आज के समय में स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य का बेहतर रहना भी बहुत जरूरी है। व्यस्त जीवन और खराब लाइफस्टाइल आपके शरीर में कई बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है, जिसमें PCOD भी शामिल है। पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज, महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल विकार है। इस समस्या में महिलाओं के अंडाशय में कई छोटे सिस्ट बन जाते हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। पीसीओडी आमतौर पर लाइफस्टाइल से जुड़ी एक समस्या है। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि बचपन में मिले किसी तनाव, डर या डिप्रेशन के कारण भी महिलाओं को पीसीओडी की समस्या हो सकती है। आइए काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट साक्षी अग्रवाल से जानने की कोशिश करते हैं कि चाइल्डहुड ट्रॉमा और पीसीओडी में क्या कनेक्शन है?
चाइल्डहुड ट्रॉमा और पीसीओडी में कनेक्शन
बचपन में मिले ट्रॉमा के कारण आपको क्रोनिक तनाव हो सकता है, जो आपके शरीर में हार्मोन को सही ढंग से काम करने से रोक सकता है और पीसीओडी का कारण बन सकता है। बचपन में शारीरिक या मानसिक तौर पर हुए दुर्व्यवहार या हिंसा जैसे कारणों से आपके दिमाग में कही न कही वो डर बना रहता है, जिसका असर बड़े होने के बाद भी आपके सेहत पर पड़ सकता है। लंबे समय तक रहने के कारण इस तरह के तनाव शरीर की तनाव प्रतिक्रिया प्रणाली, खासकर, हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रेनल (एचपीए) एक्स को बदल देते है, जिससे हार्मोन असंतुलन के कारण पीसीओडी की समस्या हो सकती है।
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चाइल्डहुड ट्रॉमा हार्मोन संतुलन को कैसे प्रभावित करता है?
एचपीए एक्स हार्मोन संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में बचपन में मिले ट्रॉमा के कारण आपको क्रोनिक तनाव हो सकता है। क्रोनिक तनाव आपके कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को बाधित करता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध और वजन बढ़ने की समस्या होती है। इतना ही नहीं, यह एंड्रोजन हार्मोन को प्रभावित करता है, जिससे एक्ने, बालों का झड़ना और पुरुषों में गंजापन होता है। साथ ही, चाइल्डहुड ट्रॉमा के कारण होने वाले क्रोनिक तनाव से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन संतुलन प्रभावित होता है, जिससे अनियमित पीरियड साइकिल औऱ प्रजनन से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।
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चाइल्डहुड ट्रॉमा के कारण होने वाले पीसीओडी से कैसे राहत पाएं?
1. थेरेपी: अपने ट्रॉमा से बाहर आने और खुद को स्वस्थ रखने के लिए आप मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की मदद ले सकते है।
2. लाइफस्टाइल में बदलाव: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन तकनीकें जैसे योग और ध्यान करें, जो हार्मोन संतुलन को बढ़ावा देते हैं।
3. मेडिकल केयर: नियमित जांच और अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करने से आपको इस ट्रॉमा से जल्द बाहर आने में मदद मिलेगी।
4. लोगों की मदद लें: अपना अनुभव अपने दोस्तों या किसी ऐसे व्यक्ति से शेयर करें, जो खुद भी इस तरह की समस्या से गुजरा हो।
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चाइल्डहुड ट्रॉमा और पीसीओडी के बीच कनेक्शन वास्तव में होता है। इस लिंक के बारे में जानने से और अपने ट्रॉमा से बाहर आने की कोशिश करने से महिलाएं पीसीओडी जैसी लाइफस्टाइल डिजीज से बचाव कर सकती हैं। इसलिए अपने शारीरिक तौर पर स्वास्थ्य रहने के लिए अपने मानसिक हेल्थ पर भी फोकस करें।
Image Credit: Freepik
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