Pregnancy Walk in Monsoon: प्रेग्नेंसी के दौरान वॉकिंग यानी चलना एक बेहतरीन व्यायाम है, जो मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होता है। यह न सिर्फ वजन को कंट्रोल रखने में मदद करता है, बल्कि ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है और मूड को स्थिर रखता है। हालांकि, जब मौसम बदलता है, खासकर मानसून आता है, तो सड़कों पर फिसलन और गीलापन, चलने को एक खतरा बना देता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह मौसम संतुलन बनाए रखने और सुरक्षित रहने की एक चुनौती लेकर आता है। जरा सी लापरवाही न सिर्फ चोट का कारण बन सकती है, बल्कि प्रेग्नेंसी में गंभीर समस्याएं भी पैदा कर सकती है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि मानसून में वॉक के दौरान कुछ जरूरी सावधानियों का पालन किया जाए। आइए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान बारिश के मौसम में वॉक करते समय किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्पिटल की वरिष्ठ गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
1. फिसलन वाली सतह से बचें- Avoid Slippery Surfaces During Pregnancy Walk
बारिश के बाद सड़कों और पार्कों में कीचड़ और फिसलन आम हो जाती है। ऐसे में फिसलने का खतरा काफी बढ़ जाता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर संभव हो, तो इंडोर वर्कआउट या इंडोर वॉकिंग को ही प्राथमिकता दें।
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2. वॉक के दौरान सही जूते पहनें- Wear Proper Walking Shoes During Pregnancy Walk
गर्भवती महिलाओं के लिए आरामदायक और ग्रिप वाले जूते पहनना बहुत जरूरी होता है, खासकर मानसून में। ऐसे जूते पहनें जिनमें एंटी-स्लिप सोल हो और जो पैर को पूरा सपोर्ट दें। हील्स या चप्पल से बचें क्योंकि ये असंतुलन का कारण बन सकते हैं और आप गिर सकती है जिससे आपको या गर्भस्थ शिशु की जान को खतरा हो सकता है।
3. छाता या रेनकोट साथ जरूर रखें- Carry Umbrella or Raincoat During Pregnancy Walk
बारिश कभी भी हो सकती है, इसलिए छाता या रेनकोट अपने साथ जरूर रखें। भीगने से सर्दी-जुकाम का खतरा होता है, जो प्रेग्नेंसी में परेशानी को बढ़ा सकता है। हल्के वजन का और फोल्ड करने वाला छाता लें जिसे पकड़ने में ज्यादा जोर न लगे।
4. प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग वॉक चुनें- Choose Morning Walk in Pregnancy
बारिश के कारण शाम या रात के समय रास्ते और भी ज्यादा फिसलन भरे हो सकते हैं और रोशनी भी कम हो जाती है। इसलिए सुबह का समय सबसे बेहतर होता है जब सतह थोड़ी सूखी होती है और रोशनी भी पर्याप्त होती है। इसलिए प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग वॉक को ही चुनना चाहिए।
5. शरीर में पानी की कमी न होने दें- Stay Hydrated While Walking
मानसून में पसीना भले ही कम निकले, लेकिन शरीर को पानी की जरूरत बनी रहती है। वॉक पर जाने से पहले और बाद में पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। साथ ही हल्के स्नैक या ड्राई फ्रूट्स अपने पास रखें ताकि थकान के लक्षण महसूस न हो।
6. वॉक से पहले हल्का स्नैक लें- Have a Light Snack Before Pregnancy Walk
खाली पेट वॉक करने से कमजोरी या चक्कर आ सकते हैं, खासकर प्रेग्नेंसी के दौरान। वॉक पर जाने से पहले मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स, केला या गिलास भर दूध लेना अच्छा होता है। इससे एनर्जी बनी रहती है और वॉक आरामदायक होती है।
7. मोबाइल और इयरफोन का इस्तेमाल न करें- Avoid Using Mobile or Earphones While Walking
वॉक के दौरान ध्यान भटकने से गिरने का खतरा बढ़ जाता है। मानसून के मौसम में पहले ही रास्ता फिसलन भरा होता है, ऐसे में इयरफोन लगाकर या मोबाइल पर बात करते हुए चलना सुरक्षित नहीं है। हर समय सतर्क रहें और अपने कदमों पर ध्यान दें।
मानसून के मौसम में प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए वॉक करना फायदेमंद होता है। लेकिन थोड़ी सी लापरवाही दुर्घटना का कारण बन सकती है। इसलिए ऊपर बताई गई सावधानियां अपनाकर आप खुद को और अपने होने वाले बच्चे को सुरक्षित रख सकती हैं।
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FAQ
प्रेग्नेंसी में कितनी देर तक चलना चाहिए?
गर्भावस्था में रोजाना 20 से 30 मिनट की हल्की वॉक सुरक्षित मानी जाती है। थकान या चक्कर आने पर तुरंत रुकें और डॉक्टर की सलाह अनुसार समय तय करें।प्रेग्नेंसी में सीढ़ियां चढ़ सकती हैं क्या?
अगर गर्भावस्था सामान्य है, तो शुरुआती महीनों में धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़ना सुरक्षित है। परंतु आखिरी तिमाही में संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो सकता है, इसलिए सावधानी जरूरी है।प्रेग्नेंसी में कौन-कौन से काम नहीं करना चाहिए?
भारी सामान उठाना, लंबे समय तक खड़े रहना, झटके वाली एक्सरसाइज करना और केमिकल से जुड़ा काम नहीं करना चाहिए। साथ ही स्ट्रेस से भी बचना चाहिए।