सिर्फ वेट लॉस के लिए नहीं, दिमाग के लिए भी फायदेमंद होती है 'इंटरमिटेंट फास्टिंग', नई स्टडी में हुआ खुलासा

हाल ही में जर्नल नेचर कम्यूनिकेशन में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक इंटरमिटेंट फास्टिंग से दिमाग लंबे समय तक स्वस्थ रहता है। आइये जानते हैं।
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सिर्फ वेट लॉस के लिए नहीं, दिमाग के लिए भी फायदेमंद होती है 'इंटरमिटेंट फास्टिंग', नई स्टडी में हुआ खुलासा


आज के समय में फिट रहने के लिए लोग नए-नए डाइट प्लान फॉलो करते हैं। सभी डाइट्स के अपने-अपने फायदे हैं। कुछ लोग वेट लॉस तो कुछ लोग मसल गेन करने के लिए डाइट फॉलो करते हैं। कुछ लोग मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए इंटरमिटेंट डाइट फॉलो करते हैं। हाल ही में जर्नल नेचर कम्यूनिकेशन (journal Nature Communications) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक इंटरमिटेंट फास्टिंग से दिमाग लंबे समय तक स्वस्थ रहता है। आइये विस्तार से जानते हैं इस स्टडी के बारे में। 

धीमी होती है ब्रेन एजिंग 

बक इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एजिंग के वैज्ञानिकों द्वारा कैलिफॉर्निया में की गई इस रिसर्च में साबित होता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग या फिर संतुलित डाइट लेने से ब्रेन की एजिंग की प्रक्रिया धीमी होती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक कैलरी का सेवन कम करने से ब्रेन पर अच्छा असर पड़ता है। शोधकर्ताओं ने इस डाइट में OXR1 नामक जीन की भूमिका पाई है, जो ब्रेन को कमजोर या फिर बूढ़ा होने से बचाने के साथ ही अन्य भी कई न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से बचाव करने में कारगर साबित होता है। 

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न्यूरोजेनेरेटिव रोगों से होता है बचाव 

यह डाइट फॉलो करने से नर्वस सिस्टम ठीक रहता है, जिससे कई न्यूरोजेनेरेटिव रोगों से भी बचाव होता है। इंस्टीट्यूट में पोस्टडॉक्टरल छात्र केनेथ विल्सन के मुताबिक आमतौर पर लोग भोजन कम करने या फिर कैलोरी में कटौती करने के बाद सोचते हैं कि यह उनके पाचन तंत्र को प्रभावित करने के साथ ही फैट को बढ़ा सकता है। जबकि ऐसा नहीं है, इस डाइट को फॉलो करने से ब्रेन हेल्दी रहता है साथ ही शरीर में होने वाले बहुत से न्यूरोजेनेरेटिव रोगों के होने की आशंका कम होती है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे 

  • इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर में सूजन को कम करने में मददगार होती है। 
  • इस डाइट को फॉलो करने से शरीर में उर्जा बनी रहती है साथ ही सुस्ती और थकान भी कम होती है। 
  • अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो भी इंटरमिटेंट डाइट को फॉलो कर सकते हैं। इससे शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट कम होता है। 
  • इससे शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बने रहने के साथ ही इंसुलिन सेंस्टिविटी भी बेहतर रहती है। 

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