आपने कई ऐसे लोगों को देखा होगा जो बैठते समय अपना पैर हिलाते रहते हैं। अगर आपने भी कभी सबके सामने बैठे हुए पैर हिलाया होगा तो इसके लिए बड़ों से डांट जरूर पड़ी होगी। दरअसल बैठे हुए बेवजह पैर हिलाने की आदत को एक गलत आदत माना जाता है। विज्ञान की भाषा में इसे एक तरह की बीमारी माना जाता है। बेवजह पैर हिलाने की आदत को मेडिकल साइंस में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम यानी आरएलएस नामक बीमारी के रूप में जाना जाता है। शोध के मुताबिक पैर हिलाने की समस्या से पीडि़त लोगों में हार्ट अटैक का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। शोध करने वालों का यह भी कहना है कि आरएलएस सीधे तौर पर नींद कम आने की समस्या से जुड़ा हुआ है। दरअसल, आरएलएस से पीडि़त व्यक्ति नींद आने से पहले 200 से 300 बार अपना पैर हिला चुका होता है। इससे ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन बढ़ जाती हैं। आगे चलकर यह दिल की बीमारियों यानी कार्डियोवस्कुलर डिजीज की सबसे बड़ी वजह बन जाता है। बेवजह पैर हिलाने की समस्या कई कारणों से हो सकती है, आइये विस्तार से जानते हैं इस समस्या के बारे में।
बेवजह पैर हिलाने की समस्या के कारण (Leg Shaking Habit Causes)
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बेवजह पैर हिलाने की आदत लोगों को ऐसे ही नहीं पड़ती है। ज्यादातर लोग जब चिंतित या फिर तनाव में होते हैं तो पैर हिलाते हैं। कुछ लोग कुछ सोचने के दौरान पैर हिलाते हैं और कुछ लोग धूम्रपान, मदिरापान के समय पैर हिलाते हें। यह समस्या कई वजहों से हो सकती है।
1. आनुवंशिक कारणों की वजह से
बेवजह पैरों को हिलाने की समस्या जो आनुवांशिक कारणों से होती है उसे एसेंशियल कंपकंपी कहते हैं। माता-पिता के जीन की वजह से यह समस्या बच्चों में भी हो सकती है। इस समस्या में प्रभावित अंगों को हिलाने पर हल्की राहत मिलती है। एसेंशियल कंपकंपी आमतौर पर हाथों और बाजुओं के साथ-साथ पैरों को भी प्रभावित करती है।
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2. बोरियत की वजह से
बोरियत और मानसिक रूप से परेशान होने पर इंसान अपने पैरों को हिलाता है। इस स्थिति में पैरों को हिलाने से इंसान का दिमाग थोड़ा शांत होता है। ऐसे लोग जो किसी जगह पर बैठे हुए बोर हो चुके हों उनमें यह समस्या जरूर होती है।
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3. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (आरएलएस)
यह स्थिति तब होती है जब व्यक्ति को अपने पैरों में कुछ महसूस नहीं होता यानि उसे पैर सुन्न महसूस होते हैं। खासतौर पर यह समस्या शाम या रात के समय होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह वो समय है जब व्यक्ति लंबे समय तक बैठे रहता है। तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को अपने पैरों में खालीपन महसूस होता है और चलने में दिक्कत भी महसूस हो सकती है।
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4. एंग्जायटी की वजह से
एंग्जायटी की वजह से भी बेवजह पैर हिलाने की समस्या हो सकती है। इस तरह की समस्या में पैर हिलाना थोड़ी देर के लिए ही होता है उसके बाद जब एंग्जायटी खत्म हो जाती है तो यह समस्या भी अपने आप खत्म हो जाती है।
5. कैफीन आदि के सेवन की वजह से
कैफीन एक तरह का उत्तेजक पदार्थ माना जाता है। कैफीन के सेवन से आपको अधिक ऊर्जा और सतर्कता भले ही महसूस हो लेकिन इसका अधिक सेवन खतरनाक माना जाता है। प्रतिदिन व्यक्ति को 400 मिलीग्राम से अदिक कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए। 400 मिलीग्राम कैफीन लगभग 4 कप कॉफी के बराबर होता है।
6. शराब का अधिक सेवन
शराब का अधिक सेवन करने से इंसान के अंदर अधिक उत्तेजना हो जाती है जिसकी वजह से मस्तिष्क में डोपामाइन बढ़ जाता है। जब ऐसे परिवर्तन काफी दिन तक इंसान के अंदर होते रहते हैं तो इसकी वजह से उसे बेवजह पैर हिलाने की समस्या हो सकती है।
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पैर हिलाने की आदत लोगों को ऐसे ही नहीं पड़ती है। ज्यादातर लोग जब चिंतित या फिर तनाव में होते हैं तो पैर हिलाते हैं। कुछ लोग कुछ सोचने के दौरान पैर हिलाते हैं और कुछ लोग धूम्रपान, मदिरापान के समय पैर हिलाते हें। पैर हिलाने को नकरात्मक भी माना जाता है। ऐसा लगातार होने पर आपको चिकित्सक या थेरेपिस्ट से संपर्क करना चाहिए।
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