मौसम बदलना हर किसी के लिए एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन डायबिटिक मरीजों के लिए यह एक चुनौती बन जाती है। गर्मी से बरसात, या सर्दी से बसंत जैसे बदलाव शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आ सकता है। बरसात में नमी, सर्दी में ठंड और गर्मियों में डिहाइड्रेशन, ये सभी कारक इंसुलिन की सेंसिटिविटी पर असर डालते हैं। इसके अलावा, मौसम के कारण खानपान, नींद, फिजिकल एक्टिविटी और मानसिक स्थिति में भी बदलाव आता है, जो डायबिटीज मैनेजमेंट को और मुश्किल बना देता है। ऐसे में जरूरी है कि मौसम के अनुसार शरीर को समझकर स्मार्ट फूड चॉइस, रेगुलर मॉनिटरिंग, हाइड्रेशन जैसी जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए। खासकर मानसून में स्ट्रीट फूड से दूरी, साफ पानी का सेवन और पैरों की देखभाल बहुत जरूरी हो जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे कुछ आसान और आदतें अपनाकर बदलते मौसम के बीच भी ब्लड शुगर को स्थिर और सेहत को बेहतर रखा जा सकता है।
Dr. Sanjay Mahajan, Internal Medicine Department, Kailash Hospital, Noida ने बताया कि मानसून के मौसम में फ्लू और पानी से फैलने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जो डायबिटिक मरीजों के लिए गंभीर समस्या का कारण बन सकते हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम होने की वजह से ऐसे लोगों को पहले से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए केवल दवा नहीं, बल्कि एक संतुलित और हेल्दी तरीका अपनाना जरूरी है जैसे- एक्टिव रहना, सही पोषण लेना और ब्लड शुगर की नियमित जांच करते रहना। खासकर जब बारिश के कारण हॉस्पिटल जाना मुश्किल हो, तब सीजीएम (CGM-Continuous Glucose Monitoring) जैसी टेक्नोलॉजी काफी मददगार साबित होती है।
बदलते मौसम और डायबिटीज में शारीरिक बदलाव का संबंध
बदलते मौसम जैसे- बारिश के दिनों में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे शरीर की कार्यप्रणाली पर भी असर पड़ता है। डायबिटीज से जूझ रहे लोगों में इस मौसम में इंसुलिन की सेंसिटिविटी बदल सकती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ या घट सकता है। साथ ही, तापमान और मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर की एनर्जी जरूरतें भी बदलती हैं, जिससे डाइट और फिजिकल एक्टिविटी का सीधा असर ग्लूकोज कंट्रोल पर पड़ता है। इसके अलावा, मानसून में भूख का पैटर्न और नींद का समय भी गड़बड़ा सकता है, जो मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। इन शारीरिक परिवर्तनों को समझना और मौसम के अनुसार दिनचर्या को थोड़ा एडजस्ट करना, डायबिटीज मैनेजमेंट को ज्यादा असरदार बना सकता है।
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बदलते मौसम में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कैसे करें?- Tips to Manage Sugar Level in Weather Changes
1. स्मार्ट फूड विकल्पों के जरिए इम्यूनिटी बढ़ाएं- Prioritize Immunity with Smart Food Choices
मानसून में बाहर का स्ट्रीट फूड खाने का मन, तो करता है, लेकिन यह इंफेक्शन का कारण बन सकता है।डायबिटिक मरीजों को खासतौर पर इंफेक्शन से बचने के लिए घर का साफ और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन ही खाना चाहिए। सब्जियों को अच्छी तरह धोएं और कच्चे या अधपके फूड से परहेज करें।
2. पैरों की साफ-सफाई का रखें खास ध्यान- Take Extra Care of Your Feet
बारिश में गीले पैर, फंगल इंफेक्शन या चोट का कारण बन सकते हैं। बाहर से आने के बाद पैर अच्छे से सुखाएं। मोजे बदलने के लिए एक्स्ट्रा जोड़ी रखें। गड्ढों से बचें, नंगे पांव न चलें और ऐसे जूते पहनें जो बंद हों और पैरों को सूखा रखें।
3. ब्लड शुगर लेवल को चेक करते रहें- Regularly Monitor Blood Sugar Levels
मानसून में खानपान, एक्सरसाइज और तनाव के बदलाव, ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकते हैं। नमी और तापमान भी इंसुलिन की सेंसिटिविटी को बदलते हैं। ऐसे में सीजीएम डिवाइसेज मददगार हो सकते हैं, जो शुगर लेवल की रियल टाइम जानकारी देते हैं।
4. घर पर रहकर भी एक्टिव रहें- Stay Physically Active Indoors
अगर बारिश के कारण बाहर जाना मुश्किल हो, तो घर के अंदर ही लो इंटेंसिटी वर्कआउट करें। 30 मिनट की हल्की कसरत या इनडोर वॉक से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है और शरीर एक्टिव बना रहता है।
5. खुद को हाइड्रेट रखें- Stay Hydrated
मानसून में हवा की नमी शरीर में पानी की कमी को छुपा सकती है। इससे शुगर लेवल प्रभावित हो सकता है। दिनभर खूब पानी पिएं, भले ही प्यास न लग रही हो। हर्बल टी या फल-मिश्रित पानी भी हाइड्रेशन में मददगार हो सकते हैं।
6. मानसून में स्ट्रेस को कंट्रोल करें- Manage Stress Levels During Monsoon
बारिश के मौसम में घर में बंद रहने या रूटीन बदलने से मानसिक तनाव बढ़ सकता है, जो ब्लड शुगर लेवल को बिगाड़ता है। ध्यान (Meditation), गहरी सांसें (Deep Breathing) और हल्की एक्टिविटी तनाव को कम कर सकती हैं और शुगर लेवल स्थिर रखने में मदद करती हैं।
7. नींद पूरी लें और शरीर को आराम दें- Get Enough Sleep and Rest Well
अच्छी नींद, डायबिटीज कंट्रोल करने का एक अहम हिस्सा है। मानसून में देर रात तक जागना या अनियमित नींद, ब्लड शुगर असंतुलन को बढ़ा सकती हैं। रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें और सोने का समय नियमित रखें।
बदलते मौसम में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना कोई मुश्किल काम नहीं है, बस इसके लिए थोड़ी नियमितता की जरूरत होती है। खानपान से लेकर शारीरिक गतिविधि, नींद, पानी पीने की आदत और पैरों की देखभाल, ये सभी छोटी-छोटी बातें मिलकर डायबिटीज मैनेजमेंट को बेहतर बना सकती हैं।
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FAQ
क्या मौसम डायबिटीज को प्रभावित कर सकता है?
हां, मौसम डायबिटीज को प्रभावित कर सकता है। सर्दी में शारीरिक गतिविधि कम होने से शुगर लेवल बढ़ सकता है, जबकि गर्मी में ज्यादा पसीना और डिहाइड्रेशन शुगर लेवल गिरा सकता है।डायबिटीज में कौन सा अंग खराब होता है?
डायबिटीज में सबसे पहले अग्न्याशय (Pancreas) प्रभावित होता है, जो इंसुलिन बनाता है। इसके बाद लंबे समय तक असामान्य शुगर आंखों, किडनी, दिल और नसों को भी नुकसान पहुंचा सकती है।डायबिटीज में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?
डायबिटीज में हाई-फाइबर वाली चीजें जैसे साबुत अनाज, हरी सब्जियां, दालें और लो ग्लाइसेमिक फल खाने चाहिए। ये ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं और लंबे समय तक एनर्जी देते हैं।