
PCOD in Hindi: आजकल महिलाओं में पीसीओडी (Polycystic Ovarian Disease) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। लाइफस्टाइल में बदलाव के चलते हार्मोन बैलेंस न हो पाने के कारण महिलाएं इसकी चपेट में आ रही हैं। इस हार्मोनल डिसऑर्डर की वजह से न सिर्फ प्रेग्नेंसी में दिक्कत आती है, बल्कि पीरियड्स और मेनोपॉज में भी काफी दिक्कतें आती हैं। क्या PCOD की वजह से हार्ट को भी नुकसान हो सकता है? यह सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन इसकी सच्चाई जानना भी जरूरी है। इसलिए हमने दिल्ली के अपोलो स्पैक्ट्रा अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अंकेश अग्रवाल (Dr. Ankesh Aggarwal, Senior Consultant - Cardiology, Apollo Spectra Hospital, Delhi) से बात की। उन्होंने PCOD और हार्ट डिजीज की बात करने से पहले PCOD के बारे में बताया।
पीसीओडी क्या है? - What is PCOD in Hindi?
डॉ. अंकेश ने बताया कि PCOD में महिलाओं की ओवरीज में छोटे-छोटे सिस्ट बनने लगते हैं और इसकी वजह से हार्मोन में बैलेंस नहीं रहता। महिलाओं में एस्ट्रोजन (Estrogen) का लेवल बढ़ जाता है और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) का स्तर कम हो जाता है। इस वजह से शरीर में एंड्रोजन जिसे पुरुष हार्मोन कहते हैं, उसका स्तर भी सामान्य से अधिक हो सकता है। इसी कारण महिलाओं के पीरियड्स लेट होना, वजन बढ़ना, बाल झड़ना, प्रेग्नेंसी को लेकर दिक्कतें हो सकती हैं। इसके साथ हार्ट की हेल्थ पर भी असर पड़ता है।
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क्या PCOD हार्ट हेल्थ का रिस्क बढ़ाता है?
डॉ. अंकेश कहते हैं कि PCOD सिर्फ हार्मोन की समस्या नहीं है बल्कि यह सिस्टमेटिक परेशानी है, जो पूरे शरीर पर असर डालती है। इससे शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं और फिर यह सब मिलकर हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं।
- हार्मोनल असंतुलन - एस्ट्रोजन बढ़ने और प्रोजेस्टेरोन घटने से हार्मोनल इम्बैलेंस होता है। इस वजह से आर्टरीज पर असर पड़ता है।
- स्ट्रेस लेवल बढ़ना - PCOD की वजह से स्ट्रेस बढ़ता है जो हार्ट पर प्रेशर डालता है।
- सूजन होना - PCOD के कारण शरीर के अंदर सूजन बढ़ जाती है और इस सूजन की वजह से आर्टरी में ब्लॉकेज या क्लॉट बनने का रिस्क बढ़ जाता है।
- हाई बीपी होना - लंबे समय तक जिन महिलाओं को PCOD रहता है, उन्हें हाई बीपी की समस्या हो सकती है। लगातार बढ़े हुए High BP के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क बढ़ सकता है।
- कोलेस्ट्रॉल बढ़ना - PCOD में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ने लगता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) घटने लगता है। इससे आर्टरी सख्त हो जाती है और हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
PCOD और हार्ट डिजीज के बारे में रिसर्च क्या कहती है?
कई रिसर्च में साबित हो चुका है कि PCOD के कारण महिलाओं में मेटाबॉलिक सिंड्रोम, डायबिटीज और कार्डियोवेस्कुलर डिजीज का रिस्क सामान्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के अनुसार, पीसीओडी महिलाओं में हार्ट डिजीज का जोखिम 2 गुना बढ़ा सकता है। वहीं NIH की रिपोर्ट में बताया गया है कि पीसीओडी और इंसुलिन रेजिस्टेंस एक साथ होने पर हार्ट डिजीज का रिस्क और भी ज्यादा हो जाता है।
PCOD ग्रस्त महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
डॉ. अंकेश अग्रवाल ने PCOD से पीड़ित महिलाओं को अपने रोजाना के रूटीन में कुछ बदलाव करने की सलाह दी है।
- घर की बनी बैलेंस्ड डाइट जरूरी - हाई फाइबर और प्रोटीन युक्त फूड्स अपनी डाइट में शामिल करें। हरी सब्जियां, फल, दालें और साबुत अनाज को रोजाना की डाइट में जरूर रखें।
- वजन पर कंट्रोल रखें - ओवरवेट PCOD के रिस्क को बढ़ा देता है और साथ ही हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ सकता है। रोजाना कसरत जरूर करें या फिर सुबह शाम 30 मिनट हल्की ब्रिस्क वॉक जरूर करें।
- स्ट्रेस मैनेज करें - मेडिटेशन और योगा से स्ट्रेस लेवल कम करें। इससे हार्मोन संतुलित रहेंगे। समय पर सोने और उठने की आदत जरूर बनाएं।
- रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं - ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की जांच समय-समय पर कराते रहें।
- स्मोकिंग और अल्कोहल बिल्कुल छोड़ दें - इन दोनों आदतों से हार्मोन का बैलेंस बिगड़ता है और ये दोनों आदतें हार्ट अटैक के रिस्क को बढ़ा देते हैं।
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PCOD ग्रस्त महिलाओं को ये लक्षण ध्यान में रखने चाहिए
डॉ. अंकेश ने बताया कि PCOD की समस्या होने पर महिलाओं को शरीर में हो रहे बदलावों पर खास ध्यान रखना चाहिए। अगर PCOD की समस्या काफी लंबे समय से है, तो इन लक्षणों पर नजर रखना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
- छाती में दर्द या प्रेशर महसूस होना
- धड़कन तेज होना
- हार्ट बीट रेगुलर न होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- लगातार थकान और चक्कर आना
- ब्लड प्रेशर और शुगर का लगातार बढ़ना
निष्कर्ष
डॉ. अंकेश कहते हैं कि PCOD की समस्या को महिलाएं सिर्फ प्रेग्नेंसी या पीरियड्स से ही जोड़कर देखती हैं और इस वजह से कई बार इस समस्या को इग्नोर भी कर देती हैं। अगर PCOD का समय पर इलाज न कराया जाए, तो हार्मोन का असंतुलन हार्ट पर भी असर डाल सकता है। हालांकि इसका असर तुरंत नहीं दिखता, लेकिन लंबे समय तक PCOD की समस्या रहने पर हार्ट पर भी प्रभाव पड़ने लगता है। इसलिए लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ रेगुलर चेकअप कराना बहुत जरूरी है।
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Oct 08, 2025 07:03 IST
Published By : Aneesh Rawat