What Relieves Insulin Resistance: इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या तब होती है, जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन जरूरत से ज्यादा या कम होने लगता है। हमारे शरीर में पैंक्रियाज ग्लैंड मौजूद होता है, जो इंसुलिन को प्रड्यूज करने में मदद करता है। खराब खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण पैंक्रियाज में इंसुलिन का बैलेंस बिगड़ने लगता है। ऐसे में पैंक्रियाज में इंसुलिन बनता तो है, लेकिन इसका असर मांसपेशियों और लिवर पर नहीं होता है। ऐसे में इंसुलिन का स्तर ज्यादा और कम होने लगता है। इसलिए इस स्थिति को इंसुलिन रेजिस्टेंस कहा जाता है। अगर समय रहते इस समस्या को कंट्रोल न किया जाए, तो इससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा हो सकता है। यह लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्या है, इसलिए इसे अच्छे लाइफस्टाइल से कंट्रोल किया जा सकता है। इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए आयुर्वेदा डॉक्टर व डाइट एंड न्यूट्रिशन कंसल्टेंट ईशा नेगी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। आइए इस लेख में जानें इन आदतों के बारे में।
इंसुलिन रेजिस्टेंस ठीक करने के लिए अपनाएं लाइफस्टाइल से जुड़ी ये आदतें- Lifestyle Habits That Can Improve Insulin Resistance
हेल्दी फैट्स से दिन की शुरुआत करें- Start Day with Healthy Fats
अपने दिन की शुरुआत हेल्दी फैट्स के साथ करें। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है। इसके लिए आप भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स और सीड्स, नारियल तेल या घी का सेवन कर सकते हैं।
ब्रेकफास्ट में प्रोटीन लें- Take Protein in Breakfast
ब्रेकफास्ट में प्रोटीन लेने से आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी। पेट भरा होने से आपका ब्लड शुगर लेवल भी बैलेंस रहेगा। इसलिए नाश्ते में मूंग दाल चीला, अंडे, टोफू या बेसन चीला लीजिए।
सेब के सिरके का सेवन करें- Drink ACV
सेब के सिरके में एसिटिक एसिड मौजूद होता है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी इंप्रूव करने में मदद करता है। इसलिए खाने के करीब 30 मिनट बाद पानी में सेब के सिरके का सेवन जरूर करें।
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डाइट में मैग्नीशियम लीजिए- Magnesium In Diet
अपनी डेली डाइट में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा जरूर लें। यह सेल्स में ग्लूकोज ले जाने और इंसुलिन के काम को इंप्रूव करने में मदद करता है। इसके लिए आप डाइट में बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां, केला या एवोकाडो ले सकते हैं।
अपने मील में मिलेट्स एड करें- Add Millets in Diet
अपने डेली मील में मिलेट्स जरूर एड करें। इनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। इनके सेवन से शरीर में ग्लूकोज धीमे सोखता है।
लंच का समय निर्धारित रखें- Fix Lunch Timing
हमारा ब्लड शुगर लेवल खाना खाने के समय में बदलाव की वजह से भी बदलता है। इसलिए रोज 12 से 2 बजे के बीच में लंच जरूर कर लें। इस समय पाचन अग्नि तेज होती है, जिससे ब्लड शुगर भी रेगुलेट रहता है।
खाने के बाद वॉक करें- Walk after Meal
इंसुलिन कंट्रोल रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटी करना भी जरूरी है। इसलिए खाने के बाद 10 से 15 मिनट की वॉक जरूर करें। इससे पाचन तंत्र तेज होता है और ब्लड शुगर बैलेंस होती है।
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शाम में ग्रीन टी पिएं- Consume Green Tea
शाम के दौरान ग्रीन टी का सेवन करें। इसमें एक चुटकी दालचीनी का पाउडर जरूर एड करें। इससे पाचन क्रिया तेज होती है और ब्लड शुगर बैलेंस रहती है।
मील की शुरुआत फाइबर से करें- Start with Fiber
दोपहर और शाम का खाना खाते वक्त शुरुआत फाइबर से करें। इसके बाद प्रोटीन और कार्ब्स भी लें। इससे आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी और ब्लड शुगर बैलेंस रहेगी।
ओवरईटिंग न करें- Avoid Overeating
जब खाना खाते वक्त आपको लगे कि आपका पेट भरने वाला है, तो 80% तक ही खाना खाएं। इससे आप ओवरईटिंग नहीं करेंगे और आपकी ब्लड शुगर कंट्रोल होगी।
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