डिप्रेशन या अवसाद एक मानसिक विकार है। डिप्रेशन दुनियाभर में एक आम बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, डिप्रेशन से विश्वभर में 264 मिलियन से अधिक लोग प्रभावित हैं। अवसाद आत्महत्या का भी कारण बन सकता है। लक्षणों के आधार पर डिप्रेशन को अलग-अलग प्रकारों में बांटा जा सकता है, जैसे माइल्ड और मॉडरेट। रिसर्च के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक अवसादग्रस्त होती हैं।
कुछ लोग सामान्य उदासी को भी अवसाद या डिप्रेशन मान लेते हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अवसाद और उदासी में बहुत ही बेसिक अंतर देखा गया है। उदासी और अवसाद के इसी अंतर को समझने के लिए हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर पुलकित शर्मा से बातचीत की। उन्होंने विस्तार से हमें इसकी जानकारी दी।
अवसाद और उदासी में अंतर
डिप्रेशन क्या है- What is Depression
क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर पुलकित शर्मा कहते हैं कि "जब भी कोई उदास महसूस करता है, किसी बात को लेकर परेशान होता है या अपसेट होता है, तो वह एक शब्द का प्रयोग करता है कि वह डिप्रेशन में है। लेकिन, सही मायने में ये 'डिप्रेशन' डिप्रेशन नहीं होता है यह सामन्य उदासी (Sadness) होता है। यही डिप्रेशन और उदासी में अंतर होता है। सामान्य उदासी से कोई भी, कभी भी प्रभावित हो सकता है। जब किसी व्यक्ति के साथ कुछ भी गलत होता है वह उदास हो जाता है, इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि वह डिप्रेशन में है। इस प्रकार की उदासी एक से दो दिनों तक रहती है और फिर व्यक्ति पहले की तरह सामान्य हो जाता है।"
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उदासी क्या है- What is Sadness
डॉक्टर पुलकित कहते हैं कि "डिप्रेशन नॉर्मल उदासी से बिल्कुल अलग है। डिप्रेशन में लंबे समय तक उदासी छाई रहती है। आपके आसपास कितनी भी अच्छी घटनाएं घटित हो रही हो मगर आप उदास ही रहते हैं तो यह डिप्रेशन के संकेत हो सकते हैं। डिप्रेशन एक साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसे उदासी के संदर्भ में नहीं देखा जा सकता है। डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है। डिप्रेशन के लक्षणों को पहचान कर समय रहते उपचार किया जाना चाहिए।"
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डिप्रेशन के कारण: Depression Symptoms
साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर पुलकित शर्मा के मुताबिक, डिप्रेशन एक मानसिक विकार है। इसके होने का कोई एक कारण नहीं हो सकता है। इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं। व्यक्ति के अंतर्मन का दुख इसका पहला कारण है। जब व्यक्ति अंदर से दुखी और व्यथित होता है और अपनी बातों को शेयर नहीं करता है तो वह आगे चलकर डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। इसके अलावा अत्यधिक तनाव भी डिप्रेशन का मुख्य कारण है। डिप्रेशन होने के कुछ बायोलॉजिक कारण हो सकते हैं, सिरोटामिन के कारण अवसाद हो सकता है। किसी बात की चिंता भी डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
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आपको मनोचिकित्सक की सलाह कब लेनी चाहिए?
डॉक्टर पुलकित शर्मा कहते हैं कि अगर आप तनाव और चिंता के कारण अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में परेशानी महसूस करते हैं। आप किसी बात को लेकर अधिक परेशान रहते हैं तो आपको मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। आपको खुद से ये देखना होगा कि आपके तनाव या चिंता का स्तर कितना ज्यादा है। इसके साथ ही आपको पहले अपने परिजनों से बात करनी चाहिए और इसके बाद भी सॉल्यूशन न मिले तो तुरंत मनोचिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
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