असंतुलित खानपान और जीवनशैली की वजह से लोगों को बवासीर या पाइल्स की समस्या का सामना करना पड़ता है। बवासीर को अर्श रोग भी कहा जाता है। इस बीमारी के कारण मरीजों को मल त्याग करने में दिक्कत और असहनीय दर्द झेलना पड़ता है। बवासीर की समस्या का समय से इलाज न होने पर यह कई अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। बवासीर की बीमारी सामान्यतः दो तरीके की होती है एक खूनी बवासीर और दूसरी बादी बवासीर। खूनी बवासीर की समस्या में मल त्याग करते समय मल के साथ खून निकलता है और इसके साथ ही असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। बादी बवासीर की समस्या में मरीज के गुदा मार्ग में सूजन, मल त्याग करते से दर्द और मस्सों की सूजन आदि समस्या होती है। बादी बवासीर में मरीजों के मल से खून नहीं निकलता है लेकिन इस समस्या में मरीजों को दर्द और सूजन की वजह से कमजोरी हो जाती है। बादी बवासीर की बीमारी को दूर करने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों और इलाज के तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो काफी समय से प्रयोग में लाये जाते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।
बादी बवासीर की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज (Hemorrhoids Ayurvedic Treatment)
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बादी बवासीर की समस्या में खानपान और जीवनशैली का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ज्यादातर लोगों को बवासीर की समस्या खराब जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण ही होती है। अधिक मसालेदार खाने का सेवन, एक ही जगह पर लगातार काफी देर तक बैठे रहने के कारण बवासीर की समस्या हो सकती है। बादी बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए आप इन आयुर्वेदिक तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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1. बादी बवासीर की समस्या में हल्दी का इस्तेमाल
हल्दी के इस्तेमाल से आप बादी बवासीर की समस्या में फायदा पा सकते हैं। इस समस्या में हल्दी का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। बादी बवासीर में मरीजों को खून निकलने की समस्या नहीं होती है लेकिन इस स्थिति में मरीजों के गुदा में सूजन और मस्सों में सूजन की समस्या होती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप हल्दी का इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्दी में करक्यूमिन नामक पदार्थ मौजूद होता है जो इन समस्याओं को दूर करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो गुदा में होने वाली खुजली और सूजन को कम करने का काम करते हैं। बादी बवासीर की समस्या में आप हल्दी का भोजन में इस्तेमाल कर सकते हैं।
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2. बादी बवासीर में बड़ी इलायची का इस्तेमाल
बादी बवासीर में मरीजों को मल त्याग करने में परेशानी, गुदा मार्ग में सूजन जैसी समस्याएं होती हैं। इस समस्या में बड़ी इलायची का आयुर्वेदिक तरीके से सेवन बहुत फायदेमंद होता है। बादी बवासीर की समस्या में आयुर्वेदिक तरीके से बड़ी इलायची का सेवन बहुत दिनों से किया जाता है। आप बड़ी इलायची को लगभग 50 ग्राम की मात्रा लेकर इसे तवे पर हल्दी आंच में भून लीजिए। इसके बाद जब इलायची अच्छी तरह से जल जाए तो इसे तवे से निकालकर रख लें। ठंडा होने पर इसे अच्छी तरह से पीसकर रोजाना खाली पेट पानी के साथ थोड़ी सी मात्रा में इसके चूर्ण का सेवन। ऐसा कुछ दिनों तक करने से बवासीर की समस्या से निजात मिलेगी।
3. त्रिफला चूर्ण का सेवन
बवासीर की समस्या में त्रिफला चूर्ण का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। त्रिफला पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी तमाम समस्याओं में औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। शरीर के गहरे ऊतकों और अंगों से विषाक्त पदार्थों को निकालने में त्रिफला चूर्ण बहुत उपयोगी होता है। त्रिफला हर्रे, बहेड़ा और आंवला का चूर्ण होता है। पाचन तंत्र को ठीक करने और बादी बवासीर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए शुरुआत से ही रोजाना सुबह गर्म पानी के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। ऐसा लगातर कुछ दिनों तक करने से आपको बादी बवासीर की समस्या में फायदा मिलेगा।
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4. कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल
बादी बवासीर की समस्या में आयुर्वेदिक तरीके से कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कैस्टर ऑयल लेकर उसे पेट के चारों तरफ नाभि के पास में लगाना चाहिए। आयुर्वेद के मुताबिक कैस्टर ऑयल का एक चम्मच लेकर उसे नाभि के आसपास दिन में दो बार लगाएं। ऐसा करने से आपकी मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ता है और मल त्याग करने में होने वाली दिक्कत से छुटकारा मिलता है।
5. किशमिश के सेवन से फायदा
असंतुलित खानपान और जीवनशैली के कारण बादी बवासीर की समस्या कई लोगों में होती है। पाचन तंत्र से जुड़ी इस समस्या में किशमिश के इस्तेमाल से बहुत फायदा मिलता है। रात को सोने से पहले रोजाना लगभग 100 ग्राम किशमिश को पानी में भिगो दें उसके बाद सुबह उठकर इसे पानी में ही मसलकर इसका रस निकाल लें। अब इस पानी का रोजाना सुबह सेवन करें। ऐसा करने से आपको बवासीर की समस्या में तुरंत फायदा मिलता है। बवासीर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए किशमिश का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में इसे औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
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6. बादी बवासीर की समस्या में जामुन का इस्तेमाल
जामुन का इस्तेमाल खूनी और बादी दोनों तरह की बवासीर की समस्या में फायदेमंद होता है। खूनी बवासीर में रक्तस्राव से छुटकारा पाने के लिए आप जामुन की गुठली का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी तरह बादी बवासीर की समस्या में भी जामुन की गुठली का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। जामुन की गुठली के अंदर के भाग को सुखाकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण का सेवन रोजाना एक चम्मच गुनगुने पानी या छाछ के साथ सेवन करें।
बवासीर से कैसे करें बचाव (Prevention of Hemorrhoid's)
बवासीर से बचाव के लिए आप निम्न तरीकों को अपना सकते हैं।
- अधिक से अधिक पानी पिएं। पानी पीने से आपको कब्ज की शिकायत नहीं होती है। मल त्यागने में परेशानी के कारण बवासीर होने का का खतरा ज्यादा रहता है।
- अधिक फाइबरयुक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करें। जैसे- साबुत अनाज, रेशेदार फल और सब्जियां
- कॉन्क्रीट और टाइल्स जैसे कठोर स्थान पर अधिक समय तक ना बैठें, इससे आपके गुदे पर दबाव पड़ सकता है।
- नियमित रूप से एक्सरसाइझ करें।
- अधिक समय तक शौचालय में ना बैठें।
- अपने नसों पर दबाव ना पड़ने दें।
- मोटापे को नियंत्रित करें।
बवासीर की समस्या में मरीजों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, खानपान और जीवनशैली से जुड़ी आदतों में लापरवाही के कारण इस समस्या के बढ़ने का जोखिम रहता है। बादी बवासीर की समस्या में ऊपर बताये गए आयुर्वेदिक नुस्खे बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। बवासीर में लक्षणों के गंभीर होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। इस बीमारी को सर्जरी के अलावा मेडिकल मैनेजमेंट से भी ठीक किया जा सकता है। अपने डॉक्टर से इलाज के दौरान मौजूद उपचार विकल्पों के बारे में बातचीत जरूर करें।
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