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क्या ओवरथिकिंग की वजह से आपको ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है? डॉक्टर से जानें

करियर तो कभी पढ़ाई को लेकर लोगों में किसी न किसी तरह का स्ट्रेस रहता ही है। लेकिन, क्या किसी चीज को बार-बार सोचने से आपके ब्लड प्रेशर पर प्रभाव पड़ सकता है? आगे जानते हैं कि ओवर थिकिंग से ब्लड प्रेशर पर क्या असर पड़ता है?
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क्या ओवरथिकिंग की वजह से आपको ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है? डॉक्टर से जानें


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी कभी न कभी "ओवरथिंकिंग" यानी जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत के शिकार हो जाते हैं। चाहे वह किसी पुराने अनुभव को लेकर हो, भविष्य की चिंता हो या किसी फैसले को लेकर असमंजस — हमारा दिमाग बिना रुके चलता रहता है। कई लोग इसे सामान्य बात समझते हैं, लेकिन कई बार यह सामान्य सी लगने वाली समस्या आपकी सेहत पर गंभीर असर दिखा सकती है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ओवरथिकिंग करने से व्यक्ति के शरीर के कार्यों में बदलाव आता है। जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर और डिप्रेशन आदि की समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। इस लेख में अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट जनरल मेडिसिन डॉ भरत अग्रवाल से जानते हैं कि क्या अधिक सोचने की वजह से ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) की समस्या हो सकती है?

ओवरथिंकिंग और हाई ब्लड प्रेशर क्या होता है? - What Is Overthinking And High Blood Pressure In Hindi

ओवरथिंकिंग का मतलब है किसी बात को बार-बार सोचना, उसके बारे में चिंता करना, कल्पनाएं करना, और नकारात्मक परिणामों की आशंका में डूबे रहना। यह मानसिक थकावट पैदा करता है और धीरे-धीरे व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक सेहत पर असर डालता है।

ब्लड प्रेशर वह दबाव होता है जिससे रक्त, नसों की दीवारों पर दबाव डालते हुए पूरे शरीर में सर्कुलेट होता है। जब यह दबाव सामान्य सीमा (120/80 mmHg) से ज्यादा हो जाए, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहा जाता है।

क्या ओवरथिंकिंग से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है? - Does Overthinking Increase Blood Pressure In Hindi

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ओवरथिंकिंग एक प्रकार का मानसिक तनाव (Mental Stress) है, और तनाव हमारे शरीर में कई हार्मोनल बदलाव लाता है जो सीधे ब्लड प्रेशर को प्रभावित करते हैं। जब हम किसी बात को लेकर ज्यादा सोचते हैं तो शरीर में कॉर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे तनाव हार्मोन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन दिल की धड़कन तेज करते हैं, रक्त वाहिकाओं को संकुचित करते हैं, मांसपेशियों में तनाव बढ़ाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ा सकते हैं। इन सबके मिले-जुले प्रभाव से ब्लड सर्कुलेश में बढ़ोतरी हो सकती है।

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लंबे समय तक ओवरथिंकिंग से क्या हो सकता है?

अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक ओवरथिंकिंग करता है, तो उसका ब्लड प्रेशर लगातार हाई बना रह सकता है। इससे आगे चलकर कई समस्याएं हो सकती हैं। इनको आगे बताया गया है।

  • हाई ब्लड प्रेशर दिल की बीमारियों का मुख्य कारण है।
  • अत्यधिक ब्लड प्रेशर ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ाता है।
  • ब्लड प्रेशर की वजह से किडनी की ब्लड वैसल्स डैमेज हो सकती हैं।
  • ज्यादा सोचने से नींद नहीं आती और यह एक चक्र बन जाता है जो तनाव और ब्लड प्रेशर दोनों को बढ़ाता है।

ओवरथिंकिंग और हाई ब्लड प्रेशर से कैसे बचें? - How To Prevent Overthinking And High Blood Pressure In Hindi

  • प्रतिदिन 10-15 मिनट ध्यान करने से दिमाग शांत होता है और नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण आता है।
  • योग, वॉकिंग या किसी भी प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी तनाव को घटाकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है।
  • अपने विचारों को लिखने से मन हल्का होता है और ओवरथिंकिंग की प्रवृत्ति कम होती है।
  • रोजाना 7-8 घंटे की नींद न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य बल्कि ब्लड प्रेशर के लिए भी जरूरी है।
  • मित्रों और परिवार से बात करने से भावनात्मक सहयोग मिलता है और मनोवैज्ञानिक तनाव घटता है।
  • नमक, प्रोसेस्ड फूड, और कैफीन से दूरी बनाएं। फल, सब्जियां और पानी ज्यादा लें।

इसे भी पढ़ें: बहुत ज्यादा सोचने (ओवरथिंकिंग) की आदत से हैं परेशान? जानें इससे छुटकारा पाने के टिप्स

ओवरथिंकिंग एक मानसिक आदत है, लेकिन इसका असर शारीरिक रूप से भी पड़ता है। यह धीरे-धीरे ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है और कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। जरूरी है कि हम अपने सोचने के तरीके को बदलें, तनाव से बचें और जीवन को सरलता से लें। ध्यान, व्यायाम और सकारात्मक सोच अपनाकर हम न केवल अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख सकते हैं बल्कि मानसिक शांति भी पा सकते हैं।

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  • Current Version

  • Oct 11, 2025 18:57 IST

    Published By : Vikas Arya