Which Is Severe PCOS or PCOD: पीसीओएस और पीसीओडी दोनों ही हार्मोन्स इंबैलेंस के कारण होने वाली समस्याएं हैं। इन दोनों ही समस्याओं में बॉडी में मेल हार्मोन बढ़ जाता है। साथ ही, इंसुलिन रेजिस्टेंस भी होने लगता है। इन हार्मोनल डिसऑर्डर के कारण महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पीरियड्स इर्रेगुलर और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, चेहरे पर एक्ने और फेशियल हेयर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। कई लोग मानते हैं कि पीसीओएस की समस्या पीसीओडी से ज्यादा गंभीर होती है। क्योंकि, पीसीओडी में लक्षण पीसीओएस से हल्के होते हैं। लेकिन क्या ऐसा वाकई होता है? क्या पीसीओएस की समस्या पीसीओडी से ज्यादा गंभीर होती है?
इन प्रश्नों के जवाब जानने के लिए हमने एलांटिस हेल्थकेयर दिल्ली के मैनेजिंग डायरेक्टर, इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मनन गुप्ता (Dr. Mannan Gupta, Obstetrician, Gynecologist and Infertility Specialist, New delhi) से। आइए लेख में एक्सपर्ट से जानें इस बारे में।
पहले जानें पीसीओएस की समस्या पीसीओडी से कैसे अलग है? How PCOS Is Different From PCOD
पीसीओएस और पीसीओडी दोनों समस्याओं को लोग एक जैसा समझ लेते हैं। जबकि ये दोनों ही समस्याएं अलग-अलग होती हैं। पीसीओएस को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कहा जाता है, जबकि पीसीओडी को पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज कहा जाता है। पीसीओएस और पीसीओडी दोनों ही समस्याओं में ओवरी में सिस्ट हो जाते हैं। पीसीओएस की समस्या में ओवरी में सिस्ट बड़े और कई सारे होते हैं। जबकि पीसीओडी की समस्या में ये सिस्ट कम और छोटे होते हैं। पीसीओएस में डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा रहता है। लेकिन पीसीओडी में इन बीमारियों का खतरा कम होता है। पीसीओएस की समस्या में मेंटल और इमोशनल हेल्थ पर ज्यादा फर्क पड़ता है। जबकि पीसीओडी की समस्या में इमोशनल हेल्थ से जुड़े इशुज कम होते हैं।
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क्या पीसीओएस की समस्या पीसीओडी से ज्यादा गंभीर है? Is PCOS More Serious Than PCOD
पीसीओडी की समस्या में ओवरी कई सारे इमैच्योर और कुछ मैच्योर एग ही प्रड्यूज करती है। पूरी तरह मैच्योर न होने के कारण ये एग्स सिस्ट में बदल जाते हैं। जबकि पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जिसमें ओवरिज कई सारे एण्ड्रोजन (मेल हार्मोन) प्रड्यूज करती है। इसके कारण ज्यादा परेशानियां हो सकती हैं। दोनों ही समस्याओं में इर्रेगुलर पीरियड्स, वेट गेन, एक्ने और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन पीसीओएस की समस्या पीसीओडी से ज्यादा गंभीर होती है। पीसीओएस के कारण लंबे समय में गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
पीसीओएस के कारण किन समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है?
पीसीओएस को अगर कंट्रोल न रखा जाए, तो यह भविष्य में गभीर बीमारियों की वजह बन सकती है। इसके कारण महिला को भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा हो सकता है।
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क्या दोनों ही समस्याएं ठीक हो सकती हैं?
एक्सपर्ट के मुताबिक, पीसीओडी की समस्या को लाइफस्टाइल चेंजेस और डाइट के जरिए कंट्रोल रखा जा सकता है। इससे भविष्य में समस्या बढ़ने की संभावना भी कम हो जाती है। लेकिन, पीसीओएस को मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल चेंजेस के साथ दवाईयां लेनी जरूरी होती हैं। पीसीओएस के कारण मेटाबॉलिक और कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन समय पर इनके लक्षणों का पता लगाकर दोनों ही समस्याओं को कंट्रोल रखा जा सकता है।
निष्कर्ष
एक्सपर्ट के मुताबिक, पीसीओएस और पीसीओडी दोनों समस्याओं को लोग एक जैसा समझ लेते हैं। जबकि ये दोनों ही समस्याएं अलग-अलग होती हैं। पीसीओएस की समस्या पीसीओडी से ज्यादा गंभीर होती है। पीसीओएस के कारण लंबे समय में गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन समय पर इनके लक्षणों का पता लगाकर दोनों ही समस्याओं को कंट्रोल रखा जा सकता है। लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।
FAQ
क्या पीसीओडी और पीसीओएस अलग-अलग हैं?
पीसीओएस और पीसीओडी दोनों समस्याओं को लोग एक जैसा समझ लेते हैं। जबकि ये दोनों ही समस्याएं अलग-अलग होती हैं। इन दोनों ही समस्याओं के कई लक्षण एक जैसे होते हैं। लेकिन ज्यादातर समस्याएं अलग-अलग होती हैं।कौन सा ज्यादा हानिकारक है, पीसीओडी या पीसीओएस?
पीसीओएस की समस्या पीसीओडी से ज्यादा गंभीर होती है। पीसीओएस के कारण लंबे समय में गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन पीसीओडी की समस्या को लाइफस्टाइल चेंजेस और डाइट के जरिए कंट्रोल रखा जा सकता है। इससे भविष्य में समस्या बढ़ने की संभावना भी कम हो जाती है।हमें कैसे पता चलेगा कि हमारा पीसीओडी ठीक हो गया है?
अगर पीसीओडी से जुड़े सभी लक्षण ठीक होना शुरु हो गए हैं, तो यह पीसीओडी ठीक होने की ओर इशारा करता है। अगर आपके पीरियड्स रेगुलर हो गए हैं और पीरियड्स के दौरान ज्यादा समस्या नहीं होती है। अगर आपकी स्किन और हेयर हेयर हेल्थ इंप्रूव हुई है, तो यह भी पीसीओडी ठीक होने का लक्षण होता है।