
बवासीर की समस्या होने पर बहुत ही ज्यादा दर्द होता है। इस समस्या का समय पर इलाज जरूरी है। एक्सपर्ट से जानते हैं इसके प्रमुख लक्षण क्या हैं।
बवासीर की समस्या आज के समय में बहुत ही आम हो चुकी है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों को यह समस्या काफी ज्यादा होती है। घरेलू तरीकों से आप इस समस्या का इलाज बहुत ही आसानी से कर सकते हैं। बवासीर गुदा के आसपास या फिर गुदे के नीचे स्थित नसों में सूजन होता है। इस समस्या के कारण गुदे के पास हानिकारक ऊतकों का संग्रह हो जाता है। मनीपाल हॉस्पिटल के गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉक्टर कुणाल दास बताते हैं कि बवासीर कई कारणों से हो सकता है। लेकिन इसके स्पष्ट कारणों के बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि बवासीर की समस्या खतरनाक नहीं होती है, लेकिन इसके मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव करके आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं। चलिए डॉक्टर कुणाल दास से जानते हैं होने के क्या कारण और लक्षण हैं?
बवासीर के प्रकार (Types of Piles in Hindi)
डॉक्टर कुणाल दास बताते हैं कि बवासीर दो तरह से हो सकता है। पहला आंतरिक बवासीर (Internal haemorrhoids) और दूसरा बाहरी बवासीर (External haemorrhoids)।
बाहरी बवासीर (External haemorrhoids) – बाहरी बवासीर गुदा के बाहर और स्किन के नीचले हिस्से में विकसित होता है। यह बहुत ही सामान्य और कष्टदायी होता है। इसके कारण मरीज को गुदे के आसपास खुलजी, गंभीर दर्द और बैठने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
आंतरिक बवासीर (Internal haemorrhoids) – आंतरिक बवासीर गुदा या फिर गुदा के आंतरिक हिस्से में विकसित होता है।
किन कारणों से होता है बवासीर (Haemorrhoids Causes in Hindi)
महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान बवासीर होने का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि इस दौरान महिलाओं के गुदे पर अधिक दबाव रहता है। इस वजह से गुदे के चारों ओर नसें फैलने लगती हैं, जिसकी वजह से सूजन और दर्द की शिकायत हो सकती है। गुदे के निचले हिस्से में दबाव की वजह से ही बवासीर की समस्या होती है। इसके साथ ही कई अन्य कारणों से भी बवासीर हो सकती है।
- मोटापा
- गर्भावस्था
- मलोत्सर्जन के दौरान तनाव
- कई दिनों तक कब्ज और दस्त की शिकायत
- गुदा संभोग
- अधिक वजन उठाना
- अनुवांशिक कारणों से भी बवासीर की समस्या हो सकती है।
- फाइबरयुक्त आहार का कम सेवन करना
- शौचालय में लंबे समय तक बैठने से भी बवासीर की समस्या हो सकती है।
बवासीर के लक्षण (Haemorrhoids Symptoms)
- गुदे के आसपास दर्द होना।
- गुदे के पास संवेदनशील महसूस होना।
- गुदा के आसपास खुजली और जलन होना।
- मल त्यागने पर मल से रक्त निकलना और दर्द होना।
- गुदे के चारों ओर सूजन होना।
- बवासीर होने पर एनीमिया के लक्षण भी दिख सकते हैं।
- शरीर में रक्त की कमी होना।
- अधिक कमजोरी और थकान महसूस होना।
बवासीर का निदान (Haemorrhoids Diagnosis)
बाहरी बवासीर की शिकायत होने पर डॉक्टर बाह-शारीरिक परीक्षण करता है। लेकिन आंतरिक रूप से बवासीर की शिकायत होने पर डॉक्टर कुछ टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं।
- दृश्य निरीक्षण (Visual inspection)
- डिजिटल परीक्षण (Digital examination)
- कॉलोनोस्कोपी (colonoscopy)
- सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy)
बवासीर का उपचार (Treatment of Haemorrhoids)
बवासी का इलाज डॉक्टर्स द्वारा संभव है। इसका साधारण तरीके से इलाज किया जा सकता है। लेकिन किसी कारणों से बवासीर की समस्या गंभीर हो गई है, तो डॉक्टर्स सर्जरी का सहारा लेते हैं। इसके अलावा निम्न तरीकों से बवासीर का इलाज किया जा सकता है।
दवाएं (Medications)- शुरुआत में बवासीर की शिकायत होने पर डॉक्टर हल्की-फुल्की दवाइयां देते हैं। इसके साथ ही प्रभावित हिस्से पर क्रीम, मलहम, suppositories या पैड लगाने की सलाह देते हैं। अगर एक सप्ताह के अंदर बवासीर की समस्या ठीक नहीं होती है, तो अन्य उपायों द्वारा बवासीर की समस्या ठीक करने की कोशिश की जाती है। ध्यान रहे कि गुदे पर क्रीम का इस्तेमाल 1 सप्ताह से अधिक ना करें।
बैंडिंग (Banding) - बवासीर की समस्या होने पर डॉक्टर बेस के चारो ओर बैंडिंग लगा देते हैं, जिससे उस हिस्से पर रक्त ना पहुंच पाए। ऐसा करने से रक्त की आपूर्ति होती है,जिससे अपने आप बवासीर गिर जाता है। इस इलाज से मरीज को थोड़ी असुविधा होती है और प्रक्रिया को पूरा होने में कम से कम दो से चार दिन का समय लगता है।
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स्क्लेरोथेरेपी (Sclerotherapy) - इस थैरेपी द्वारा मरीज को इंजेक्शन दिया जाता है। जिससे बवासीर सूखकर सिकुड़ जाए और कोशिकाओं में इसकी वृद्धि ना हो। इस उपाय में मरीज को दर्द ना के बराबर होता है।
इसके अलावा कुछ मरीजों को इन्फ्रारेड कोगुलेशन (Infrared coagulation) थैरेपी दी जाती है, जिसमें तरंगों के माध्यम से बवासीर को नष्ट करने की कोशिश की जाती है।
बवासीर से होने वाले जोखिम (Haemorrhoids Complications in hindi)
बवासीर की शिकायत होने पर मरीजों को कई अन्य समस्याएं भी हो सती है।
एनीमिया (Anemia) - बवासीर की शिकायत होने पर मरीज को एनीमिया होने का खतरा रहता है। एनीमिया की शिकायत होने पर शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन का प्रभाह सही से नहीं हो पाता है।
अस्थिर हेमोराइड (Strangulated hemorrhoid) - अगर किसी मरीज को एमीमिया की शिकायत हो जाती है, तो उसे अत्यधिक दर्द का सामना करना पड़ सकता हैय़
अगर आपको बवासीर के कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें। कभी कभी गुर्दे के पास दर्द के साथ-साथ अत्यधिक खून बहने की शिकायत हो सकती है। ऐसे मे डॉक्टर्स के पास जाने में देरी ना करें।
बवासीर से कैसे करें बचाव (Prevention of Haemorrhoids)
बवासीर से बचाव के लिए आप निम्न तरीकों को अपना सकते हैं।
- अधिक से अधिक पानी पिएं। पानी पीने से आपको कब्ज की शिकायत नहीं होती है। मल त्यागने में परेशानी के कारण बवासीर होने का का खतरा ज्यादा रहता है।
- अधिक फाइबरयुक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करें। जैसे- साबुत अनाज, रेशेदार फल और सब्जियां
- कॉन्क्रीट और टाइल्स जैसे कठोर स्थान पर अधिक समय तक ना बैठें, इससे आपके गुदे पर दबाव पड़ सकता है।
- नियमित रूप से एक्सरसाइझ करें।
- अधिक समय तक शौचालय में ना बैठें।
- अपने नसों पर दबाव ना पड़ने दें।
- मोटापे को नियंत्रित करें।
बवासीर के घरेलू उपचार (Home remedies for Haemorrhoids)
बवासीर की समस्या होने पर घरेलू उपायों से आप इससे राहत पा सकते हैं। हल्का सा दर्द और सूजन की शिकायत होने पर ये घरेलू उपाय जरूर अपनाएं।
गर्म जल (Warm water) – बवासीर की शिकायत होने पर एक गर्म टब में पानी भरें। इस टब में थोड़े समय के लिए बैठे। इससे गुर्दे में दर्द और सूजन से आराम मिल सकता है।
वाइप्स (Wipes) – मल या मूत्र त्यागने के बाद टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने से बवासीर की समस्या बढ़ सकती है। अगर आपको बवासीर की शिकायत है, जो पानी या टॉयलेट पेपर के बदले वाइप्स का इस्तेमाल करें।
एलोवेरा (Aloe vera) – बवासीर की शिकायत होने पर प्रभावित हिस्से में शुद्ध एलोवेरा जेल लगाएं। क्योंकि एलोवेरा में एंटी इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण पाए जाते हैं, जो बवासीर में होने वाली परेशानियों को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
नारियल का तेल (Coconut oil) – नारियल तेल को नेचुरल मॉइस्चराइज़र के रूप में जाना जाता है। अगर आपको हेमोराइड (बवासीर) की परेशानी है, तो आप प्रभावित हिस्से पर नारियल का तेल लगाएं। इससे दर्द और सूजन से राहत मिल सकता है।
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