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पीसीओएस के लक्षणों को कम करने के लिए करें ये योगासन

कई महिलाओं को अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने की समस्या होती है, जिससे पीसीओएस जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होती हैं। ऐसे में इसके लक्षणों को कम करने के लिए कुछ योगासनों को किया जा सकता है। आइए लेख में जानें -
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पीसीओएस के लक्षणों को कम करने के लिए करें ये योगासन


Yogasanas To Reduce Symptoms Of PCOS In Hindi: आज के समय में भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के कारण कई महिलाओं को शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने और पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) जैसी हार्मोनल समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, इनफर्टिलिटी, स्ट्रेस, वजन बढ़ने, पेल्विक पेन, बालों के झड़ने, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ने, थकान, मुंहासों और पाचन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पीसीओएस के लक्षणों को कम करने के लिए नियमित रूप से कुछ योगासनों को किया जा सकता है। आइए दिल्ली में स्थित वेदांत योग फाउंडेशन के फाउंडर, योग गुरु ओम प्रकाश (Yoga Guru Om Prakash, Founder of Vedanta Yoga Foundation, Delhi) से जानें पीसीओएस के लक्षणों को कम करने के लिए कौन से योगासनों को किया जा सकता है?

पीसीओएस के लक्षणों को कम करने के लिए योगासन - Yogasanas To Reduce PCOS Symptoms In Hindi

सेतुबंधासन करें

सेतुबंधासन को नियमित रूप से करने से पीठ और जांघों जैसे शरीर के निचले हिस्से को मजबूती देने स्ट्रेस कम करने और बालों को झड़ने से रोकने जैसे पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।

कैसे करें सेतुबंधासन?

- सेतुबंधासन को करने के लिए जमीन पर सीधे लेट जाएं और घुटनों को मोड़ लें।
- अब सांस छोड़ते हुए कूल्हों के हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
- इस स्थिति में सांस लेते और छोड़ते रहें और 10-15 सेंकड के लिए रुकें।
- अब धीरे-धीरे नीचे की ओर आएं और सीधे लेट जाएं।
- इस प्रक्रिया को 3-4 बार दोहराया जा सकता है।

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बालासन करें

पीसीओएस के लक्षणों को कम करने के लिए बालासन को करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इसको नियमित रूप से करने से पेट के निचले हिस्से को मजबूती देने और शरीर के निचले हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

कैसे करें बालासन?

- बालासन को करने के लिए घुटनों को मोड़ कर इनके बल पर बैठ जाएं।
- अब घुटनों के बीच थोड़ा गैप बना लें।
- अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और माथे को जमीन पर रखें।
- ध्यान रहे, इस दौरान कमर को सीधा रखें।

भुजंगासन करें

भुजंगासन को करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देने, मांसपेशियों को मजबूती देने, पाचन में सुधार करने. पेट की चर्बी को कम करने और शरीर को एनर्जी देने में सहायक है, साथ ही, यह पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में भी सहायक है।

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कैसे करें भुजंगासन?

- भुजंगासन को करने के लिए जमीन पर उल्टा लेट जाएं।
- अब हाथों हथेलियों के बल पर को सीने के पास रखें।
- इसके बाद धीरे-धीरे सांस लेते हुए ऊपर की ओर उठें।
- इस स्थिति में 10 सेकंड के लिए रुकें और फिर सांस छोड़ते हुए नीचे आ जाएं।

प्राणायाम करें

पीसीओएस की समस्या में अक्सर महिलाओं को स्ट्रेस और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। इससे राहत के लिए अनुलोम-विलोम, कपालभाति जैसे प्राणायाम को करना फायदेमंद है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने, ब्रेन को रिलैक्स करने और मन को शांत करने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

कैसे करें कपालभाति प्राणायाम?

- कपालभाति प्राणायाम को करने के लिए कमर को सीधा करके सुखासन में बैठ जाएं।
- अब दोनों नाक से जोर से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर ले जाएं।
- इसके बाद सांस लेते हुए और पेट को बाहर की तरफ छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को शुरुआत में 10-15 बार दोहराया जा सकता है।

तितली आसन करें

तितली आसन को नियमित रूप से करने से कूल्हों और जांघों में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने और स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है, इससे पीसीओएस के लक्षणों को कम करने और स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद मिलती है।

कैसे करें तितली आसन?

- इसके लिए पीठ को सीधा करके और पैरों को फैलकर जमीन पर बैठ जाएं।
- अब पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए तलवों को एक-दूसरे की ओर रखते हुए मिलाएं।
- इसके बाद पैरों के दोनों अंगूठों को हाथों से पकड़ लें।
- घुटने से पैरों को ऊपर-नीचे की ओर हिलाएं।
- इस प्रक्रिया को 5 मिनट तक किया जा सकता है।

निष्कर्ष

पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम महिलाओं को होने वाली एक हार्मोनल समस्या है। इस समस्या के कारण महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पीसीओएस के लक्षणों को कम करने के लिए नियमित रूप से भुजंगासन, सर्वांगासन, प्राणायाम और धनुरासन जैसे योगासनों को किया जा सकता है। इनको करने से स्वास्थ्य को भी कई लाभ मिलते हैं।

ध्यान रहे, किसी भी मेडिकल कंडीशन या स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह और योग प्रशिक्षक की निगरानी में ही इन योगासनों को करें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • पीसीओएस के 5 लक्षण क्या हैं?

    पीसीओएस की समस्या होने पर महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, बालों के झड़ने, मुहांसे, फेशियल हेयर और वजन बढ़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • पीसीओडी को ठीक करने के लिए कौन से घरेलू उपाय हैं?

    पीसीओडी की समस्या से राहत के लिए हेल्दी और पोषक तत्वों से युक्त फल, सब्जियों, नट्स, सीड्स और साबुत अनाज को डाइट में शामिल करें। इससे स्वास्थ्य को हेल्दी रखने में भी मदद मिलती है।
  • पीसीओएस में क्या नहीं खाना चाहिए?

    पीसीओएस की समस्या शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने के कारण हो सकती है। ऐसे में इस समस्या से राहत के लिए प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, तले-भूने, मसालेदार फूड्स के सेवन से बचें। इसके अलावा, अधिक मीठा खाने से भी बचें। 

 

 

 

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