गर्मी का मौसम आते ही आम हर किसी की पहली पसंद बन जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बाजार में जल्दी मिलने वाले ये आम असल में पककर मीठे हुए हैं या उसे जबरदस्ती पकाया गया है? लखनऊ के वेलनेस डाइट क्लीनिक की डाइटिशियन डॉ स्मिता सिंह ने बताया कि आजकल तेजी से बाजार में आम की मांग पूरी करने के लिए कुछ विक्रेता आम को आर्टिफिशियल तरीकों से पकाते हैं, जिनमें सबसे आम केमिकल है कैल्शियम कार्बाइड। यह एक सस्ता और खतरनाक केमिकल है जिसे फलों को जल्दी पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जब आम को इससे पकाया जाता है, तो वह बाहर से पीला और पका हुआ दिखता है, लेकिन अंदर से कच्चा रह जाता है और केमिकल से उसका स्वाद भी बदल जाता है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि कैल्शियम कार्बाइड में आर्सेनिक और फॉस्फोरस हाइड्राइड जैसे विषैले तत्त्व हो सकते हैं, जो सीधे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। इस लेख में आपको बताएंगे कि ऐसे केमिकल से पके आम आपकी सेहत पर कैसे असर डालते हैं, इन्हें कैसे पहचाना जाए और इनसे कैसे बचा जाए।
केमिकल से पके आम खाने के नुकसान- Side Effects of Eating Artificially Ripped Mango
1. गैस, एसिडिटी और पेट में जलन
डॉ स्मिता ने बताया कि कैल्शियम कार्बाइड से पके आम खाने से पेट में गैस, एसिडिटी, पेट में जलन और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह पाचन क्रिया को गड़बड़ा देता है।
2. सांस संबंधी समस्याएं
इस केमिकल से निकली गैसें, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सीने में जलन और अस्थमा जैसी समस्याएं बढ़ा सकती हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में।
3. नर्वस सिस्टम पर प्रभाव
आर्सेनिक और फॉस्फीन गैस के कारण चक्कर, सिरदर्द, थकान और मानसिक कमजोरी हो सकती है। लंबे समय तक सेवन करने पर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं।
4. कैंसर का खतरा
कुछ स्टडीज में यह आशंका जताई गई है कि कैल्शियम कार्बाइड में मौजूद अशुद्धियां, कैंसर का कारण बन सकती हैं। यह कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
5. हॉर्मोनल गड़बड़ी
केमिकल्स का लगातार सेवन शरीर में हॉर्मोन असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता और पुरुषों में प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।
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केमिकल से पके आम की पहचान कैसे करें?- How to Identify Artificially Ripped Mango
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि प्राकृतिक और केमिकल से पके आम की पहचान आसान है-
गंध से पहचानें
नेचुरल आम में मीठी, ताजगीभरी खुशबू होती है, जबकि केमिकल से पके आम में या, तो कोई गंध नहीं होती या केमिकल वाली बदबू आती है।
रंग पर ध्यान दें
अगर पैच नजर आ रहे हैं, तो ध्यान दें यह नकली आम हो सकता है। ताजा आम हल्का ग्रीन और येलो होना चाहिए। अगर बहुत ज्यादा पीला आम दिखे, तो वह नकली हो सकता है।
छूकर जांचें
आम अगर थोड़े नरम हैं, तो हो सकता है कि केमिकल से पके आम हों। ऊपर से सख्त आम सुरक्षित हो सकता है।
केमिकल वाले आम से कैसे बचें?
- लोकल, ऑर्गेनिक या किसानों से सीधे खरीदे गए आम लें।
- पके आम खरीदने से पहले रंग, गंध और बनावट पर ध्यान दें।
- घर में आम को पकाने के लिए पेपर में लपेटकर रखें, जिससे वह प्राकृतिक रूप से पके।
- फलों को खाने से पहले अच्छे से धोएं और कुछ देर पानी में भिगोकर रखें।
- बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को ऐसे आम से दूर रखें जिनकी गुणवत्ता का पता न हो।
केमिकल से पके आम तेजी से तैयार तो हो जाते हैं, लेकिन उनमें पोषण घट जाता है और शरीर पर जहरीला असर छोड़ सकते हैं। आम का स्वाद हर किसी को भाता है, लेकिन अगर वही स्वाद हमारी सेहत पर खतरा बन जाए, तो सावधानी जरूरी है।
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FAQ
कैल्शियम कार्बाइड से पके आमों की पहचान कैसे करें?
ऐसे आमों में तेज चमकदार पीला रंग होता है, लेकिन उनकी गंध तेज या बदबूदार हो सकती है। ये अंदर से ज्यादा नरम हो सकते हैं। इनमें प्राकृतिक मिठास की कमी होती है।असली आम की क्या पहचान है?
असली आम में मीठी, ताजगी भरी खुशबू होती है। इसका रंग हल्का पीला या हरा-पीला होता है, ज्यादा चमकदार नहीं। यह थोड़ा नरम लगता है और स्वाद में प्राकृतिक मिठास होती है।खराब आम की पहचान कैसे करें?
खराब आम में सड़न, काले धब्बे, फफूंद या गंध आ सकती है। यह ज्यादा चिपचिपा हो सकता है और दबाने पर ज्यादा मुलायम लगे, तो समझें वह खराब हो चुका है।