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प्रेग्नेंसी में ज्‍यादा पेनकिलर खाने से सेहत को हो सकते हैं ये 7 नुकसान, डॉक्‍टर से जानें

ज्यादा पेनकिलर लेना जच्चा-बच्चा दोनों के लिए हान‍िकारक हो सकता है। इससे भ्रूण विकास, क‍िडनी, लि‍वर और प्लेसेंटा पर गंभीर असर पड़ सकता है।
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प्रेग्नेंसी में ज्‍यादा पेनकिलर खाने से सेहत को हो सकते हैं ये 7 नुकसान, डॉक्‍टर से जानें


Pregnancy Mein Painkiller Ke Nuksan: प्रेग्नेंसी एक बहुत नाजुक समय होता है, ज‍िसमें मह‍िला के शरीर में कई हार्मोनल और शारीर‍िक बदलाव होते हैं। इस दौरान हल्का दर्द, सिरदर्द, कमर दर्द, या बदन में जकड़न आम शिकायतें होती हैं। अक्सर महिलाएं इन परेशानियों से राहत पाने के लिए पेनकिलर ले लेती हैं। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के पेनकिलर का बार-बार सेवन मां और गर्भस्‍थ शि‍शु दोनों के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकता है। खासकर कुछ दवाएं भ्रूण के विकास में बाधा डाल सकती हैं। प्रेग्नेंसी की पहली त‍िमाही में इनका सेवन गर्भपात तक का कारण बन सकता है और आखिरी महीनों में ये डिलीवरी की प्रक्र‍िया को मुश्‍क‍िल बना सकती हैं। दुर्भाग्य से कई महिलाएं यह मान लेती हैं कि ओवर-द-काउंटर पेनकिलर्स सुरक्षित होते हैं, जबकि सच्चाई इसके उलट है। अगर दर्द असहनीय हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह से दी गई सुरक्षित दवाएं ही बेहतर विकल्प हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ज्‍यादा पेनकिलर लेने से कौन-कौन से 7 बड़े नुकसान हो सकते हैं और गर्भावस्था में पेनकिलर कब और कैसे लेना चाहिए। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की गाइनोकॉलि‍स्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

प्रेग्नेंसी में ज्‍यादा पेनक‍िलर खाने के नुकसान- Excessive Painkiller Side Effects in Pregnancy

प्रेग्नेंसी में ज्‍यादा पेनकिलर खाने से मां और गर्भस्‍थ शि‍शु को जन्‍म से पहले और बाद में कई समस्‍याएं हो सकती हैं-

1. किडनी और लिवर पर असर- Kidney and Liver Damage

बार-बार पेनकिलर लेने से गर्भवती महिला की किडनी और लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे इन अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और मह‍िला को क‍िडनी या ल‍िवर की बीमार‍ियां हो सकती हैं।

इसे भी पढ़ें- पेनकिलर खाने के बाद किडनी को नुकसान होने से कैसे बचाएं? एक्सपर्ट से जानें

2. हार्मोनल असंतुलन- Hormonal Imbalance

कुछ दवाएं प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन के लेवल को प्रभावित करती हैं, जिससे गर्भावस्था की सामान्य प्रक्रिया में रुकावट आती है और हार्मोन्‍स असंतुल‍ित हो सकते हैं।

3. हाई ब्लड प्रेशर की संभावना- High Blood Pressure

एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, ब्‍लड प्रेशर को प्रभाव‍ित करती हैं ज‍िससे प्रेग्नेंसी में हाई बीपी की समस्‍या हो सकती है और प्रेग्नेंसी में प्री-एक्लेम्पसिया जैसी स्थिति का खतरा हो सकता है।

4. शिशु में श्वसन संबंधी समस्याएं- Breathing issues in Fetus

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कुछ पेनकिलर्स ऐसे भी होते हैं जो गर्भ में पल रहे श‍िशु के फेफड़ों की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे जन्म से पहले और जन्‍म के बाद शिशु को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

5. समय से पहले डिलीवरी का खतरा- Increased Risk of Preterm Labour

कुछ दर्द निवारक दवाएं गर्भाशय की मांसपेशियों पर असर डालती हैं जिससे समय से पहले ड‍िलीवरी हो सकती है या गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है, खासकर पहली और तीसरी त‍िमाही में।

6. भ्रूण के विकास में बाधा- Harm to Fetal Development

गर्भ के शुरुआती महीनों में पेनकिलर का ज्‍यादा सेवन भ्रूण की ग्रोथ पर असर डाल सकता है। इससे बच्चे के अंगों के विकास में गड़बड़ी, तंत्रिका तंत्र की समस्या या हार्ट डिफेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है।

7. प्लेसेंटा पर असर- Impact on Placenta

कुछ पेनकिलर्स का ज्‍यादा सेवन प्लेसेंटा (नाल) के ब्‍लड फ्लो को प्रभावित कर सकता है। इससे भ्रूण तक पोषण और ऑक्सीजन पहुंचने में रुकावट आ सकती है, जिससे शिशु का वजन जन्‍म के समय सामान्‍य से कम हो सकता है या गर्भस्‍थ श‍िशु के व‍िकास में रुकावट आ सकती है।

प्रेग्नेंसी में पेनकिलर कब और कैसे लें?- When and How to Take Painkillers in Pregnancy

  • कोई भी पेनकिलर लेने से पहले हमेशा अपने गाइनोकोलॉजिस्ट से सलाह करें।
  • सेफ पेनकिलर्स चुनें। कुछ पेनक‍िलर्स का सीम‍ित सेवन प्रेग्नेंसी में सुरक्ष‍ित होता है इसल‍िए डॉक्‍टर की सलाह पर ऐसे कुछ ऑप्‍शन्‍स अपने पास इमरजेंसी के ल‍िए तैयार रखें।
  • सही डोज और समय का पालन करें। डॉक्‍टर की बताई हुई मात्रा के अनुसार ही पेनक‍िलर खाएं, उससे ज्‍यादा मात्रा न लें।
  • पेनकिलर खाने की जल्‍दबाजी न करें। दर्द होने पर हल्‍की स्‍ट्रेच‍िंग, गर्म पानी की स‍िंकाई, मेड‍िटेशन जैसे सुरक्ष‍ित व‍िकल्‍प भी अपनाकर देखें।
  • दवाओं की आदत न बनाएं। हर बार दर्द में गोली खाना एक आदत बन सकती है, जिससे लिवर और किडनी पर असर पड़ेगा।

गर्भावस्था में पेनकिलर जैसी आम दवा भी अगर जरूरत से ज्‍यादा ली जाए, तो वह मां और शिशु दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए हर दवा डॉक्टर की सलाह से लें।

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FAQ

  • 1 दिन में कितने पेन किलर ले सकते हैं?

    पेनकिलर की मात्रा उसके टाइप और व्‍यक्‍त‍ि की स्‍थि‍त‍ि पर निर्भर करती है। कुछ पेनक‍िलर्स की डोज हैवी होती है इसल‍िए उसे द‍िन में 2 बार से ज्‍यादा नहीं ल‍िया जा सकता, इसल‍िए दवा खाने से पहले डॉक्‍टर की सलाह जरूरी है।
  • ज्यादा दर्द की गोली खाने से क्या होता है?

    ज्यादा पेनकिलर लेने से लिवर, किडनी और पेट को नुकसान पहुंच सकता है। इससे अल्सर, ब्लीडिंग, हाई बीपी, सांस लेने में तकलीफ और दवा की लत जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गर्भावस्था में यह और भी खतरनाक हो सकता है।
  • पेनकिलर का असर कब तक है?

    ज्‍यादातर पेनकिलर 30 मिनट से 1 घंटे में असर दिखाने लगते हैं और इनका असर लगभग 4 से 6 घंटे तक रहता है। लेकिन असर की अवधि दवा के प्रकार और व्यक्ति के शरीर पर भी निर्भर करती है।

 

 

 

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