कभी कभी हमारे लिए खुद से रखा सामान, गाड़िया की चाबी या फिर अपने प्रियजनों का जन्मदिन भूल जाना हमें बुरी स्थिति में फंसा सकता है। अक्सर लोग खुद से यहां-वहां चीजें रखकर भूल जाते हैं और बाद में उन्हें ढूंढते-ढूंढते आसमान सिर पर उठा लेते हैं और इस कदर परेशान हो जाते हैं कि अपने दूसरे काम भी खराब कर लेते हैं। यह लगभग सभी के साथ होता है और छोटी-मोटी चीजों को भूलने की आदत से कभी परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। दरअसल यह किसी भी व्यक्ति के लिए आम बात है और वास्तव में यह इस बात का संकेत है कि आपका दिमाग सही से काम कर रहा है। अगर आप सोच रहे हैं कि यह आप क्या पढ़ रहे हैं तो जरा ठहरिए आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। जी हां, छोटी-छोटी चीजों को भूलना आपके लिए वाकई फायदेमंद है। तो आइए आपको बताते हैं कैसे?
चीजों को भूलना अच्छा क्यों
जर्नल न्यूरोन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, छोटी-मोटी चीजों को भूलना इस बात का संकेत नहीं है कि आपका मस्तिष्क सही से काम नहीं कर रहा है। दरअसल होता यूं है कि इसके विपरित कुछ जानकारियों को भुलाकर आपका दिमाग नई जानकारियों के लिए जगह बना रहा होता है। लगातार नई जानकारियों को समेटना के कारण आपका मस्तिष्क जरूरत से ज्यादा जानकारियां सहेजने लगता है, जिसके कारण आप बातों में उलझ जाते हैं और अक्सर छोटी-मोटी बातों को भुला देते हैं, जो कि आपके मस्तिष्क के सही से काम करने का संकेत है।
भविष्य के लिए बेहतर होता है चीजों को भूलना
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के निष्कर्ष में यह बताया कि हमारे मस्तिष्क का लक्ष्य सभी चीजों को याद रखने का नहीं होता है बल्कि वह आपकी खूबसूरत यादों को सहेज कर रखने में सक्षम होता है, जो कि भविष्य के लिए अच्छे फैसले लेने में आपकी मदद करते हैं। स्मार्ट और बेहतर फैसले के लेने के लिए बेहद जरूरी है कि आप बेकार और फिजूल की हजारों तरह की जानकारियों को अपने दिमाग से निकाल दें और नई जानकारियों के लिए अपने मस्तिष्क में जगह बनाएं।
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चिंता करने की जरूरत नहीं
इसलिए आपको इस बात से घबराने की जरूरत नहीं है कि आप ऑफिस में क्लाइंट के साथ जरूरी मीटिंग भूल गए या फिर स्कूल में जो चीजें पढ़ाई गई थी उन्हें घर पर आते ही भूल गए। इसलिए चीजों को भूलने को लेकर खुद को कोसे नहीं । यह सामान्य है और आपको इसके लिए किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
दिमाग को तेज बनाने के उपाय
नया-नया खाना खाएं
आपका मस्तिष्क में लाखों भोजन के बीच सुगंध और स्वाद के बीच अंतर करने और उसे पहचानने की क्षमता होती है। एक नया स्वाद आपमें नया भाव पैदा कर सकता है। इसलिए नए-नए पकवानों को चखें। ऐसा करने से आपको चीजें याद रहेंगी और आपका दिमाग तेज होगा।
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अलग-अलग तरह से पढ़ना
जब हम धीरे-धीरे अपने मन-मन में पढ़ते हैं या जब हम अपने किसी साथी के साथ और जोर-जोर से पढ़ते हैं तो हमारा मस्तिष्क सर्किट विभिन्न तरीकों से काम करता है। यह तरीका अपने पुराने रूटीन को बदलकर मस्तिष्क को काम करने का एक नया तरीका प्रदान करता है।
घूमते वक्त गाड़ी से बाहर देखें
दिमाग में यादों को सहेज कर रखने वाला हिस्सा हिप्पोकैम्पस मस्तिष्क में आवाजों, गंध और जगहों को पहचानने से जुड़ा हुआ है। जब भी कभी घूमने जाएं तो गाड़ी के शीशे खोलकर नए इलाकों में घूमें या ऐसी जगहों पर जाएं, जिनसे आप परिचित नहीं हैं। आपको अपने मस्तिष्क को नई चीजों को देखने और नई जगहों को पहचानने का मौका देना चाहिए।
नहाते वक्त बंद कर लें आंखे
ऐसा करने से आपके अंदर के भाव अधिक सक्रिय होते हैं। नहाते वक्त अपनी आंखों को बंद कर पानी के टैप को बंद करना या अपने शॉवर के टैप को ढूंढने से स्पर्शनीय भाव तेज होता है। ऐसा करने से आपके हाथ विभिन्न चीजों को महसूस करते हैं और उसके संकेत आपके मस्तिष्क को भेजते हैं।
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