बिगड़ी लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों के साथ तनाव के कारण महिलाओं में PCOS और PCOD की समस्याएं बीते कुछ सालों से ज्यादा देखने को मिल रही हैं। हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली इन समस्याओं का महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। पीसीओडी और पीसीओएस में अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जो हार्मोनल बदलाव और मासिक धर्म में अनियमितता का कारण बनते हैं। इसके कारण महिलाओं में वजन बढ़ना, अनचाहे बालों का बढ़ना और चेहरे पर पिंपल्स जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। पीसीओएस और पीसीओडी को मैनेज करने के लिए महिलाएं तरह-तरह की डाइट फॉलो करना शुरू कर देती हैं। इसे लेख में दिल्ली के एसेंट्रिक डाइट्स क्लीनिक की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता (Shivali Gupta, Dietcian, Eccentric Diets Clinic) से जानेंगे कि कीटो डाइट किस प्रकार से पीसीओडी और पीसीओएस में लाभकारी हो सकती है, इसके फायदे और संभावित नुकसान क्या हो सकते हैं और इसे अपनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या PCOS और PCOD में कीटो डाइट फॉलो कर सकते हैं?
कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन बहुत कम होता है और इसमें प्रोटीन व हेल्दी फैट्स पर ध्यान दिया जाता है। कम कार्ब्स और हाई फैट की इस डाइट से शरीर एनर्जी के लिए फैट का उपयोग करने लगता है। इस प्रक्रिया में इंसुलिन स्तर में कमी होती है, जो PCOS/PCOD से प्रभावित महिलाओं के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि PCOS और PCOD में कीटो डाइट को अपनाने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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टॉप स्टोरीज़
1. कीटो डाइट और इंसुलिन संवेदनशीलता
PCOS के कारण कई महिलाओं को इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) की समस्या होती है। कम कार्ब्स और हाई फैट कीटो डाइट, इंसुलिन स्तर को स्थिर रखकर इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बना सकती है।
2. वजन कंट्रोल में सहायक
कीटो डाइट वजन घटाने में सहायक मानी जाती है, जो PCOS और PCOD के लक्षणों को कम कर सकती है। ज्यादा वजन और मोटापा इन विकारों को बढ़ावा दे सकते हैं, इसलिए वजन घटाना बहुत जरूरी है।
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PCOS और PCOD में कीटो डाइट के नुकसान
कीटो डाइट के कई लाभ हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं, खासकर PCOS और PCOD जैसी स्वास्थ्य समस्याओं में। एक्सपर्ट का कहना है कि कीटो डाइट का लंबे समय तक पालन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
1. हार्मोनल असंतुलन
कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट की कमी के कारण कुछ महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन बढ़ सकता है। इससे अनियमित मासिक चक्र और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
2. न्यूट्रिएंट की कमी
कम कार्ब्स वाले फूड्स में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जैसे कि फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स की कमी से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
कीटो डाइट के विकल्प
यदि कीटो डाइट आपके लिए सही नहीं है, तो कई अन्य डाइट के विकल्प भी हैं जिन्हें PCOS और PCOD के लक्षणों को कम करने के लिए अपनाया जा सकता है।
1. लो-कार्ब डाइट
यह डाइट कम कार्ब्स पर आधारित होती है और इसे लंबे समय तक बनाए रखना आसान होता है।
2. मेडिटरेनियन डाइट
इस डाइट में संतुलित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और हेल्दी फैट शामिल होते हैं।
3. इंसुलिन प्रतिरोध डाइट
इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने वाली डाइट भी PCOS और PCOD में लाभकारी मानी जाती है।
निष्कर्ष
PCOS और PCOD में कीटो डाइट वजन घटाने और इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने में सहायक हो सकती है, लेकिन इसके नुकसानों के कारण लंबे समय तक इसका पालन करना सही नहीं माना जाता। इस डाइट को अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए। यदि कीटो डाइट आपके लिए सही नहीं है, तो डाइट के अन्य विकल्पों को भी आजमाया जा सकता है।
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