हर साल मानसून के दौरान कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है, वैसा ही इस साल भी हुआ है। पंजाब और हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्य बाढ़ की चपेट में हैं। जब पानी लंबे समय तक एक जगह ठहरा रहता है, तो यह मच्छरों के लिए आदर्श प्रजनन स्थल बन जाता है। ऐसे में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां तेजी से फैलने लगती हैं। खासतौर पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो जाती है और लोग समय पर इलाज नहीं ले पाते। इस वजह से बीमारी गंभीर रूप भी ले सकती है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि बाढ़ के कारण मच्छरों के प्रजनन स्थल बढ़ते हैं, जिससे मध्यम अवधि (हफ्तों से महीनों) में मलेरिया और अन्य मच्छरजनित रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए जरूरत है कि हम बाढ़ के बाद के दिनों में अतिरिक्त सावधानियां बरतें, ताकि इन मच्छर से फैलने वाले रोगों से खुद को और अपने परिवार को बचा सकें। इस लेख में हम जानेंगे बाढ़ जैसी स्थिति में डेंगू-मलेरिया से बचने के लिए जरूरी सावधानियां। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ. सीमा यादव से बात की।
1. बाढ़ के बाद मच्छरों का बढ़ना- Increase in Mosquito Breeding After Floods
बाढ़ के बाद खुले नाले, गड्ढ़े, टंकी और गमलों में पानी जमा हो जाता है। यह मच्छरों के लिए आदर्श प्रजनन स्थल बन जाता है। डेंगू का वायरस एडीज एजिप्टी मच्छर और मलेरिया का प्लाज्मोडियम परजीवी ऐनोफिलीज मच्छर से फैलता है। इसलिए पानी जमा होने से ये खतरे कई गुना बढ़ जाते हैं।
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2. डेंगू और मलेरिया के शुरुआती लक्षण पहचानें- Early Symptoms Of Dengue and Malaria
डॉ सीमा यादव ने बताया कि लगातार बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, बदन दर्द, जोड़ों का दर्द, प्लेटलेट्स की कमी, कमजोरी और कभी-कभी त्वचा पर लाल चकत्ते, ये डेंगू के संकेत हैं। मलेरिया में ठंड के साथ तेज बुखार, पसीना, मतली और सिरदर्द मुख्य लक्षण हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
3. अपने आसपास पानी जमा न होने दें- Avoid Stagnant Water
घर के आस-पास कूलर, बाल्टी, टंकी और गमलों का पानी नियमित रूप से खाली करें या ढककर रखें। बाढ़ के बाद यह सबसे जरूरी दम है। इससे मच्छरों के प्रजनन स्थल खत्म हो जाते हैं।
4. मच्छर रोधी उपाय अपनाएं- Use Mosquito Repellents and Protection
मच्छरदानी, मच्छररोधी क्रीम, इलेक्ट्रिक वेपराइजर और नीम के धुएं जैसे घरेलू उपाय भी असरदार हैं। बाढ़ के बाद सामूहिक फॉगिंग (धुंआ) करवाना भी मददगार है।
5. सफाई और स्वच्छता पर ध्यान दें- Maintain Hygiene And Cleanliness
बाढ़ के बाद गंदगी और कचरा फैलने से संक्रामक रोग बढ़ते हैं। घर और आसपास के क्षेत्र में सफाई रखें। खुला कचरा या नाले बंद करने पर ध्यान दें।
निष्कर्ष:
बाढ़ के बाद डेंगू और मलेरिया का खतरा कई गुना बढ़ जाता है, लेकिन कुछ आसान सावधानियों से हम इस खतरे को कम कर सकते हैं। पानी जमा न होने देना, मच्छररोधी उपाय, समय पर जांच और इलाज अपनाएं। ये उपाय आपको डेंगू-मलेरिया से बचाने में मदद करेंगे।
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