Hormones That Can Affect Your Weight Loss In Hindi: आज के समय में सभी लोग अपने वजन को कंट्रोल में रखकर फिट रहने की कोशिश करते हैं। शरीर को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज, जिम जाना या योग करना काफी आम हो गया है। इतना ही नहीं, कई लोग अपने वजन को कम करने के लिए फास्टिंग करते हैं, या सिर्फ हेल्दी फूड्स ही अपनी डाइट में शामिल करते हैं। लेकिन, इसके बावजूद भी उन्हें वजन कम करने में समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, हमारे शरीर के कुछ हार्मोन्स वेट लॉस को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं, जिस कारण उन हार्मोन्स के बढ़ने या घटने से वजन कम करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आइए क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट प्रतिमा नागराज से जानते हैं कि वजन कम करने में कौन-से हार्मोन्स जिम्मेदार हैं?
वजन घटाने के लिए कौन सा हार्मोन जिम्मेदार है? - What Hormone Disorder May Lead To Weight Loss in Hindi?
1. लेप्टिन हार्मोन
लेप्टिन हार्मोन, आपके दिमाग को संकेत देता है कि आपका पेट भर गया है, जिससे आप भरा हुआ महसूस करते हैं और ज्यादा खाने से बच जाते हैं। ऐसे में अगर आपके शरीर में लेप्टिन हार्मोन का स्तर कम है तो आप ज्यादा खाना खा सकते हैं, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकता है, जबकि अगर आपके शरीर में लेप्टिन हार्मोन कंट्रोल में या ज्यादा है तो आप सीमित मात्रा में या कम खा सकते हैं, जो वजन कम करने में फायदेमंद हो सकता है।
2. घ्रेलिन हार्मोन
घ्रेलिन, भूख का हार्मोन होता है, जो आपके भूख को बढ़ावा दे सकता है। यह हार्मोन आपके दिमाग को संकेत देता है कि आपके खाना खाने का समय हो गया है, जिस कारण आपको भूख महसूस होने लगती है। ऐसे में घ्रेलिन हार्मोन (What hormones make you lose weight) के बढ़ने के कारण आपको बार-बार भूख लग सकती है, जिससे आपका वजन बढ़ सकता है। इसलिए, वजन कम करने के लिए इस हार्मोन को कंट्रोल में रखना जरूरी है।
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3. थायराइड हार्मोन
थायराइड हार्मोन आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है, जिससे आपका शरीर कितने बेहतर तरीके से कैलोरी बर्न करता है, यह बात निर्भर करती है। हाइपोथायरायडिज्म आपके मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है, जिससे वजन कम करना ज्यादा मुश्किल हो सकता है। इसलिए वजन कम करने के लिए थायराइड हार्मोन का कंट्रोल रहना भी जरूरी है।
4. इंसुलिन हार्मोन
इंसुलिन हार्मोन, शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है, आपके शरीर में बढ़े हुए ग्लूकोज को फैट के रूप में इकट्ठा करता है। इंसुलिन हार्मोन में असंतुलन आपके शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकता है, जो अक्सर टाइप 2 डायबिटीज में देखा जाता है, जो वजन बढ़ने और मोटापे का कारण बन सकता है।
5. एस्ट्रोजन हार्मोन
एस्ट्रोजन एक स्टेरॉयड हार्मोन है, जो महिलाओं के प्रजनन प्रणाली से जुड़ा है। यह हार्मोन महिलाओं के शरीर में फैट के जमा होने का कारण बन सकता है। इसलिए, शरीर में हाई एस्ट्रोजन का लेवल वजन बढ़ने का कारण बन सकता है, खासकर आपके हिप्स और जांघों में।
6. टेस्टोस्टेरोन
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन, पुरुषों और महिलाओं दोनों की मांसपेशियों की बढ़ोत्तरी और कामेच्छा के लिए जरूरी माना जाता है। ऐसे में शरीर में कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर मांसपेशियों में कमी और मेटाबॉलिज्म के कमजोर होने का कारण बन सकता है।
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7. कोर्टिसोल हार्मोन
कोर्टिसोल को तनाव हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है। जब हमारे शरीर में ज्यादा मात्रा में कोर्टिसोल हार्मोन रीलिज होता है तो फैट बढ़ने लगता है, खासकर हमारे शरीर के बीच के हिस्से में। लंबे समय तक शरीर में कोर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर वजन बढ़ाने और मोटापे का कारण बन सकता है। इसलिए, वजन कम करने के दौरान इस हार्मोन को कंट्रोल में रखना जरूरी है।
निष्कर्ष
शरीर में आपके वजन को नियंत्रित करने में ये हार्मोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, अगर आप वेट लॉस कर रहे हैं तो इन हार्मोन्स को कंट्रोल करने की कोशिश करें।
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