How To Get Periods Back After Weight Loss: पीरियड्स महिलाओं की जिंदगी का हिस्सा है। किसी को पीरियड्स में ब्लड फ्लो ज्यादा आता है, तो वहीं किसी को ब्लड फ्लो कम रहता है। किसी के लिए तीन दिन पीरियड्स होना भी नॉर्मल है, तो कुछ महिलाओं को 7 दिन तक ब्लीडिंग होती है। पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं हर महिला के लिए अलग-अलग होती हैं। लेकिन हर महीने रेगुलर पीरियड्स आना सभी के लिए जरूरी है। रेगुलर पीरियड्स न होने के कई कारण हो सकते हैं। अगर महिला को पीसीओएस या पीसीओडी जैसी समस्याएं हैं, तो ऐसे में पीरियड्स इर्रेगुलर हो सकते हैं। इसके अलावा कई महिलाओं को वेट लॉस करने के बाद इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या हो जाती है। खासकर जो महिलाएं कम समय में ज्यादा वजन घटाती हैं, तो ऐसे में हार्मोन्स पर असर पड़ता है। लंबे समय तक डाइट और इंटेंस वर्कआउट करने के ब्लड फ्लो रूक जाता है। जिस कारण कई महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं। लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव करके इस स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है। कंसल्टेंट रेडियोलॉजिस्ट डॉ नूरी ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है। चलिए लेख के माध्यम से जानें इस बारे में।
रुके हुए पीरियड्स को नॉर्मल करने के लिए क्या करना चाहिए? How To Get Regular Periods After Weight Loss
सबसे पहले डॉक्टर से मिलकर समस्या का पता लगाना चाहिए। इसके साथ आप इन चीजों को फॉलो कर सकते हैं-
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पोषक तत्वों पर ध्यान दें- Focus on Nutrition
वेट लॉस बहुत ज्यादा करने के कारण यह स्थिति आती है। इसलिए अपना कैलोरी इनटेक धीरे-धीरे बढ़ाने पर ध्यान दें। आपको अपनी बॉडी में हेल्दी वेट मेंटेन करना होगा जिससे पीरियड्स भी रेगुलर हो पाएं। इसलिए बैलेंस डाइट लेने की आदत बनाएं। डाइट में हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और कार्ब्स को पर्याप्त मात्रा में लें। हार्मोन्स रेगुलर करने के लिए हेल्दी फैट्स बढ़ाना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसलिए अपनी डाइट में नट्स, एवोकाडो, सीड्स, ऑलिव ऑयल और फैटी फिश एड करें।
धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं- Gain Slowly
ज्यादा वेट लॉस करने से हार्मोन्स इंबैलेंस होते हैं। इस कारण ही यह स्थिति हो सकती हैं। ऐसे में आपको बॉडी में हेल्दी वेट मेंटेन करने की जरूरत होगी। इसलिए किसी हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें और हेल्दी वेट मेंटेन करने पर काम करना शुरू करें।
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शारीरिक तनाव से दूरी बनाएं- Physical Stress
मानसिक तनाव के साथ शारीरिक तनाव से भी दूरी बनाकर रखें। इंटेंस वर्कआउट से हार्मोन्स और आपके वेट पर ज्यादा असर पड़ सकता है। इसलिए कार्डियो, योगा या लाइट एक्सरसाइज करने पर ध्यान दें। इनसे आपकी बॉडी एक्टिव रहेगी और आपको वेट मेंटेन करने में मदद मिलेगी।
मानसिक तनाव से दूरी बनाएं- Mental Stress
साइकोलॉजिकल स्ट्रेस आपकी पीरियड्स साइकिल को इंबैलेंस करने की वजह बन सकता है। इसके कारण आपकी पीरियड्स साइकिल को नुकसान हो सकता है। इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक जैसे मेडिटेशन, माइंडफुलनेस और थेरेपी की मदद लें।
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हार्मोन हेल्थ पर काम करें- Work on Hormone Health
हार्मोन्स के इंबैलेंस होने की वजह से भी पीरियड्स साइकिल इंबैलेंस होती है। इसलिए अपनी हार्मोन हेल्थ पर काम करें। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह पर पीरियड्स आने वाली दवा भी खा सकते हैं। इससे पीरियड्स साइकिल को रेगुलर करने में मदद मिल सकती है।
इन तरीकों को अपनाकर आप पीरियड्स साइकिल को बैलेंस कर सकते हैं। लेकिन परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
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