क्या हल्दी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हाेती है? हल्दी या Turmeric काे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद पाेषक तत्व सेहत और त्वचा के लिए लाभकारी हाेते हैं। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial), एंटीफंगल (Antifungal), एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) और एंटीसेप्टिक (Antiseptic) गुण हाेते हैं, जाे शरीर काे राेगाें से लड़ने की शक्ति देते हैं। इसके अलावा हल्दी में विटामिन के (Vitamin K), विटामिन सी (Vitamin C), पाेटैशियम (Potassium), कॉपर (Copper), मैग्नीशियम (Magnesium) और जिंक (Zinc) भी काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। हल्दी शरीर की राेग प्रतिराेधक क्षमता बढ़ाती है और राेगाें से लड़ने में मदद करती है। लेकिन कुछ विशेष स्थिति में हल्दी नुकसानदाक भी हाे सकती है।
अगर कुछ खास स्थिति में हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए, ताे सेहत काे नुकसान पहुंच सकता है। क्या सच में हल्दी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी हाेती है? इस बारे में जानने के लिए हमने आराेग्य डाइट और न्यूट्रीशन क्लीनिक की डायटीशियन डॉक्टर सुगीता मुटरेजा (Dr Sugita Mutreja, Dietician at Arogya Diet and Nutrition Clinic) से बातचीत की-
क्या कहती हैं डॉक्टर
डॉक्टर सुगीता मुटरेजा बताती हैं कि वैसे ताे हल्दी सेहत के लिए बेहद जरूरी हाेता है। लेकिन फिर भी इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। कुछ मामलाें में हल्दी का अधिक सेवन नकुसानदायक भी साबित हाे सकता है। कुछ खास लाेगाें के लिए हल्दी का सेवन हितकारी नहीं हाेता है, इसलिए इनकाे सीमित मात्रा में ही इसका उपभाेग करना चाहिए। जानें किन लाेगाें काे हल्दी का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए (Health Conditions Avoid Turmeric in Excess)-
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1. गैस और एसिडिटी (Gas and Acidity)
डायटीशियन सुगीता मुटरेजा बताती हैं कि जिन लाेगाें काे गैस, एसिडिटी की शिकायत रहती है, उन्हें अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन करने से बचना चाहिए। अगर आप इस समस्या से परेशान रहते हैं, ताे इसे सीमित मात्रा में ही लें। अधिक मात्रा में लेने से आपकी समस्या बढ़ सकती है।
2. पेट में जलन (Stomach Irritation)
हल्दी की तासीर गर्म हाेती है। इसलिए पेट में जलन की समस्या हाेने पर हल्दी का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए। हल्दी पेट में जलन की समस्या काे बढ़ा सकती है। अगर आपके पेट में सूजन, पेट में एेंठन की समस्या भी रहती है, ताे इस स्थिति में आपकाे हल्दी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
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3. अल्सर (Ulcer)
अल्सर पेट से जुडा एक गंभीर राेग है। हल्दी की तासीर गर्म हाेती है, ऐसे में अगर इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए ताे पेट काे नुकसान पहुंच सकता है। अल्सर के मरीजाें काे हल्दी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। अन्यथा अल्सर के लक्षणाें में वृद्धि हाे सकती है।
4. स्किन के लिए नुकसानदायक (Skin)
वैसे ताे हल्दी काे स्किन के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार जिन लाेगाें की पित्त प्रकृति हाेती है, उन्हें इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल, हल्दी गर्म हाेती है जिससे उनकी त्वचा काे नुकसान भी हाे सकता है। इसके अधिक सेवन से त्वचा पर चकत्ते, लालिमा और स्किन एलर्जी हाे सकती है।
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5. एनीमिया (Anemia)
शरीर में आयरन की कमी यानी एनीमिया (Anemia)। अधिकतर महिलाएं एनीमिया की समस्या से परेशान रहती हैं। अगर आपकाे भी एनीमिया है, ताे आप अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन करने से बचें। अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन आयरन काे शरीर में एब्सॉर्ब नहीं हाेने देता है। यह रक्त काे पतला कर देता है। इसलिए अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है, ताे हल्दी का सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
6. पीलिया (Jaundice)
पीलिया हाेने पर डाइट का खास ध्यान रखा जाता है। इस दौरान कई तरह के खाद्य पदार्थाें से परहेज करना जरूरी हाेता है। इनमें से हल्दी भी एक है। जिन लाेगाें काे पीलिया की समस्या हाे, उन्हें हल्दी का सेवन करने से बचना चाहिए। हल्दी पीलिया काे बिगाड़ सकता है, जिससे नुकसानदायक हाे सकता है।
7. ब्लीडिंग या रक्तस्त्राव (Bleeding)
अकसर शरीर में गर्मी की वजह से रक्तस्त्राव या ब्लीडिंग की समस्या हाेती है। इसलिए जिन लाेगाें के नाक से खून निकलता है, उन्हें हल्दी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। हल्दी खून के थक्के जमने की प्रक्रिया काे धीमा करता है। इसलिए जिन लाेगाें काे खून के पतलेपन की भी समस्या हाे, उन्हें भी हल्दी का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल, हल्दी खून काे पतला करता है। ऐसे में अगर खून पहले से पतला हाेगा, ताे समस्या बढ़ सकती है।
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8. पथरी (stone)
डॉक्टर सुगीता मुटरेजा बताती हैं कि पथरी में सीमित हल्दी का सेवन किया जा सकता है। लेकिन हल्दी की अधिक मात्रा पथरी काे बढ़ा सकता है। अगर आप किडनी में पथरी की समस्या से परेशान हैं, ताे आपकाे इस स्थिति में हल्दी का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। हल्दी में ऑक्सलेट हाेता है, जाे कैल्शियम काे अघुलनशील बनाता है। जाे किडनी में पथरी का कारण बनता है। पित्ताशय की पथरी में भी हल्दी के अधिक सेवन से बचना चाहिए।
9. उल्टी (Vomit)
अगर आपकाे बार-बार उल्टी हाेती है, ताे आपकाे हल्दी का सेवन करने से बचना चाहिए। हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जाे पाचन संबंधी समस्याओं काे बढ़ाता है। करक्यूमिन के अधिक सेवन से उल्टी की समस्या हाेने लगती है। लेकिन अगर सीमित मात्रा में हल्दी का सेवन किया जाए, ताे ऐसा नहीं हाेता है।
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10. प्रेगनेंसी (Pregnancy)
गर्म तासीर हाेने के कारण हल्दी का सेवन प्रेगनेंसी में कम मात्रा में ही किया जा सकता है। अन्यथा प्रेगनेंट महिलाओं काे पेट में जलन, पेट में ऐंठन या सूजन की समस्या हाे सकती है। प्रेगनेंसी में कच्ची हल्दी का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य काे नकुसान पहुंच सकता है। प्रेगनेंसी में हल्दी का सेवन रक्तस्त्राव का भी कारण बन सकता है। इसलिए इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह पर ही हल्दी का सेवन करना चाहिए।
हल्दी स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हाेता है। इसके सेवन से स्वास्थ्य काे कई लाभ मिलते हैं, लेकिन अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए ताे। अगर हल्दी का सेवन अधिक मात्रा में किया जाए ताे इससे नुकसान भी हाे सकता है। हल्दी के फायदे या नुकसान इसकी मात्रा पर निर्भर करते हैं।
अगर आप ऊपर बताए गए किसी भी समस्या से परेशान हैं, ताे हल्दी का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें। साथ ही इसे सीमित मात्रा में ही अपनी डाइट में शामिल करें। अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन आपकी समस्याओं काे बढ़ा सकता है।
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