आज की अनियमित जीवनशैली का प्रभाव आपकी सेहत पर देखने को मिलता है। हालांकि, हर बीमारी या समस्या के लिए दवा खाना सही नहीं है। सर्दी-जुकाम या कई अन्य बीमारियों के लिए आप प्राकृतिक उपाय या आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद में शरीर के वात, कफ और पित्त को संतुलित करके रोगों का इलाज किया जाता है। इसके लिए पेड़ों की छाल, गुग्गुलु, भृंगराज, पिप्पली आदि नेचुरल चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आयुर्वेदिक होने के बावजूद यह सभी के लिए सुरक्षित नहीं माने जा सकते हैं। हर व्यक्ति के शरीर की प्रकृति अलग-अलग होती है, ऐसे में हर दवा का प्रभाव हर व्यक्ति के शरीर पर अलग-अलग हो सकता है। इस लेख में मुरैना के जिला अस्पताल की आयुर्वेदाचार्य डॉ सोनल गर्ग से जानते हैं कि कचनार गुग्गुल किन लोगों को लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए?
कचनार गुग्गुलु किसे नहीं लेना चाहिए? - Who Should Not Take Kachnar Gugglu in Hindi
अगर आप पहले से किसी बीमारी की दवा ले रहे हैं
आज के समय में ब्लड प्रेशर और डायबिटीज एक आम समस्या मानी जाती है। ऐसे में जो लोग पहले से एलोपैथी की दवाएं ले रहे हैं उनको कचनार गुग्गुल को नहीं लेना चाहिए। क्योंकि खून को पतला करने वाली दवाएं, कचनार गुग्गुलु के साथ मिलकर शरीर में ब्लीडिंग की समस्या का कारण बन सकती हैं। इससे व्यक्ति को सेहत से जुड़ी अन्य परेशानियां होने का जोखिम बढ़ जाता है।
छोटे बच्चों को कचनार गुग्गुलु देते समय सावधान रहें
डॉक्टर का कहना है कि कई बार अभिभावक घर के किसी सदस्य की समस्या के अनुसार ही बच्चों को भी दवा देना शुरु कर देते हैं। लेकिन, बच्चों को बिना डॉक्टरी सलाह के कचनार गुग्गुलु नहीं देना चाहिए। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है। ऐसे में कचनार गुग्गुलु के प्रभाव उनमें अलग देखने को मिल सकते हैं।
प्रेग्नेंट महिलाएं
प्रेग्नेंसी में महिलाएं जिस तरह का खानपान व दवाओं का सेवन करती हैं, उसका प्रभाव गर्भ में पलने वाले शिशु पर पड़ने की संभावना काफी अधिक होती है। हालांकि, ऐसा देखने को कम मिलता है, लेकिन कचनार गुग्गुलु में कई ऐसे चीजे मिल होती हैं, जो शिशु पर वितरीप प्रभाव डाल सकती है।
थायरॉयड हार्मोन (Hyperthyroidism)
थायराइड क समस्या में कचनार गुग्गुलु का इस्तेमाल किया जाता है। लेकन, यदि किसी व्यक्ति को हाइपर थायराइड यानी थायराइड का स्तर अधिक होने की समस्या है तो ऐसे व्यक्ति को दवा लेने से पहले डॉक्टर से अपनी स्थिति के बारे में बताना चाहिए।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं
ब्रेस्ट फीडिंग यानी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कचनार गुग्गुलु का सेवन नहीं करना चाहिए। कई बार मां जिन दवाओं का सेवन करती हैं, उनके तत्व दूध के माध्यम से बच्चे तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में बच्चे के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होने का जोखिम हो सकता है। यदि, किसी महिला को आयुर्वेदिक दवा लेनी हो तो डॉक्टर से पहले स्तनपान कराने की स्थिति के बारे में चर्चा अवश्य करें।
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इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति की हाल ही में सर्जरी होने वाली है तो उसको कचनार गुग्गुल का सेवन नहीं करना चाहिए। सर्जरी के समय खून बहने की जोखिम अधिक होता है, ऐसे में यह औषधि ब्लीडिंग के जोखिम को बढ़ा सकती है। कचनार गुग्गुलु एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है लेकिन इसे सभी के लिए सुरक्षित समझना गलत होगा। गर्भवती महिलाएं, हाइपरथायरॉइड वाले रोगी, गर्म प्रकृति वाले व्यक्ति, ब्लड थिनर ले रहे लोग या किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति बिना डॉक्टर की सलाह इसे न लें।
FAQ
ज्यादा नमक खाने से कौन सी बीमारी होती है?
ज्यादा नमक खाने से मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह किडनी रोग, स्ट्रोक, ऑस्टियोपोरोसिस और पेट की समस्याओं का भी जोखिम बढ़ सकता है।कंचनर गुग्गुलु किसे नहीं लेना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान गुग्गुल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ सकता है।गुग्गुल के क्या नुकसान हो सकते हैं?
अधिक मात्रा में गुग्गुल का सेवन करने से कुछ लोगों को स्किन में रूखापन और आंखों से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल सकती है।