही नहीं है। इसी तरह, इंसुलिन रेजिस्टेंस डाइट भी होती है। इंसुलिन रेजिस्टेंस डाइट मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है, जो इंसुलिन पर हैं। इंसुलिन की मदद से ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज किया जाता है। हालांकि, इंसुलिन टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों को दिया यह कंडीशन बहुत ज्यादा घातक होती है। ऐसे मरीजों का स्वास्थ्य कभी भी बिगड़ सकता है। यही कारण है कि ऐसे लोगों को इंसुलिन रेजिस्टेंस डाइट लेने की सलाह दी जाती है। इस तरह की डाइट कैसी होती है और इसमें क्या खाया जाता है-क्या नहीं। इस बारे में हम डिटेल में सब चीजें जानेंगे। इस बारे में हमने डाइट एन क्योर की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की।
इंसुलिन रेजिस्टेंस डाइट में क्या खाएं
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई)
जैसा कि पहले जिक्र किया है कि डायबिटीज के मरीजों को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इससे ब्लड शुगर का स्तर अचानक स्पाइक नहीं करता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रभावशाली भी होता है। लोग ग्लाइसेमिक इंडेक्स के लिए साबुत अनाज (जैसे ओट्स, जौ, क्विनोआ), फलियां (बीन्स, दालें), बिना स्टार्च वाली सब्जियां और जामुन जैसे फल खा सकते हैं।
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हाई फाइबर फूड
फाइबर ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने में मदद करता है। इसके अलावा, डायबिटीज के रोगियों के लिए हाई फाइबर फूड काफी उपयोगी होता है, क्योंकि डायबिटीज के रोगियों को अक्सर कब्ज या पाचन संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं। वहीं, हाई फाइबर फूड की मदद से इस तरह की समस्याएं दूर हो सकती हैं। हाई फाइबर फूड के लिए आप मौसमी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फलियों को अपनी डाइट में शामिल करें।
हेल्दी फैट खाएं
हेल्दी फैट जैसे एवोकाडो, नट्स, सीड्स और ऑलिव्स ऑयल जैसी चीजें हेल्दी फैट के ऑप्शन हैं। इन्हें इंसुलिन रेजिस्टेंस डाइट का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। इनकी मदद से डायबिटीज के मरीजों की सेहत में काफी सुधार देखने को मिल सकता है।
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लीन प्रोटीन
लीन प्रोटीन भी इंसुलिन रेजिस्टेंस डाइट का हिस्सा है। इसमें चिकन, टर्की, मछली, टोफू जैसे विकल्प शामिल होते हैं। ये लीन प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं। प्रोटीन ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस डाइट में क्या न खाएं
शुगर बेस्ड फूड आइटम्स और रिफाइंड कार्ब्स लेने से बचें। इसमें कोल्ड ड्रिंक, मिठाई, व्हाइट ब्रेड और दूसरी रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट शामिल होती हैं। ये तमाम चीजों ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
किसी भी चीज को असीमित मात्रा में न खाएं। चाहे कोई भी चीज हो, जो हेल्दी है, उसका भी पोर्शन कंट्रोल करना जरूरी होता है। ऐसा न करने पर ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस डाइट में बेवक्त खाना नहीं खाना चाहिए। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बिल्कुल सही नहीं है। आप पूरा दिन संतुलित आहार लें और टाइम से लें।
एक्सपर्ट की सलाह
इंसुलिन रेजिस्टेंस डाइट फॉलो करने से पहले बहुत जरूरी है कि डायबिटीज के मरीज एक्सपर्ट से मिलें। वे अपनी तरफ से डाइट में बदलाव न करें। इससे उनकी हेल्थ को नुकसान हो सकता है। जो लोग इंसुलिन लेते हैं, उन्हें एक्सपर्ट की मदद से अपने लिए डाइट प्लान बनवाना चाहिए। इसस उनकी हेल्थ में सुधार हो सकता है।
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