
How Hormones Affect Your Sleep: नींद हमारे शरीर और ओवरऑल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। नींद पूरी न होने के कारण न सिर्फ आप थका हुआ महसूस करते हैं, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। कई बार व्यक्ति बिस्तर पर सोने के लिए जाता तो है, लेकिन उसकी आधी से ज्यादा रात को सिर्फ करवटें बदलने में ही कट जाती हैं, और नींद नहीं आती। दरअसल, हमारे नींद के पैटर्न को प्रभावित करने में शरीर में मौजूद कई हार्मोन जिम्मेदार होते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि आप पूरी रात करवटें क्यों बदलते रहते हैं? न्यूवेव वेलनेस सेंटर के फंक्शनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. प्रणव व्यास के अनुसार, "नींद न आने के पीछे आपके हार्मोन जिम्मेदार हो सकते हैं। कॉर्टिसोल से लेकर एस्ट्रोजन (Kis Hormone Se Nind Par Asar Padta Hai) तक, इन सभी का इस बात पर बहुत बड़ा असर होता है कि आप कितनी अच्छी नींद लेते हैं।" तो आइए फंक्शनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ. प्रणव व्यास से जानते हैं हार्मोन नींद पर कैसे असर डालते हैं?
नींद की कमी किस हार्मोन से होती है?
कोर्टिसोल हार्मोन
कोर्टिसोल एक तनाव हार्मोन है। शरीर में इस हार्मोन के बढ़ने के कारण खासकर शाम के दौरान आपके तनाव को बढ़ा सकता है और आपके नींद को प्रभावित कर सकता है। इसलिए शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने के कारण आप में नींद की कमी हो सकती है या सोने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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मेलाटोनिन हार्मोन
मेलाटोनिन, नींद का हार्मोन होता है, जो आपके शरीर को नेचुरल तरीके से सोने में मदद करता है। यह हार्मोन आपके दिमाग को संकेत देतै हो कि सोने का समय हो गया है। अगर आपके शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर कम है तो आपकी नींद प्रभावित हो सकती है, जिससे आपको सोने में या सही से नींद न आने में समस्या हो सकती है।
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन
प्रोजेस्टेरोन, शरीर को शांत करने वाला हार्मोन होता है, जो आपके नींद और आराम को बढ़ावा देने में मदद करता है। शरीर में इस हार्मोन का कम स्तर, खासकर मेनोपॉज के दौरान अनिद्रा या रात को बैचेनी का कारण बन सकता है। इसलिए मेनोपॉज के दौरान इस हार्मोन को संतुलित रखने की कोशिश करें।
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एस्ट्रोजन हार्मोन
एस्ट्रोजन नींद को नियमित करने वाला हार्मोन है। यह हार्मोन आपके शरीर के तापमान औऱ सेरोटोनिन के स्तर को कंट्रोल करके नींद को प्रभावित कर सकता है और अच्छी नींद लेने के लिए आपके शरीर को सिग्नल दे सकता है। लेकिन, कम एस्ट्रोजन का स्तर, अक्सर मेनोपॉज के दौरान, हॉट फ्लैश और नींद में खलल का कारण बन सकता है।
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अनिद्रा या नींद न आने की समस्या से राहत पाने के लिए आप इन हार्मोन्स को संतुलित रखने की कोशिश करें और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें।
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