Intermittent Fasting In Diabetes: फिटनेस मेंटेन करने के लिए लोग तरह-तरह की डाइट फॉलो करते हैं। इन डाइट में ही शामिल है इंटरमिटेंट फास्टिंग। इस फास्टिंग के दौरान आठ घंटे की ईटिंग विंडो होती है यानी दिन के आठ घंटे के अंदर आप अपने मील ले सकते हैं। साथ ही, बचे हुए सोलह घंटे तक फास्टिंग करना होता है। इस दौरान बॉडी को हील होने का मौका मिल पाता है। इस तरीके से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वेट लॉस में मदद मिलती है। लेकिन क्या फास्टिंग के लिए यह तरीका हर किसी के लिए सेफ होता है? क्या डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं? क्या डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से ब्लड शुगर पर बुरा असर पड़ता है? ऐसे ही कई प्रश्नों के जवाब जानने के लिए हमने ग्रेटर नोएडा के यथार्थ हॉस्पिटल के न्यूट्रिशन एंड हेल्थ डिपार्टमेंट के हेड डॉ किरन सोनी से बात की। आइए लेख में एक्सपर्ट से जानें इसके जवाब।
क्या डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग सेफ होती है? Is Intermittent Fasting Safe In Diabetes
एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग करना सेफ है। लेकिन इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। क्योंकि डायबिटीज में भूखा रहने से शुगर स्पाइक हो जाती है। ऐसे में डायबिटीज टाइप, मेडिकेशन और ब्लड शुगर कंट्रोल पर ध्यान देकर ही फास्टिंग शुरू करनी चाहिए। अगर किसी को डायबिटीज के साथ कोई अन्य हेल्थ इशु है, तो ऐसे में चेकअप के बाद ही फास्टिंग शुरू करनी चाहिए।
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डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के फायदे- Benefits of Intermittent Fasting In Diabetes
डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी इंप्रूव होती है। यह ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में मदद करता है। डायबिटीज के साथ जिन लोगों को वेट लॉस करना है, उन्हें इंटरमिटेंट फास्टिंग से जल्दी वजन घटाने में मदद मिलती है। इससे वेट गेन के कारण होने वाली समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग बॉडी में इंफ्लेमेशन कम करके हार्ट हेल्थ इंप्रूव करने में भी मदद करती है।
डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग करते वक्त किन बातों का ध्यान रखें?
अगर आप 12:12 या 14:10 की ईटिंग विंडो चुन रहे हैं, तो एक बार डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
दिन में कई बार ब्लड शुगर जरूर चेक करें। फास्टिंग के दौरान ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर जरूर पहनकर रखें।
हमेशा हाइड्रेट रहें और अपने हर मील को बैलेंस्ड रखें। आपके हर मील में फाइबर, प्रोटीन और हेल्दी फैट्स जरूर होना चाहिए। इससे आपको काफी देर तक भूख नहीं लगेगी।
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इन बातों का रखें ध्यान
जिन लोगों की ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं रहती है, उनके लिए फास्टिंग रिस्की हो सकती है। जो लोग इंसुलिन लेते हैं या डायबिटीज में दवा लेते हैं, उन्हें ऐसे में लो ब्लड शुगर होने का खतरा हो सकता है। अगर फास्टिंग के बाद आप ओवरईट कर लेते हैं, तो इससे ज्यादा परेशानी हो सकती है। मैनेज न हो पाने के कारण कुछ लोगों में यह थकावट, इर्रिटेशन और बेहोशी की वजह भी बन सकती है।
एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज में इंटरमिटेंट फास्टिंग करना सेफ है। लेकिन इसे शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। अगर आप डायबिटीज के साथ किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या के लिए दवा लेते हैं, तो डाइट एक्सपर्ट की सलाह पर ही इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करें। ऐसे में पर्सनाइज्ड डाइट प्लान लेना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।