Piles Problem : टॉयलेट सीट पर बैठे-बैठे फोन चलाने से हो सकती है बवासीर, डॉक्टरों ने बताया कारण

Piles Problem : स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लंबे वक्त तक टॉयलेट सीट पर बैठकर फोन चलाने से लोगों को बवासीर का समस्या हो सकती है। ज्यादा देर तक सीट पर बैठे रहने से लोवर रेक्टम में एनस की नसों पर दबाव बढ़ जाता है, जिस कारण ये समस्या होती है।  
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Piles Problem : टॉयलेट सीट पर बैठे-बैठे फोन चलाने से हो सकती है बवासीर, डॉक्टरों ने बताया कारण

अगर आप अपने टॉयलेट में स्मार्टफोन लेकर जाते हैं तो और ज्यादा देर तक समय बिताते हुए फोन का प्रयोग करते हैं तो आपको बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लंबे वक्त तक टॉयलेट सीट पर बैठने से लोवर रेक्टम में एनस की नसों पर दबाव बढ़ जाता है, जिस कारण लोगों को बवासीर का समस्या हो जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, टॉयलेट में बैठे वक्त फोन चलाने से लोवर रेक्टल में अधिक खिंचाव पैदा हो जाता है, जो हमारे लिए चिंता का सबब बन सकता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादातर लोग टॉयलेट में बैठे-बैठे फोन चलाते हैं ताकि वह अपने सोशल मीडिया अपडेट और अन्य जरूरी मेल देख  सकें लेकिन कुछ लोग इस आदत के खतरनाक परिणामों से भलीभांति वाकिफ हैं।

नोएडा के जेपी अस्पताल में जीआई एंड एचपीबी सर्जरी विभाग के एक्जीक्यूटिव कंस्लटेंट दिपांकर शंकर मित्रा का कहना है, ''टॉयलेट में बैठे-बैठे फोन पर बेफिजूल का वक्त बिताने से हमारे लोवर रेक्टल मुकोसा के साथ-साथ एनल कुशन में अधिक खिंचाव पैदा हो जाता है, जिस कारण बवासीर या पाइल्स जैसी समस्या हो जाती है।''

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गुरुग्राम में नारायणा सुपरस्पेशियालटी हॉस्पिटल के गैसट्रोनेटेरोलॉजी कंस्लटेंट नवीन कुमार भी इस बात से सहमत हैं कि ज्यादा देर तक टॉयलेट सीट पर बैठे रहने और उस दौरान स्मार्टफोन पर लगे रहने से बवासीर का खतरा बढ़ सकता है। स्मार्टफोन चलाते वक्त आमतौर पर व्यक्ति ज्यादा देर तक टॉयलेट सीट पर बैठे रहते हैं।

कुमार ने कहा, ''दरअसल स्मार्टफोन का प्रयोग करना वास्तविक समस्या नहीं है। बल्कि लंबे वक्त तक टॉयलेट सीट पर बैठे रहने से बवासीर की समस्या हो सकती है।'' उन्होंने कहा कि ज्यादा देर तक बैठे रहना और खिंचाव पैदा होने से खूनी बवासीर हो सकती है। इसके साथ ही दर्द, सूजन और खून भी आ सकता है।

एक हालिया यूजीओवी सर्वे में खुलासा हुआ कि 57 फीसदी ब्रिटिश लोग टॉयलेट में अपने फोन का प्रयोग करते हैं, जबकि आठ फीसदी का दावा है कि वह हमेशा से ऐसा करते आ रहे हैं।

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गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में मिनिमल एक्सेस, बैरिएट्रिक एंड जीआई सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट बिजेंद्र कुमार सिन्हा का कहना है कि टॉयलेट में स्मार्टफोन का प्रयोग करने की समस्या वहां बिताए गए वक्त को काम में लाने की होती है जबकि ऐसा होता नहीं है।

सिन्हा ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति टॉयलेट में बहुत देर से बैठा है तो उसे मलत्याग करते वक्त परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और निरंतर परेशानी रहना बवासीर की समस्या की ओर ले जाता है।

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