अकसर गर्भवती महिलाओं के मन में सवाल रहता है कि क्या वे थायराइड की दवाई रोज ले सकती हैं? आजकल थायराइड एक सामान्य समस्या बन गई है। अधिकतर महिलाएं इस बीमारी से परेशान हैं। वैसे तो यह पुरुषों को भी हो सकता है, लेकिन महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं। थायराइड होने पर शरीर में हॉर्मोनल गड़बड़ी हो जाती है। ऐसे में हॉर्मोंस को संतुलन में रखने के लिए रोजाना इसकी दवाई खाई जाती है। ऐसे में प्रेगनेंट महिलाओं के मन में यह सवाल रहता है कि क्या वे रोज थायराइड की दवाई का सेवन कर सकते हैं? क्या इससे उन्हें कोई समस्या तो नहीं होगी आदि?
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कई महिलाएं अपनी फर्टिलिटी उम्र में भी थायराइड की समस्या से परेशान हो जाती है। कई बार गर्भवती होने से पहले ही थायराइड से जूझ रही होती हैं, वहीं कुछ महिलाओं को थायराइड गर्भवती होने के बाद होता है। दोनों ही स्थिति में थायराइड को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी होता है, इससे बच्चे को भी नुकसान हो सकता है। थायराइड से ग्रसित महिलाओं को कंसीव करने में समस्या आ सकती है।
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क्या प्रेगनेंसी में महिलाएं रोज खा सकती हैं थायराइड की दवा?
इस बीमारी से ग्रसित महिलाएं इस बात से परेशान रहती हैं कि क्या वे गर्भावस्था में रोज थायराइड की दवा या गोली ले सकती हैं? इस पर वॉर्कहार्ट हॉस्पिटल, मुंबई सेंट्रल के डायबिटाेलॉजिस्ट और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉक्टर अल्तमश शेख (Dr Altamash Shaikh, Diabetologist and Endocrinologist, Wockhardt Hospital, Mumbai Centra) बताते हैं अगर गर्भवती महिलाओं को थायराइड हैं, तो उन्हें भी दवाइयों का सेवन करना होता है, लेकिन इसकी डोज डॉक्टर के बताए अनुसार ही लिया जाना चाहिए। डॉक्टर अल्तमश शेख बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं को अपनी थायराइड की गोली रोज खानी चाहिए, दवा न लेने की स्थिति में उन्हें दिक्कत हो सती है। हाइपोथायराइडिज्म की स्थिति में दवा लेना बहुत जरूरी होता है, इसमें थायराइड ग्रंथि कम काम करती है। लेकिन आपको डॉक्टर की सलाह पर ही गर्भवास्था में दवाइयों का सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञ के संपर्क में रहने के साथ ही थायराइड के डॉक्टर से भी लगातार संपर्क में रहना चाहिए।
डॉक्टर अल्तमश शेख बताते हैं कि प्रेगनेंसी में थायराइड की दवा लेना हाइपोथायराइड की स्थिति में लेना बहुत जरूरी होता है। इसमें थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हॉर्मोन नहीं बना पाती है। इसलिए डॉक्टर हॉर्मोन बनाने वाली दवाई खाने की सलाह देते हैं, जो जरूरी भी होता है। इस दवा से शिशु के विकास पर कोई असर नहीं होता है।
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गर्भावस्था में थायराइड हॉर्मोन
प्रेगनेंसी में थायराइड ग्रंथि को पहले से 40 प्रतिशत ज्यादा थायराइड हॉर्मोन बनाने की जरूरत होती है। यह हॉर्मोन शिशु और मां दोनों के लिए जरूरी होता है। प्रेगनेंसी में जिन महिलाओं को थायराइड हॉर्मोन नहीं मिल पाता है, उनमें मिसकैरेज, प्रीटर्म डिलीवरी जैसी समस्याओं का जोखिम अधिक रहता है।
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