Early Signs of Brain Disorders in 30s: जब तक लोग 30 की उम्र में आते हैं, तब तक लोग घर-परिवार और करियर की जिम्मेदारियों में इतना बिजी हो जाते हैं कि अपनी सेहत को ताक पर रख देते हैं। इस दौर में लोगों को कई ऐसे लक्षण नजर आते हैं, जिन्हें इग्नोर करने पर ब्रेन डिसऑर्डर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए ब्रेन हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। ऐसे कौन से लक्षण हैं, जो 30 के पार ध्यान रखने चाहिए। इन लक्षणों की जानकारी के लिए हमने नई दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ.अमिताभ गुप्ता (Dr. Amitabh Gupta, Associate Director, Neurology, PSRI Hospital, New Delhi) से बात की।
5 लक्षण हो सकते हैं ब्रेन डिसऑर्डर के संकेत
बार-बार भूलना या सिरदर्द
डॉ. अमिताभ कहते हैं, “अगर आप 30 साल की उम्र के हैं और आपको बार-बार भूलने की आदत है या सिरदर्द की समस्या है, तो आपको इस पर ध्यान देने की जरूरत है। अक्सर लोगों को देखा है कि वे रोजमर्रा की बातों को भूल जाते हैं या अपॉइंटमेंट्स जैसी चीजें याद नहीं रख पाते, तो यह आदत सामान्य नहीं है। ये ब्रेन हेल्थ से जुड़ा लक्षण हो सकता है। दरअसल, लगातार सिरदर्द होना दिमाग पर दबाव या न्यूरोलॉजिकल समस्या हो सकती है। अगर इसे हल्के में लेना मेमोरी लॉस या माइग्रेन जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।”
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ध्यान न लगना या फोकस न होना
डॉ. अमिताभ बताते हैं कि 30 की उम्र में काम या घर की जिम्मेदारियों के बीच लोग काफी स्ट्रेस ले लेते हैं। इस वजह से लगातार बेचैनी हो सकती है, या सुस्ती महसूस हो सकती है। अगर किसी को लगातार तनाव हो, तो दिमाग की केमिस्ट्री बिगड़ने का संकेत हो सकता है। इसके लक्षण हो सकते हैं।
- फोकस न कर पाना
- छोटी-छोटी बातों पर घबराना
- काम में दिलचस्पी कम होना
अनिद्रा
डॉ. अमिताभ कहते हैं, “30 की उम्र में अगर स्ट्रेस होता है, तो नींद भी पूरी नहीं हो पाती। कुछ लोगों की नींद रात में बार-बार टूटती है। इससे दिमाग पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। अगर लंबे समय तक नींद नहीं आती, तो ये अनिद्रा का कारण बन सकता है। इसेस डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी दिक्कते हो सकती है। इसके अलावा, अगर किसी को ज्यादा नींद भी आती है, तो भी दिमागी थकान और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है।”
चक्कर आना और मूड में बदलाव
डॉ. अमिताभ ने बताया कि अगर किसी को 30 की उम्र में बार-बार बिना किसी कारण चक्कर आने लगे या मूड बदलता रहे, तो इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें। इसके कुछ लक्षणों पर खास ध्यान देना जरूरी है और अगर ये लक्षण बार-बार नजर आते हैं, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
- अचानक गुस्सा आना
- उदासी लंबे समय तक रहना
- छोटी-छोटी बातों पर रो देना
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दिमाग का जल्दी का थकना
डॉ. अमिताभ का कहना कि अगर रोजाना आपको दिमागी रूप से थकान महसूस होती है या फिर काम करने का मन नहीं करता और ये लक्षण बार-बार नजर आता है, तो ब्रेन डिसऑर्डर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों पर जरूर ध्यान दें।
- लगातार थकान रहना
- एनर्जी की कमी
- काम करने का मन न होना
दिमाग से जुड़े इन लक्षणों का इलाज जरूरी
डॉ. अमिताभ ने बताया कि अगर 30 की उम्र में बार-बार ऐसे लक्षण नजर आते हैं, तो इन्हें इग्नोर करना भविष्य के लिए भारी पड़ सकता है। ऐसे संकेतों पर नजर रखें कि ये ब्रेन डिसऑर्डर की वजह न बनें। समय पर पहचान करने से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है और इसके साथ 30 की उम्र के लोगों को अपने लाइफस्टाइल, खानपान और कसरत पर खास ध्यान देना चाहिए। इस उम्र में जितना करियर जरूरी है, उतनी ही सेहत भी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
डॉ. अमिताभ जोर देते हुए कहते हैं कि शरीर की हेल्थ भी ब्रेन से जुड़ी हुई है। अगर दिमाग को सही पोषण मिलेगा,तो इसका असर शरीर पर भी देखने को मिलेगा लेकिन थकान, सिरदर्द, चक्कर आना, अनिद्रा जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें।