बवासीर या पाइल्स के कारण लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बवासीर जिसे मेडिकल टर्म में हेमरॉयड्स कहते हैं, खानपान और जीवनशैली से जुड़ी समस्या है। इस बीमारी में मरीजों को मल त्याग करने में परेशानी और खून निकलने की समस्या होती है। बवासीर की समस्या में मरीजों के गुदा के भीतर और बाहर के हिस्से में सूजन आ जाती है। इसके कारण गंभीर दर्द और अन्य समस्याएं होती हैं। बवासीर की समस्या मुख्य रूप से दो तरह की होती है, एक जिसे खूनी बवासीर कहते हैं और दूसरी जिसे बादी बवासीर कहा जाता है। इस बीमारी की वजह से मरीजों को न सिर्फ मल त्याग से जुड़ी समस्याएं होती हैं बल्कि इसकी वजह से संक्रमण का भी खतरा रहता है। पाइल्स या बवासीर की समस्या में मरीजों को खानपान और जीवनशैली से जुड़ी आदतों में सुधार करने की सलाह दी जाती है। बवासीर की समस्या में अगर आप खानपान से जुड़ी आदतों और लाइफस्टाइल में बदलाव करते हैं तो बड़ा फायदा मिलता है। तमाम शोध और अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस समस्या में कुछ बातों का प्रमुखता से ध्यान रखा जाना चाहिए। आइये जानते हैं इनके बारे में।
बवासीर की बीमारी के कारण ( What Causes Piles?)
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बवासीर या पाइल्स की बीमारी खानपान और जीवनशैली की वजह से ज्यादातर लोगों में होती है। इस समस्या का सबसे प्रमुख कारण असंतुलित और अधिक तला भुना और मसालेदार खाना है। बवासीर से पहले मरीजों को कब्ज, पाचन तंत्र से जुड़ी दिक्कतें और मोटापा आदि की समस्या होती है। बवासीर की बीमारी के बारे में यह कहा जाता है कि रोजाना अधिक देर तक किसी कड़ी जगह पर बैठे रहने के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। इसके अलावा काफी देर खड़े रहने की वजह से भी आपको यह समस्या हो सकती है। यह बीमारी वैसे तो पाचन और पेट से जुड़ी हुई है लेकिन खराब जीवनशैली के कारण भी यह समस्या हो सकती है। बवासीर की बीमारी का इलाज जब दावा से संभव नहीं हो पाता है तो चिकित्सक मरीज को सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। सर्जरी के बाद बवासीर की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को राहत भी मिलती है। लेकिन सर्जरी के बाद चिकित्सक द्वारा बताये गए परहेज को न करने से दोबारा भी यह समस्या उभर सकती है। आज के समय में बवासीर की सर्जरी कई तरीके से की जाती है। लेकिन इस समस्या से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली और खानपान से जुड़ी कुछ आदतों में बदलाव जरूर करने चाहिए। बवासीर की समस्या मुख्य रूप से इन कारणों से होती है।
टॉप स्टोरीज़
- मोटापा।
- गर्भावस्था।
- मलोत्सर्जन के दौरान तनाव।
- कई दिनों तक कब्ज और दस्त की शिकायत।
- गुदा संभोग।
- अधिक वजन उठाना।
- अनुवांशिक कारणों से भी बवासीर की समस्या हो सकती है।
- फाइबरयुक्त आहार का कम सेवन करना।
- शौचालय में लंबे समय तक बैठने से।

बवासीर के मरीजों को जीवनशैली और खानपान से जुड़ी इन बातों का रखना चाहिए ध्यान (Diet And Lifestyle Changes To Tackle Piles)
बवासीर की बीमारी से बचने और इससे छुटकारा पाने के लिए इलाज के साथ-साथ आपको खानपान और लाइफस्टाइल की आदतों में बदलाव जरूर करना चाहिए। इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए आपको अपने वजन का ध्यान रखना चाहिए इसके अलावा रोजाना के कामकाज के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। आइये जानते हैं इनके बारे में।
1. बवासीर के मरीजों को बाहरी खाने से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। बाहर होटल में मिलने वाले मसालेदार और तेल युक्त खाने से परहेज रखने पर आप इस समस्या को कंट्रोल कर सकते हैं।
2. मांसाहारी खाने को अवॉयड करने से आप इस समस्या को काबू में कर सकते हैं। दरअसल मांसाहारी खाने को बनाने में तेल और मसालों का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है जिसकी वजह से पाचन तंत्र को नुकसान हो सकता है।
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3. बवासीर के मरीजों को नशे की आदत से बचना चाहिए। नशा करने वाले लोग अगर बवासीर की समस्या से ग्रसित हैं तो उन्हें यह समस्या बढ़ सकती है। बवासीर की समस्या में बीड़ी, सिगरेट और शराब का सेवन बहुत हानिकारक माना जाता है।
4. बवासीर के मरीजों को बाथरूम के इस्तेमाल के समय सावधानी बरतनी चाहिए। कुछ लोगों की शौचालय में बैठकर कई काम करने की आदत होती है। बवासीर को मरीजों को बाथरूम को रीडिंग रूम नहीं बनाना चाहिए। बैठने की स्थिति आपके गुदा रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव डालती है इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।
5. ऐसे लोग जो बवासीर यानी पाइल्स की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें एक ही जगह पर बहुत अधिक देर तक नहीं बैठना चाहिए। ऐसा करने से बवासीर का जोखिम बढ़ जाता है।
6. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बवासीर की समस्या में मरीज को एक ही जगह पर ज्यादा देर तक नहीं बैठना चाहिए इसके अलावा कठोर चीज पर नहीं बैठना चाहिए।
7. जंक फूड, स्पाइसी और फास्ट फूड का सेवन बवासीर की समस्या में हानिकारक माना जाता है। मरीजों को इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
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बवासीर से कैसे करें बचाव (Prevention of Hemorrhoid's)
बवासीर से बचाव के लिए आप निम्न तरीकों को अपना सकते हैं।
- अधिक से अधिक पानी पिएं। पानी पीने से आपको कब्ज की शिकायत नहीं होती है। मल त्यागने में परेशानी के कारण बवासीर होने का का खतरा ज्यादा रहता है।
- अधिक फाइबरयुक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करें। जैसे- साबुत अनाज, रेशेदार फल और सब्जियां
- कॉन्क्रीट और टाइल्स जैसे कठोर स्थान पर अधिक समय तक ना बैठें, इससे आपके गुदे पर दबाव पड़ सकता है।
- नियमित रूप से एक्सरसाइझ करें।
- अधिक समय तक शौचालय में ना बैठें।
- अपने नसों पर दबाव ना पड़ने दें।
- मोटापे को नियंत्रित करें।
बवासीर की समस्या में सर्जरी (Piles Surgery)
बवासीर की समस्या में कई तरह की सर्जरी की जाती है। इसलिए सबसे जरूरी बात यह है कि अपनी समस्या की स्थिति के हिसाब से ही सर्जरी का चयन करें। अगर आप बवासीर की सर्जरी यानी ऑपरेशन कराने जा रहे हैं तो उससे पहले अपने डॉक्टर से इस बात की जानकारी जरूर लें कि आपकी समस्या में वह कौन सी सर्जरी का उपयोग करने जा रहे हैं। आज के समय में बवासीर के इलाज के लिए लेजर सर्जरी, ओपन सर्जरी, स्टेपलर सर्जरी, क्षार सूत्र सर्जरी जैसे विकल्प मौजूद हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इनमें से लेजर सर्जरी को सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।
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बवासीर की समस्या में मरीजों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, खानपान और जीवनशैली से जुड़ी आदतों में लापरवाही के कारण इस समस्या के बढ़ने का जोखिम रहता है। बवासीर में ब्लीडिंग बढ़ने और इसके लक्षणों के गंभीर होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। इस बीमारी को सर्जरी के अलावा मेडिकल मैनेजमेंट से भी ठीक किया जा सकता है। अपने डॉक्टर से इलाज के दौरान मौजूद उपचार विकल्पों के बारे में बातचीत जरूर करें।
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