Yogasan For PCOD: योगा के अभ्यास से संपूर्ण स्वास्थ्य को फायदा होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक योग से पूरे शरीर पर असर पड़ता है। इससे बॉडी फ्लेक्सिबल रहती है। माइंड रिलैक्स होता है और फिटनेस मेंटेन करने में मदद मिलती है। इनके अलावा, महिलाओं को होने वाले हार्मोनल इशु पीसीओडी में भी योगा करना फायदेमंद है। पीसीओडी में होने वाले रिप्रोडक्टिव और पीरियड्स इशुज को योगा के जरिये ठीक किया जा सकता है। ऐसे कई योगासन हैं, जिन्हें पीसीओडी के लिए फायदेमंद माना जाता है। आज इस लेख में हम ऐसे ही कई योगासन पर बात करेंगे। इनके बारे में जानने के लिए हमने बात कि लखनऊ के योगवशी (Yogvashi) योगा इंस्टीट्यूट की योगा एक्सपर्ट वैशाली सिंह से।
पीसीओडी की समस्या में जरूर करें ये योगासन- Yogasan to Cure PCOD
सेतु बंधासन- Setu Bandhasana
पीसीओडी में सेतु बंधासन का अभ्यास करना बहुत फायदेमंद है। इस योग से रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़ी समस्याएं ठीक होती हैं। जो महिलाएं कंसीव करना चाहती हैं उनके लिए यह योग फायदेमंद है। इसके अभ्यास से लंग्स केपेसिटी इंप्रूव होती है। साथ ही, पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं भी ठीक होती हैं।
मलासन- Malasana
मलासन पेल्विक एरिया के लिए बहुत फायदेमंद है। यह योगासन करने से पेल्विक एरिया पर प्रेशर पड़ता है, तो पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं ठीक होती हैं। इसके अभ्यास से पेल्विक एरिया का सर्कुलेशन और ब्लड फ्लो ठीक होता है। रोज मलासन करने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।
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तितली आसन- Butterfly pose
तितली आसन करने से भी पेल्विक और थाई एरिया पर प्रेशर बढ़ता है। इससे पेल्विक एरिया तक ब्लड सर्कुलेशन ठीक से होता है। इससे पीरियड्स में होने वाली परेशानियों में आराम मिलता है। हार्मोन बैलेंस होते हैं और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन भी हेल्दी बनते हैं। पीरियड्स इर्रेगुलर होने पर योगा एक्सपर्ट्स अक्सर यह योग करने की सलाह देते हैं।
बद्धकोणासन- Baddha Konasana
बद्धकोणासन महिलाओं को होने वाली कई समस्याओं में फायदेमंद है। यह पेल्विक रीजन को खोलता है और मसल्स को रिलैक्स करता है। इस योग के अभ्यास से पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याएं कम होती हैं। बद्धकोणासन रोज करने से रिप्रोडक्टिव हेल्थ को भी फायदा होता है।
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भुजंगासन- Bhujangasana
पीसीओडी में जिन्हें पेट की चर्बी कम करनी है, उनके लिए यह बेहतरीन आसन है। इसके अभ्यास से स्ट्रेस कम होता है और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। भुजंगासन करने से पेट पर प्रेशर पड़ता है जिससे एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं ठीक होती हैं। इसके अभ्यास से ओवरी फंक्शन भी इंप्रूव होता है।
धनुरासन- Dhanurasana
धनुरासन को धनुष आसन भी कहा जाता है। इसके अभ्यास से पीसीओडी में हार्मोन्स बैलेंस करने में मदद मिलती है। धनुरासन के अभ्यास से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन स्ट्रांग होते हैं। यह पीरियड्स साइकिल को रेगुलेट करने में मदद करता है। इस योगासन के अभ्यास से छाती, गर्दन और कंधों की कोर मसल्स खुलती हैं। यह योग ओवरऑल हेल्थ पर काम करता है और हार्मोन हेल्थ भी बूस्ट करता है।
पीसीओडी में इन योगासन के अभ्यास से समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है। अगर आपकी कोई सर्जरी हुई है, तो एक्सपर्ट की सलाह पर ही ये योगासन अपनाएं। अगर इस लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर जरूर करें।
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