आजकल की खराब और इनएक्टिव लाइफस्टाइल की वजह से लोगों में थायराइड (Thyroid) की समस्या बढ़ती जा रही है। अधिकतर महिलाएं थाराइड की समस्या से जूझ रही हैं (thyroid in women)। थायराइड दो तरह का होता है- हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म। आज हम आपको महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म से होने वाली बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं। हाइपोथायरायडिज्म को अडंरएक्टिव थायराइड भी कहा जाता है। इसमें थायराइड ग्रंथि हॉर्मोन का अर्पायप्त मात्रा में उत्पादन करता है। बाल झड़ना, वजन बढ़ना, तनाव, ठंड लगना, मांसपेशियों में अकड़न महसूस होना, त्वचा का रूखा होना, अनियमित मासिक धर्म, जोड़ों में दर्द और थकान महसूस होना हाइपोथायरायडिज्म के सामान्य लक्षण हैं। महिलाओं में जब हाइपोथायरायडिज्म की शुरुआत होती है, तो ये सभी लक्षण नजर आते हैं। हाइपोथायरायडिज्म सिर्फ एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह कई अन्य बीमारियों का भी कारण बनता है। इसलिए इसके लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करने चाहिए। हाइपोथायरायडिज्म मोटापे, बांझपन, हृदय रोग, मासिक धर्म अनियमितता और जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भी हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है, तो कुछ महिलाओं को प्रसव के बाद यह समस्या हो सकती है। गर्भावस्था में थायराइड हॉर्मोन का लेवल सामान्य महिला से भिन्न होता है। गर्भावस्था में हाइपोथायरायडिज्म प्रेगनेंसी के लक्षण पैदा कर सकता है। गर्भावस्था में थायराइड बच्चे के विकास में बांधा डाल सकता है। डॉक्टर अल्तमश शेख से जानें हाइपोथायरायडिज्म होने पर महिलाओं को होने वाली समस्याएं-
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1. बांझपन
महिलाओं को हाइपोथायरायडिज्म बांझपन का कारण बन सकता है। हाइपोथायरायडिज्म की स्थिति में हॉर्मोन का उत्पादन कम होता है। थायराइड हॉर्मोन की कमी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है। हाइपोथायरायडिज्म के कारण ऑटोइम्यून बीमारियां गर्भधारण को मुश्किल बना सकता है। अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म है और आप कंसीव करना चाहती हैं, तो पहले अपने हाइपोथायरायडिज्म को सामान्य कर करें, अन्यथा आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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2. मासिक धर्म में अनियमितता
महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म मासिक धर्म में अनियमितता का भी कारण बन सकता है। दरअसल, हाइपोथायरायडिज्म ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है, जिससे मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं होने की संभावना रहती है। हाइपोथायरायडिज्म मासिक धर्म या पीरियड्स को लेट कर सकता है। अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म है और मासिक धर्म भी अनियमित है, तो अपने थायराइड को सामान्य करने की कोशिश करें।
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3. मोटापा
हाइपोथायरायडिज्म महिलाओं में मोटापे का एक सबसे बड़ा कारण हो सकता है। मोटापा हाइपोथायरायडिज्म के साथ हो सकता है। हाइपोथायरायडिज्म में मासिक धर्म की समस्याओं के साथ ही मोटापा भी बढ़ सकता है। इस स्थिति में महिलाओं का वजन अधिक हो जाता है। अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म के साथ ही मासिक धर्म की अनियमितता और मोटापा भी है, तो तुरंत डॉक्टर के संपर्क में रहें।
4. गर्भावस्था को करता है प्रभावित
अगर प्रेगनेंसी के बाद आपको हाइपोथायरायडिज्म होता है या फिर हाइपोथायरायडिज्म के बाद आप प्रेगनेंट होती हैं, तो इससे आपकी गर्भावस्था प्रभावित हो सकती है। गर्भावस्था में हाइपोथायरायडिज्म गर्भपात, एनीमिया, शिशु का कम वजन के साथ जन्म लेना, मृत जन्म आदि का कारण बन सकता है। इतना ही नहीं कुछ मामलों में यह हृदय की विफलता का भी कारण बनता है।
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5. शिशु के विकास में बाधा
गर्भावस्था में हाइपोथायरायडिज्म होना शिशु के विकास को प्रभावित कर सकता है। इससे शिशु के मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकता है। इसलिए अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म है और आप गर्भवती हो गई है, तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
अगर समय से हाइपोथायरायडिज्म को ठीक नहीं किया गया, तो शिशु को गंभीर तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएं और विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टर की सलाह पर दवाइयों का सेवन करके इसे काफी हद तक कंट्रोल में किया जा सकता है। हाइपोथायरायडिज्म जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द का भी कारण बन सकता है।
महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म सिर्फ एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह कई अन्य बीमारियों को भी जन्म देता है। इसलिए जितना हो सके, आपको इसे कंट्रोल में ही रखने की कोशिश करनी चाहिए।
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