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नर्वस सिस्टम को कैसे ठीक किया जा सकता है? डॉक्टर से जानें

हमारे शरीर में नर्वस सिस्टम एक अहम भूमिका निभाता है लेकिन जब नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर की समस्या होती है तो अक्सर लोगों का सवाल होता है कि नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर को कैसे ठीक किया जा सकता है?
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नर्वस सिस्टम को कैसे ठीक किया जा सकता है? डॉक्टर से जानें


नर्वस सिस्टम हमारे शरीर का कंट्रोल सेंटर होता है, जो ब्रेन, रीढ़ की हड्डी स्पाइनल कॉर्ड और नसों नर्व्स के माध्यम से पूरे शरीर को संचालित करता है। यह सिस्टम हमारे सोचने, समझने, महसूस करने, चलने, बोलने, देखने और यहां तक कि सांस लेने जैसे कई कार्यों को कंट्रोल करता है। लेकिन जब इस प्रणाली में किसी प्रकार की रुकावट या गड़बड़ी उत्पन्न होती है, तो इसे नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर कहा जाता है। नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर की यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और इसके लक्षण व्यक्ति की लाइफस्टाइल और तंत्रिका प्रणाली पर निर्भर करते हैं। नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर में याददाश्त कमजोर होना, मांसपेशियों में कमजोरी, चलने-फिरने में दिक्कत, संतुलन की कमी, बोलने में परेशानी, सुन्नपन या झुनझुनी जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।

यह रोग मानसिक और शारीरिक दोनों ही लेवल पर प्रभाव डालता है। लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर का इलाज संभव है? क्या केवल दवाइयों से इसे ठीक किया जा सकता है, या कोई नेचुरल तरीका भी है? इस बारे में विस्तार से जानकारी के लिए हमने डॉ. पूजा आनंद, एसोसिएट कंसल्टेंट, न्यूरोलॉजी, पारस हेल्थ, गुरुग्राम (Dr. Pooja Anand, Associate Consultant, Neurology, Paras Health, Gurugram) से बात की-

नर्वस सिस्टम को कैसे ठीक किया जा सकता है? - How To Treat Nervous System Disorder

1. दवाइयों का उपयोग

नर्वस सिस्टम की बीमारियों में दवाइयों का अहम रोल (How do you treat nervous system diseases) होता है। लेकिन दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना कभी न करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि गलत दवा या गलत डोज से समस्या और बढ़ सकती है।

2. फिजिकल थेरेपी

फिजिकल थेरेपी से मांसपेशियों की कमजोरी दूर होती है और शरीर को बेहतर महसूस होता है। इसके लिए एक्सपर्ट की मदद लें, जो आपकी समस्या के अनुसार सही एक्सरसाइज बताएगा। योग भी नर्वस सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होता है।

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3. सर्जरी

कुछ मामलों में, जैसे कि गंभीर तंत्रिका दबाव या ट्यूमर होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। यह विकल्प केवल विशेषज्ञ न्यूरोसर्जन की सलाह पर ही अपनाना चाहिए।

4. मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान

तनाव और चिंता नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर को और बढ़ा सकते हैं। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान देना जरूरी है। मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग से बेहतर रिजल्ट मिलते हैं।

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5. हेल्दी लाइफस्टाइल

बैलेंस डाइट लें जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन बी12 और एंटीऑक्सिडेंट्स की पर्याप्त मात्रा हो। नियमित एक्सरसाइज करें, शराब और तंबाकू से बचें और रोजाना समय से भरपूर नींद लें।

How To Treat Nervous System

नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर के लक्षण - What are the symptoms of nervous system disorders

नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर के लक्षण बहुत अलग-अलग हो सकते हैं, जो बीमारी के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करते हैं।

  • हाथ-पैरों में झुनझुनी या कमजोरी
  • याददाश्त कमजोर होना
  • चलने-फिरने में दिक्कत होना
  • बोलने या समझने में समस्या
  • अचानक चक्कर आना या बेहोशी
  • मानसिक तनाव या डिप्रेशन

यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को ये लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

निष्कर्ष

नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही समय पर इलाज और सावधानी से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। दवाइयों के साथ-साथ लाइफस्टाइल में सुधार, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान और नेचुरल उपचार इसे बेहतर बनाने में सहायक होते हैं। किसी भी तरह के नर्वस सिस्टम के लक्षण दिखने पर एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • नर्वस सिस्टम कमजोर होने से क्या होता है?

    जब नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाता है, तो इसका असर शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य पर पड़ता है। व्यक्ति को थकान, चक्कर आना, हाथ-पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी, याददाश्त की कमी, मूड स्विंग्स, नींद की समस्या और रिएक्शन देने में धीमापन जैसी परेशानियां हो सकती हैं। कमजोर नर्वस सिस्टम से चलने-फिरने में असंतुलन, बोलने में रुकावट और ध्यान केंद्रित करने में भी दिक्कत होती है। समय पर इलाज न होने पर यह समस्या गंभीर न्यूरोलॉजिकल रोगों का रूप ले सकती है।
  • ब्रेन पावर बढ़ाने के लिए क्या करें?

    ब्रेन पावर बढ़ाने के लिए बैलेंस डाइट, नियमित एक्सरसाइज और अच्छी नींद बेहद जरूरी है। डाइट में बादाम, अखरोट, अश्वगंधा, हरी सब्जियां, फल और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त चीजें शामिल करें। रोजाना मेडिटेशन और प्राणायाम करने से मानसिक तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है। नई चीजें सीखने की आदत, जैसे किताब पढ़ना या पहेली हल करना, ब्रेन को एक्टिव बनाए रखती है। मोबाइल और टीवी का उपयोग सीमित करें। पर्याप्त पानी पिएं और नींद कम से कम 7-8 घंटे लें। 
  • मस्तिष्क के लिए कौन सा योग करें?

    मस्तिष्क को तेज और स्वस्थ बनाने के लिए योग लाभकारी होता है। ब्रेन पावर बढ़ाने के लिए विशेष रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, कपालभाति और श्वासन योगासन प्रभावी माने जाते हैं। ये प्राणायाम मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाते हैं, जिससे एकाग्रता, स्मरण शक्ति और मानसिक शांति मिलती है।

 

 

 

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