आज के दौर में हर वर्ग के व्यक्ति अपने-अपने लक्ष्यों को पाने के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। हालांकि, कड़ी मेहनत और लगातार प्रयास से लक्ष्यों को पाना आसन होता है। लेकिन, कई बार लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास में व्यक्ति को सफलता के लिए असमंजसता हो सकती है और यही असमंजसता व्यक्ति में उदासीनता की वजह बन सकती है। उदासीनता (Sadness) होने पर शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। शरीर में होने वाले बदलावों का असर आपके हार्मोन्स पर पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति को ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव महसूस हो सकता है। साथ ही, कुछ मामलों में उदासी लंबे समय तक बने रहने की वजह से घबराहट और सांस लेने में भी परेशानी के लक्षण देखने को मिलते हैं। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ एसपी सिंह से जानते हैं कि क्या उदास होने पर व्यक्ति का ब्लड प्रेशर लो हो सकता है।
क्या उदासी लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है? - Does sadness cause low blood pressure?
लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure) को हाइपोटेंशन (Hypotension) कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी कम हो जाता है (सिस्टोलिक 90 mmHg से नीचे और डायस्टोलिक 60 mmHg से नीचे), तो उसे लो बीपी माना जाता है। इस स्थिति में शरीर के अंगों को पर्याप्त रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे चक्कर आना, कमजोरी, थकान, और कभी-कभी बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
स्टडी से पता चलते हैं कि व्यक्ति को डिप्रेशन होने पर मन में उदासीनता हो सकती है। यह उदासी या मानसिक अवसाद ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है, हालांकि इसका असर व्यक्ति की मानसिक स्थिति, शरीर की संवेदनशीलता और जीवनशैली पर भी निर्भर करता है। मानसिक अवसाद और उदासी के दौरान शरीर में हार्मोनल (सेरोटोनिन, डोपामिन और कोर्टिसोल) में परिवर्तन होते हैं। ये हार्मोन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में कुछ व्यक्तियों को उदासी होने पर ब्लड प्रेशर लो होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
उदासी होने पर ब्लड प्रेशर लो होने के संभावित कारण क्या हो सकते हैं? - What could be the possible reasons for low blood pressure during sadness in Hindi
नींद की कमी या अनियमितता
निराशा या उदासीनता होने पर व्यक्ति की नींद प्रभावित होती है। सही और पर्याप्त नींद न मिलने से शरीर में थकान हो सकती है। इसकी वजह से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर प्रभावित हो सकता है।
भूख न लगना और पोषण की कमी
उदासी के कारण कई मामलों में व्यक्ति खाना-पीना छोड़ देता है, जिससे शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। इससे ब्लड प्रेशर गिरावट आ सकती है।
शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना
मानसिक तनाव के कारण लोग अक्सर बिस्तर पर ज्यादा समय बिताते हैं या शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होते। इससे ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है और लो बीपी हो सकता है।
दवाइयों का असर
अवसाद या तनाव से पीड़ित लोग यदि एंटी-डिप्रेसेंट या एंटी-एंग्जायटी दवाएं लेते हैं, तो उनमें से कुछ दवाएं ब्लड प्रेशर को कम कर सकती हैं।
उदासी से कैसे बचाव करें? - Prevention Tips Of Sadness in Hindi
यदि उदासी के कारण आपका ब्लड प्रेशर लो हो रहा है, तो कुछ उपाय अपनाकर इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और नमकयुक्त खाद्य पदार्थ लें। संतुलित भोजन करें, भले ही मन न हो।
- धीरे-धीरे वॉक करना, योग या स्ट्रेचिंग जैसे व्यायाम करने से रक्तसंचार सुधरता है।
- कम से कम 7-8 घंटे की नींद अवश्य लें। नींद की गुणवत्ता भी उतनी ही जरूरी है।
- अकेलेपन से बाहर निकलने के लिए अपने दोस्तों और करीबियों के साथ समय बिताएं, जिससे मानसिक स्थिति में सुधार हो सके।
- इस स्थिति में मनोचिकित्सक की सलाह लें, यदि लंबे समय से उदासी बनी हुई है। तो ऐसे थैरेपी, मेडिटेशन और काउंसलिंग जैसे उपाय लाभदायक हो सकते हैं।
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उदासी और मानसिक तनाव सीधे तौर पर शरीर को प्रभावित कर सकते हैं, और उनमें से एक प्रभाव ब्लड प्रेशर लो हो सकता है। इस स्थिति को नजरअंदाज करना उचित नहीं है, क्योंकि लंबे समय तक बनी रही तो यह अन्य बीमारियों का कारण हो सकती है। स्वस्थ मानसिक स्थिति बनाए रखने के साथ-साथ संतुलित दिनचर्या, सही खानपान और समय पर मेडिकल सलाह लेकर आप इस समस्या से खुद को बचा सकते हैं।
FAQ
लो बीपी का घरेलू उपचार क्या है?
लो ब्लड प्रेशर (लो बीपी) को दूर करने के लिए आप कुछ घरेलू उपचार की मदद ले सकते हैं, जैसे नमक और पानी का सेवन, कैफीन युक्त ड्रिंक्स, और तनाव को दूर करने के लिए योग, एक्सरसाइज और पर्याप्त नींद लेना आदि।बीपी लो होने पर क्या खाना पीना चाहिए?
नमक युक्त भोजन, पोटेशियम युक्त भोजन (जैसे केला, आलू, और हरी पत्तेदार सब्जियां), फल और सब्जियां, और साबुत अनाज आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।बीपी में कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?
एरोबिक्स, ब्रिस्क वॉकिंग (Brisk walking), योग और ध्यान (Yoga and meditation) और तैराकी आदि कुछ एक्ससाइज को लाइफस्टाइल में शामिल कर सकते हैं।