एंग्जाइटी एक ऐसा मानसिक रोग है जिसका बॉडी पर काफी गहरा असर पड़ता है। जो लोग एंग्जाइटी के शिकार होते हैं उन्हें निरंतर डर, चिंता, घबराहट और आशाहीन महसूस करते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सिर्फ आम इंसान ही नहीं बल्कि कई नामी बॉलीवुड सितारे भी एंग्जाइटी समेत अन्य मानसिक रोगों का शिकार हो चुके हैं। एंग्जाइटी के लक्षणों में घबराहट, भय और बेचैनी के साथ ही नींद संबंधी समस्याएं, हाथ या पैर का ठंडा होना, अचानक से पसीना आना, शरीर का सुन्न हो जाना या झुनझुनाहट होना जैसे लक्षण भी दिखते हैं। आज इस लेख में हम आपको एंग्जाइटी के बॉडी पर पड़ने वाले असर के बारे में बता रहे हैं।
एंग्जाइटी का बॉडी पर असर
एंग्जाइटी यानि कि चिंता जीवन का एक सामान्य हिस्सा है। हर व्यक्ति को इससे कभी न कभी गुजरना ही पड़ता है। फर्क सिर्फ इतना है कि कुछ लोगों में यह प्रबल हो जाता है जबकि कुछ लोगों को इसका पता ही नहीं चल पाता कि वह एंग्जाइटी के शिकार हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी खास व्यक्ति से बात करने जा रहे हैं या फिर इंटरव्यू देने जा रहे हैं तब भी आप एंग्जाइटी महसूस कर सकते हैं।
एंग्जाइटी के चलते आपकी सांस लेने की गति तेज हो सकती है, हार्ट बीट बढ़ जाती है और आप उस जगह पर ज्यादा फोकस नहीं कर पाते हैं जहां करना चाहते हैं। यानि कि इससे आपका मानसिक संतुलन भी बिगड़ सकता है। जब एंग्जाइटी का स्तर बढ़ जाता है तब आपको अचानक से जी मचलने या उल्टी होने की शिकायत हो सकती है। जबकि लगातार रहने वाली एंग्जाइटी आपकी मानसिक सेहत के साथ ही शारीरिक सेहत पर भी बुरा असर डालती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के मुताबिक वैसे तो एंग्जाइटी की चपेट में आने की कोई खास उम्र नहीं है। व्यक्ति किसी भी उम्र में एंग्जाइटी का शिकार हो सकता है। लेकिन आमतौर पर मिडिज एज में एंग्जाइटी होने की संभावना ज्यादा रहती है। साथ ही पुरुषों की तुलना में महिलाएं जल्दी एंग्जाइटी का शिकार होती हैं। इसके पीछे कई तरह के साइंटिफिक कारण होने का दावा किया जाता है।
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1. लंबे समय तक रहने वाली चिंता और घबराहट की वजह से आपका मस्तिष्क नियमित तौर पर ऐसे हार्मोन जारी करता है जो नुकसानदायक होते हैं। जिसके चलते आप अक्सर सिरदर्द, चक्कर आना और अवसाद जैसे लक्षणों को महसूस कर सकते हैं।
2. एंग्जाइटी के कारण हृदय गति का तेज होना, धकधकी और सीने में दर्द का कारण बन सकते हैं। साथ ही आप उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के खतरे में भी हो सकते हैं। यदि आपको पहले से ही हृदय रोग है, तो चिंता विकार कोरोनरी घटनाओं के जोखिम को भी बढ़ा सकते हैं।
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3. चिंता आपके उत्सर्जन और पाचन तंत्र को भी प्रभावित करती है। जिसके चलते आपको पेट में दर्द, मतली, दस्त, और अन्य पाचन संबंधी दिक्कते हो सकती हैं। यह आपकी भूख को भी प्रभावित कर सकता है।
4. एंग्जाइटी आपके इम्युन सिस्टम को भी कमजोर बनाता है। जिससे आपके सिस्टम में एड्रेनालाईन जैसे रसायनों और हार्मोनों बढ़ने लगते हैं।
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