आज के समय में फिट और हेल्दी रहने के लिए लोग कई तरह की डाइट और फास्टिंग ट्रेंड्स को फॉलो कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है इंटरमिटेंट फास्टिंग, जो तेजी से फेमस हो रही है। इसे वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म सुधारने का एक प्रभावी तरीका माना जाता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग को बिना किसी गाइडेंस के अपनाना सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे तभी मिलते हैं जब इसे सही तरीके से किया जाए। गलत तरीके से फास्टिंग करने से कमजोरी, चक्कर आना और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में दिल्ली के एसेंट्रिक डाइट्स क्लीनिक की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता (Shivali Gupta, Dietcian, Eccentric Diets Clinic) से जानिए, इंटरमिटेंट फास्टिंग से मेटाबॉलिज्म पर क्या असर पड़ता है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग का मेटाबॉलिज्म पर असर - Does intermittent fasting speed up your metabolism
डाइटिशियन शिवाली गुप्ता बताती हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसा डाइट प्लान है जिसमें खाने और उपवास के समय को एक पैटर्न में बांटा जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) हाल के वर्षों में वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म सुधारने के लिए एक लोकप्रिय तरीका बन गया है। इसे एक विशेष खानपान पैटर्न के रूप में देखा जाता है, जिसमें व्यक्ति एक निश्चित समय के दौरान खाना खाता है और बाकी समय उपवास रखता है। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर इसे सही तरीके से किया जाए, तो यह न केवल वजन घटाने में मदद कर सकता है बल्कि मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर बना सकता है।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग और मेटाबॉलिज्म का संबंध - Relation between intermittent fasting and metabolism
इंटरमिटेंट फास्टिंग मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। जब शरीर को नियमित अंतराल पर खाना नहीं मिलता, तो वह जमा फैट का उपयोग करने लगता है।
इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार: फास्टिंग से इंसुलिन लेवल कम होता है, जिससे शरीर बेहतर तरीके से ब्लड शुगर का उपयोग करता है।
फैट बर्निंग प्रोसेस को बढ़ाना: उपवास के दौरान शरीर के फैट बर्निंग हार्मोन एक्टिव हो जाते हैं।
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इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले ध्यान रखें ये बातें
- अगर आप किसी पुरानी बीमारी जैसे डायबिटीज या हार्ट डिजीज से पीड़ित हैं, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- अपनी दिनचर्या और एनर्जी की जरूरत के हिसाब से सही फास्टिंग पैटर्न चुनें।
- फास्टिंग के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- फास्टिंग के बाद पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें। भारी भोजन से बचें और प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स का सेवन करें।
- प्रोसेस्ड फूड और शुगर का सेवन कम से कम करें।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से बचें।
- अगर आपको थकावट या चक्कर आने की समस्या हो रही है, तो तुरंत फास्टिंग बंद करें।
डाइटिशियन के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। ऐसे में अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने का प्लान बना रहे हैं तो इससे पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। ऐसा इसलिए, क्योंकि एक्सपर्ट आपके शरीर की जरूरतों के अनुसार सही इंटरमिटेंट फास्टिंग की सलाह देंगे।
निष्कर्ष
इंटरमिटेंट फास्टिंग सही तरीके से अपनाने पर मेटाबॉलिज्म सुधारने और वजन घटाने में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, इसे शुरू करने से पहले डॉक्टर या डाइटिशियन से परामर्श लेना जरूरी है। बैलेंस डाइट और नियमित फिजिकल एक्टिविटी के साथ इसे अपनाने से आप न केवल मेटाबॉलिज्म को सुधार सकते हैं, बल्कि स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकते हैं।
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