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बवासीर से परेशान हैं, तो कचनार का करें सेवन, मिलेगा फायदा

बवासीर एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण लोगों को उठने-बैठने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां जानिए, बवासीर के लिए कचनार का सेवन कैसे करें?
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बवासीर से परेशान हैं, तो कचनार का करें सेवन, मिलेगा फायदा


वर्तमान समय में बवासीर, जिसे पाइल्स भी कहा जाता है, एक आम समस्या बन चुकी है, जिससे कई लोग परेशान हैं। बवासीर की समस्या मलाशय और गुदा क्षेत्र में सूजन के कारण होती है। बवासीर की समस्या खासतौर पर उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है जो कब्ज और मोटापे के शिकार होते हैं या ज्यादा मांसाहार भोजन का सेवन करते हैं। इसके अलावा महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भी बवासीर की समस्या हो सकती है। बवासीर की समस्या होने पर गुदा से खून आना, दर्द, खुजली और मल त्याग के समय दर्द होने से जैसी दिक्कतें होती हैं। आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और कफ दोषों के असंतुलन के कारण बवासीर की समस्या हो सकती है, जिसके लिए कई आयुर्वेदिक औषधियां भी हैं, जिनका इस्तेमाल आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर करना चाहिए। हालांकि, घर में आप कचनार के प्रयोग से भी बवासीर की समस्या से राहत पा सकते हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा से बात की-

बवासीर का इलाज

डॉक्टर ने बताया कि आयुर्वेद में बवासीर से राहत के लिए कई औषधियों और जड़ी-बूटियों का वर्णन किया गया है, जिनका सेवन करने से न सिर्फ बवासीर की समस्या से राहत मिल सकती है, बल्कि इस समस्या से छुटकारा भी मिल सकता है। औषधियों और जड़ी-बूटियों के सेवन के अलावा लाइफस्टाइल में सुधार और आहार पर ध्यान देने से भी इस समस्या को कम किया जा सकता है। बवासीर के शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देकर और सही उपचार के साथ इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।

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बवासीर में कचनार के लाभ

1. कचनार में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बवासीर के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह मलाशय और गुदा के आसपास की सूजन कम कर सकता है, जिससे व्यक्ति को आराम मिल सकता है।

2. कचनार का सेवन बवासीर के दौरान होने वाली ब्लीडिंग को कंट्रोल करता है। इसके सेवन से गुदा के आसपास की नसों को मजबूती मिलती है, जिससे समस्या में राहत मिलती है।

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3. बवासीर के कारण होने वाले दर्द और जलन में कचनार की छाल का सेवन या इसका काढ़ा बेहद फायदेमंद होता है। यह दर्द निवारक के रूप में काम करता है।

4. कचनार का सेवन पाचन तंत्र को हेल्दी बनाए रखने में सहायक हो सकता है, जिससे कब्ज की समस्या दूर हो सकती है, जो बवासीर के मुख्य कारणों में से एक है।

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कचनार का सेवन करने के तरीके

1. कचनार की छाल का काढ़ा बवासीर के इलाज के लिए सबसे प्रभावी हो सकता है। इसके लिए ताजी कचनार की छाल को 2 कप पानी में उबालें। जब पानी अच्छे से उबल जाए, तो इसे छानकर सेवन करें। 

2. कचनार के ताजे पत्तों का रस निकालकर उसका सेवन भी बवासीर में लाभदायक साबित हो सकता है। स्वाद के लिए इसमें शहद मिला सकते हैं, इससे बवासीर के लक्षणों में सुधार होता है।

3. कचनार की छाल का चूर्ण बनाकर उसका सेवन भी किया जा सकता है।

सावधानियां

1. किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें।

2. गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं कचनार का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें।

All Images Credit- Freepik

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