4 तरह की होती है बवासीर, इनके लक्षणों से जानें आपको कौन सी है?

पाइल्‍स होने के कई कारण हो सकते हैं। मलत्‍याग के दौरान कब्‍ज की वजह से जोर लागने से भी बवासीर हो सकता है। प्रेग्‍नेंसी में गुदा नसों पर दबाव के चलते भी यह समस्‍या महिलाओं में अक्‍सर देखी जा सकती है। पाइल्‍स के लक्षण भी विभिन्‍न प्रकार के हो सकते हैं।
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4 तरह की होती है बवासीर, इनके लक्षणों से जानें आपको कौन सी है?


बवासीर, जिसे पाइल्‍स या हेमोरॉयड्स भी कहा जाता है। यह तब होता है जब आपके मलाशय या गुदा द्वार में नसों के गुच्छे सूज जाते हैं। आमतौर पर यह मलाशय की नसों का 'वैरिकोज वेन्‍स' रोग होता है। बवासीर मलाशय के अंदरूनी या गुदा के बाहरी भाग में भी हो सकता है। पाइल्‍स होने के कई कारण हो सकते हैं। मलत्‍याग के दौरान कब्‍ज की वजह से जोर लागने से भी बवासीर हो सकता है। प्रेग्‍नेंसी में गुदा नसों पर दबाव के चलते भी यह समस्‍या महिलाओं में अक्‍सर देखी जा सकती है। पाइल्‍स के लक्षण भी विभिन्‍न प्रकार के हो सकते हैं। गुदा द्वार पर खुजली, सूजन के अलावा रक्‍तश्राव भी हो सकते हैं। इसमें कई बार गुदा के मस्‍से बाहर निकल आते हैं। 

 

बवासीर के प्रकार (Type of Hemorrhoids)

पाइल्‍स या बवासीर मुख्‍यत: 4 प्रकार के होते हैं। यह अलग कारणों से व्‍यक्ति के शरीर में समय के साथ उभरते हैं।  

अंदरूनी बवासीर (Internal Hemorrhoids)

जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है कि ये बवासीर अंदरूनी हिस्‍से में पनपता है। यह मलाशय के अंदर विकसित होता है। कुछ मामलों में ये दिखाई नहीं देते क्‍योंकि ये गुदा में काफी अंदर विकसित होते हैं। इस प्रकार के बवासीर कोई गंभीर समस्‍या पैदा नहीं करते हैं और अगर खानपान में बदलाव किए जाएं तो समय के साथ धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। 

बाह्य बवासीर (External Hemorrhoids)

इस प्रकार के बवासीर गुदा द्वार के बाहरी छोर पर विकसित होता है। यह ठीक उसी सहत पर विकसित होते हैं जहां से मलत्‍याग किए जाते हैं। कुछ मामलों में ये देर से दिखाई देते हैं लेकिन कई बार यह गुदा की सहत पर गांठ के रूप में विकसित हो जाते हैं। शुरूआती स्‍टेज में इसमें ज्‍यादा तकलीफ नहीं होती, लेकिन यही गांठ बढ़ने के साथ समस्‍या भी बढ़ जाती है। 

प्रोलेप्‍सड बवासीर (Prolapsed Hemorrhoids)

जब इंटरनल पाइल्‍स में सूजन आ जाती है और वह गुदा द्वार से बाहर की तरफ निकलने लगता है तो इस स्थिति को प्रोलेप्‍सड बवासीर कहा जाता है। इसमें एक गांठ, जिसमें सूजन होती है वह बाहर निकली हुई गांठ की तरह दिखाई देती है। इस तरह की गांठ को पहचान कर आप चिकित्‍सक की सलाह ले सकते हैं। 

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खूनी बवासीर (Thrombosed Hemorrhoids)

खूनी बवासीर, बवासीर के प्रकारों की सबसे बड़ी जटिलता के तौर पर देखी जा सकती है, क्‍योंकि रक्‍तश्राव के चलते व्‍यक्ति कमजोर हो जाता है। इस स्थिति में गंभीर दर्द और सूजन विकसित होने के लगते हैं जो आपकी जीवनशैली को प्रभावित करते हैं। इसमें कई तरह से बचाव करने की जरूरत होती है। मलत्‍याग के दौरान खून आए तो इसकी गंभीरता को भांपते हुए तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें।  

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बवासीर से कैसे बचें (How to Prevent Hemorrhoids)

आप जीवनशैली में कुछ छोटे-मोटे बदलाव कर बवासीर जैसी गंभीर समस्‍या से बच सकते हैं। 

  • बवासीर न हो इसके लिए जरूरी है आपका खानपान हेल्‍दी होना चाहिए। संतुलित आहार लें, जिसमें फल और सब्जियों की मात्रा अधिक हो। 
  • कब्‍ज बवासीर होने की प्रमुख वजह है, इससे बचने के लिए फल और सब्जियों सेवन जरूर करें, क्‍योंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो आसानी से हमारी आंतों की सफाई करता है। इससे कब्‍ज की समस्‍या नहीं होती है। 
  • मांस, मछली और तली-भुनी चीजें, शराब, धूम्रपान जैसी चीजों से दूर रहें। 
  • सुबह जल्‍दी उठें और रात को समय से सोएं। 
  • रोजाना योग और एक्‍सरसाइज जरूर करें। वॉक करें। 
  • रोजाना 8 से 10 ग्‍लास पानी जरूरी पीएं। जीवन को तनाव मुक्‍त बनाएं।  

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