वाइन, चाकलेट और चाय के शौकीनों को ज्यादा मन मसोसने की जरूरत नहीं। हाल में किए गए वैज्ञानिक शोध में इन सभी चीजों को मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाने में मददगार पाया गया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक वाइन की थोड़ी मात्रा दिमाग की क्रियाशीलता बढ़ा सकती ह
वाइन, चाकलेट और चाय के शौकीनों को ज्यादा मन मसोसने की जरूरत नहीं। हाल में किए गए वैज्ञानिक शोध में इन सभी चीजों को मस्तिष्क की क्षमता बढ़ाने में मददगार पाया गया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक वाइन की थोड़ी मात्रा दिमाग की क्रियाशीलता बढ़ा सकती है। नार्वे व आक्सफोर्ड के शोधकर्ताओं द्वारा 70 से 75 साल के लगभग दो हजार लोगों पर किए गए शोध में मस्तिष्क की क्षमता व फ्लेवनायड्स के बीच संबंध देखा गया। चाकलेट, वाइन व चाय में सामान्य रूप से फ्लेवनायड्स मौजूद रहता है।
उम्र बढ़ने के साथ माइक्रो न्यूट्रीएंट्स में कमी आ जाती है। यही माइक्रो न्यूट्रीएंट्स दिमागी क्रियाशीलता के लिए जिम्मेदार होता है। फलों व पेय पदार्थो जैसे चाय, रेड वाइन, कोको व काफी में पालीफेनाल्स व माइक्रोन्यूट्रीएंट्स की खासी मात्रा मौजूद होती है। गौरतलब है कि पालीफेनाल्स का ही एक प्रकार फ्लेवनायड्स है। इसी के चलते चाकलेट, वाइन, काफी या चाय न पीने वाले लोगों की अपेक्षा इनका सेवन करने वालों का दिमाग ज्यादा तंदरुस्त पाया गया। साथ ही फ्लेवनायड्स का ज्यादा सेवन करने वालों में डिमेंशिया (याददाश्त कम होना) का खतरा भी कम देखा गया। उल्लेखनीय है कि ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन भी डिमेंशिया का कारण बनता है।
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