Doctor Verified

बार-बार टेंशन लेने से क्या किडनी हो जाती है कमजोर? डॉक्टर से जानें

मॉडर्न जिंदगी में काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां, आर्थिक चिंता और अन्य मानसिक तनाव आम हो गए हैं। यहां जानिए, क्या लंबे समय तक स्ट्रेस लेने से किडनी खराब होती है?
  • SHARE
  • FOLLOW
बार-बार टेंशन लेने से क्या किडनी हो जाती है कमजोर? डॉक्टर से जानें


क्या आपने कभी सोचा है कि जो तनाव आप रोज महसूस करते हैं, काम का दबाव, रिश्तों की उलझनें, पैसे की चिंता या भविष्य का डर, वह सिर्फ आपके दिमाग तक ही सीमित नहीं रहता? दरअसल, जब हम लगातार मानसिक दबाव में रहते हैं, तो शरीर के भीतर कई बदलाव शुरू हो जाते हैं। दिल की धड़कन तेज होती है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है, नींद उड़ जाती है और धीरे-धीरे यह पूरा तनाव हमारे अंगों पर असर डालने लगता है। अक्सर जब तनाव की बात होती है तो हम उसे मानसिक या भावनात्मक समस्या मानकर टाल देते हैं, लेकिन यही तनाव (Chronic Stress) शरीर के अंदर ऐसी प्रतिक्रियाएं शुरू कर देता है, जो गुर्दों (Kidneys) को भी प्रभावित कर सकती हैं। इस लेख में फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. कुणाल राज गांधी (Dr. Kunal Gandhi, Senior Consultant, Nephrology) से जानिए, क्या लंबे समय तक स्ट्रेस लेने से किडनी खराब होती है?

क्या लंबे समय तक स्ट्रेस लेने से किडनी खराब होती है? - Does Chronic Stress Damage Kidneys

डॉ. कुणाल राज गांधी बताते हैं, ''लंबे समय से चले आ रहे स्ट्रेस का किडनी पर सीधा असर पड़ता है। लगातार बढ़ा हुआ तनाव शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है, जिससे ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होते हैं। यही दोनों कारक धीरे-धीरे गुर्दों की कार्यक्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं। लोगों को तनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए।'' डॉ. गांधी कहते हैं कि जो लोग पहले से ब्लड प्रेशर या डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें स्ट्रेस का असर और भी तेजी से नुकसान पहुंचा सकता है।

इसे भी पढ़ें: क्या चिंता से पेट की समस्याएं हो सकती हैं? डॉक्टर से जानें

रिसर्च क्या कहती है?

NCBI की रिसर्च बताती है कि कैसे विभिन्न प्रकार के तनाव (psychosocial stress, oxidative stress आदि) गुर्दे की बीमारी (CKD) की प्रगति में योगदान कर सकते हैं। लगातार मानसिक दबाव हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसे प्रमुख कारणों को बढ़ावा देता है, जो किडनी फेल्योर के मुख्य जोखिम कारक हैं।

इसे भी पढ़ें: क्या कम पानी पीने से बढ़ जाता है स्ट्रेस? जानें डॉक्टर से पानी पीने के आसान तरीके

can chronic stress damage kidneys

कौन हैं सबसे अधिक जोखिम में?

डॉ. गांधी के अनुसार, ''वे लोग जो लंबे समय से तनाव में जी रहे हैं, नींद पूरी नहीं करते, ज्यादा कैफीन या जंक फूड लेते हैं और जिनकी लाइफस्टाइल असंतुलित है, वे सबसे अधिक जोखिम में होते हैं।''

  • ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीज
  • मोटापे से ग्रस्त लोग
  • धूम्रपान या अल्कोहल का सेवन करने वाले
  • मानसिक रूप से डिप्रेशन या चिंता से जूझ रहे लोग

तनाव कम करने के उपाय

  • तनाव को कम करना ही किडनी को बचाने का सबसे सरल तरीका है।
  • रोजाना योग, ध्यान और प्राणायाम करें।
  • 7-8 घंटे की नींद पूरी लें।
  • बैलेंस डाइट लें, ज्यादा नमक और चीनी से बचें।
  • स्क्रीन टाइम कम करें और नियमित एक्सरसाइज को दिनचर्या में शामिल करें।
  • यदि मानसिक दबाव बहुत अधिक है, तो डॉक्टर से बात करें।

निष्कर्ष

लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव सिर्फ मानसिक नहीं, बल्कि शारीरिक बीमारी की जड़ बन सकता है। गुर्दे हमारे शरीर की सफाई करते हैं, यदि तनाव, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल नहीं किया गया, तो धीरे-धीरे किडनी से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

All Images Credit- Freepik

Read Next

क्या बुजुर्गों में कम क्रिएटिनिन आम है? डॉक्टर से जानें

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Oct 12, 2025 13:50 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

TAGS