Brain and Spine Disorders: शरीर का नियंत्रण मस्तिष्क यानी दिमाग से होता है। दिमाग शरीर का सबसे कॉम्प्लेक्स हिस्सा है, जो शरीर का कंट्रोल और कमांड संभालता है। दिमाग शरीर से नर्वस सिस्टम के माध्यम से जुड़ा होता है और कमांड भी इन्हीं के जरिए भेजता है। शरीर की रीढ़ की हड्डी भी नर्वस सिस्टम से जुड़ी होती है। ऐसे में दिमाग और रीढ़ की हड्डी का सीधा कनेक्शन होता है। रीढ़ की हड्डी और ब्रेन से जुड़ी समस्याओं की वजह से आपके शरीर पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर कहते हैं। ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर के लक्षणों में अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं और यही कारण है कि मरीज को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। आइये इस लेख में विस्तार से समझते हैं ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर के बारे में और इससे बचाव के टिप्स।
ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर क्या है?- What is Brain And Spine Disorder in Hindi
ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर को सामान्य भाषा में समझें तो यह शरीर के नर्वस सिस्टम, दिमाग और स्पाइन को प्रभावित करने वाली स्थिति है। दरअसल, स्पाइन भी नसों का समूह होता है, शरीर और दिमाग के बीच के कमांड यानी संकेतों को एक अंग से दूसरे अंग तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है। शरीर से जुड़ी कोई बीमारी, एक्सीडेंट और स्पाइन में चोट आदि लगने के कारण ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर का खतरा बढ़ जाता है। ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर कई तरह के होते हैं और हर स्थिति में इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं।
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क्या होते हैं ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर?- Brain And Spine Disorders Type in Hindi
ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर कई तरह के होते हैं। स्पाइन में मौजूद 26 हड्डियां जिन्हें कशेरुक कहा जाता है, जो स्पाइनल कॉर्ड और नर्वस सिस्टम को सपोर्ट करती हैं। जब किसी चोट, इंजरी या दुर्घटना के कारण कशेरुक को नुकसान पहुंचता है तो, ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर का खतरा पैदा होता है। ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर इस तरह के होते हैं-
- स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर (Spinal Cord Tumor)
- स्पाइनल स्टेनोसिस (Spinal Stenoasis)
- कायफोसिस (Kyphosis)
- मेनिन्जाइटिस (Meningitis)
ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर से बचाव और इलाज- Brain And Spine Disorder Prevention And Treatment in Hindi
ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर होने पर मरीज की जांच के बाद इलाज किया जाता है। इस स्थिति में मरीज का इलाज उसकी कंडीशन के हिसाब से होता है। ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर के कारण मरीज जीवनभर के लिए निष्क्रिय हो सकता है या परेशानियां जीवनभर के लिए बनी रह सकती हैं। डॉक्टर मरीज की स्थिति के हिसाब से सर्जरी के अलावा कई तरह के उपचार को अपनाते हैं। इस गंभीर स्थिति से बचने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए।
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ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर से बचने के लिए डाइट में संतुलित और पौष्टिक आहार शामिल करें। आप इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए फल, हरी और ताज़ी सब्जियां, साबुत अनाज का सेवन करें। इसके अलावा तंबाकू और अल्कोहल का सेवन इस समस्या में गंभीर प्रभाव डालता है। इसलिए ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर के खतरे को कम करने के लिए तंबाकू और शराब का सेवन करने से बचें। रोजाना एक्सरसाइज और योग का अभ्यास करने से भी फायदा मिलता है। इसके अलावा गंभीर स्थिति होने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
नोट- यह आर्टिकल बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ समीर से मिले इनपुट्स पर आधारित है।
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