Micronutrients to Improve Insulin Sensitivity in hindi: इंसुलिन हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हार्मोन है। यह शरीर में ब्लड शुगर को मैनेज करने का काम करता है। इंसुलिन बनने की प्रक्रिया हमारी जीवनशैली, खानपान और रहन-सहन पर निर्भर करती है। साथ ही, उम्र के साथ शरीर में इंसुलिन बनने की क्षमता कमजोर हो जाती है। इसे इंसुलिन सेंसिटिविटी कहा जाता है। इसकी वजह से डायबिटीज टाइप 1 और टाइप 2 का खतरा रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इंसुलिन सेंसिटिविटी का खतरा उन लोगों को ज्यादा रहता है, जिनकी फैमिली में डायबिटीज, ओवरवेट या ओबेसिटी की हिस्ट्री रही है। इंसुलिन सेंसिटिविटी का सामना कर रहे लोग, अक्सर दवाओं के जरिए इसे कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं। गट हेल्थ कोच और डाइटिशियन मनप्रीत कालरा का कहना है कि इंसुलिन सेंसिटिविटी को कुछ खास माइक्रो न्यूट्रिएंट्स से ठीक किया जा सकता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको ऐसे ही 7 माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की जानकारी देने वाले हैं।
इंसुलिन सेंसिटिविटी को ठीक करने में मदद करेंगे ये 7 माइक्रोन्यूट्रिएंट्स- Micronutrients to improve insulin sensitivity
1. जिंक- Zinc
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, शरीर में जिंक की कमी से इंसुलिन की प्रतिक्रिया कम हो सकती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में जिंक का सेवन करना जरूरी है। डाइटिशियन का कहना है कि हरी सब्जियां, नट्स, साबुत अनाज और सी-फूड्स में पर्याप्त मात्रा में जिंक पाया जाता है। रोजाना इसका सेवन करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी को ठीक किया जा सकता है।
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2. मैग्नीशियम- Magnesium
मैग्नीशियम युक्त आहार का सेवन करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी को ठीक करने के साथ-साथ वजन को भी मैनेज करने में मदद मिलती है। शरीर में मैग्नीशियम की पूर्ति करने के लिए रोजाना पत्तेदार हरी सब्जियां, जैसे पालक, फलियां, मेवे, बीज और साबुत अनाज खाना चाहिए।
3. ओमेगा 3 फैटी एसिड- Omega 3 Fatty acids
कीवी फ्रूट, पपीता, एवोकाडो, जामुन और संतरे में भरपूर मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। इंसुलिन सेंसिटिविटी को ठीक करने और पैंक्रियाज में इंसुलिन का निर्माण करने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए रोजाना कम से कम 10 से 15 ग्राम ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन जरूर करना चाहिए।
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4. विटामिन डी- Vitamin D
सिर्फ इंसुलिन ही नहीं बल्कि शरीर में कई बीमारियों की वजह विटामिन डी की कमी होती है। आमतौर पर जो लोग रोजाना सुबह आधे घंटे सूरज की किरणों के बीच बिताते हैं, उनमें विटामिन डी की कमी नहीं होती है।
5. सेलेनियम- Selenium
सेलेनियम तीन तरीकों से पैंक्रियाज में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है। डाइटिशियन की मानें तो रोजाना पर्याप्त मात्रा में सेलेनियम का सेवन करने से इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारा जा सकता है। सेलेनियम की कमी को पूरा करने के लिए आप समुद्री भोजन, ऑर्गन मीट और ब्राजील नट्स जैसे खाद्य पदार्थों को डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
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6. क्रोमियम - Chromium
क्रोमियम एक ऐसा माइक्रो न्यूट्रिएंट है, जो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है। क्रोमियम ग्लूकोज के मेटाबॉलिज्म में मदद करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को ठीक करता है। क्रोमियम का स्तर सुधारने के लिए हरी सब्जियां, नट्स को डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं।
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7. विटामिन बी12 - Vitamin B12
इंसुलिन सेंसिटिविटी को ठीक करने और ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में विटामिन बी12 काफी महत्वपूर्ण होता है। दूध और इससे बने उत्पादों में यह विटामिन भरपूर मात्रा में होता है।
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