थायराइड से जुड़े 11 मिथक जिन्हें लोग मानते हैं सही, डॉक्टर से जानें इनकी सच्चाई

 thyroid myth :  थायराइड से जुड़े कई ऐसे मिथक हैं, जिन्हें अकसर लोग सच मानते हैं। ऐसे में इनके प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है। जानें इन मिथकों की सच्चाई-
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थायराइड से जुड़े 11 मिथक जिन्हें लोग मानते हैं सही, डॉक्टर से जानें इनकी सच्चाई


थायराइड से जुड़े कौन-कौन से मिथ हैं, जिन्हें अकसर लोग सच मानते हैं (thyroid myths and facts)? थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि है, जो गले पर बिल्कुल सामने की तरफ होती है। यह ग्रंथि जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। थायराइड ग्रंथि मनुष्य द्वारा किए गए भोजन को ऊर्जा में बदलने का कार्य करता है। इतना ही नहीं यह चयापचय को भी नियंत्रित करता है। इस ग्रंथि के बढ़ने पर कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। जब थायरायड कम काम करता है, ताे इसे हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) कहते हैं। इसक विपरीत जब थायरायड अधिक काम करता है, ताे इसे हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism) कहा जाता है। आजकल थायराइड एक बेहद सामान्य समस्या बन गई है। हर दूसरा व्यक्ति इस बीमारी से जूझ रहा है। यही वजह है कि लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर कई भ्रम फैले हुए हैं, जिन पर वे विश्वास भी करते हैं। चलिए डॉक्टर अल्तमश शेख से जानते हैं थायराइड से जुड़े ऐसे कुछ भ्रम या मिथकों की सच्चाई-

thyroid

मिथक 1 : थायराइड में गांठ होने का मतलब है कि आपको थायराइड कैंसर है।

सच्चाई : थायराइड नोड्यूल्स में सिर्फ 5 प्रतिशत ही कैंसर होते हैं। इसलिए हर गांठ को थायराइड कैंसर कहा जाना सही नहीं है।

मिथक 2 : थायराइड की समस्या वाले सभी लोगों की आंखें उभरी हुई होती हैं।

सच्चाई :  यह लोगों के बीच फैला एक बहुत बड़ा भ्रम है, असलियत में ऐसा नहीं होता है। उभरी हुई आंखें थायराइड आई डिसीज या नेत्र रोग का सिर्फ एक लक्षण है, जो हाइपरथायरायडिज्म (बढ़ा हुई थायराइड हॉर्मोन) और ग्रेव्स रोग (ऑटोइम्यून बीमारी, जो थायराइड पर हमला करती है) के साथ सबसे आम है। थायराइड से पीड़ित सभी लोगों की आंखें उभरी हुई नहीं होती है। 

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मिथक 3 : सिर्फ मध्यम आयु वर्ग और बड़ी उम्र के लोगों को ही थायराइड की समस्या होती है।

सच्चाई : पहले थायराइड की समस्या बड़े उम्र के लोगों में ही देखने को मिलती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह मध्यम आयु वर्ग से कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रही है। खराब जीवनशैली की वजह से आजकल हर उम्र की लोग इस बीमारी का सामना कर रहे हैं।

मिथक 4 : थायराइड रोग सिर्फ महिलाओं को ही होता है।

सच्चाई : थायराइड को लेकर लोगों के मन में यह गलत सोच है कि यह बीमारी सिर्फ महिलाओं को ही होती है। थायराइड की बीमारी सिर्फ महिलाओं को ही होती है, यह एक बहुत बड़ा मिथ या झूठ है। थायराइड पुरुष और महिला दोनों को हो सकता है। सच्चाई यह है कि महिलाओं को इस बीमारी का खतरा 5 से 8 गुना अधिक होता है, लेकिन पुरुष भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। यह किसी भी उम्र में दोनों लिंगों को प्रभावित कर सकता है। 5 में से 1 महिला को 60 साल के बाद थायराइड की समस्या हो सकती है। महिलाओं में थायराइड प्रजनन क्षमता, गर्भावस्था और मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है। थायराइड में पुरुषों में लक्षण अलग हो सकते हैं।

मिथक 5 : थायराइड की समस्या का निदान लक्षणों की पहचान करके किया जाता है।

सच्चाई : थायराइड एक लाइफस्टाइल डिसीज है। इसके लगभग 60 प्रतिशत लोगों को यह तक पता नहीं होता कि उन्हें थायराइड है। थायराइड के कुछ लक्षण दिखने पर डॉक्टर टीएसएच टेस्ट (TSH Test) करवाने की सलाह देते हैं, इसमें थायराइड का पता चलता है इसके बाद ही इलाज शुरू किया जाता है। वजन में बदलाव होना, थकान, मांसपेशियों में दर्द होना और गर्दन में सूजन थायराइड के सामान्य लक्षण हैं, इसके आधार पर निदान नहीं थायराइड टेस्ट करवाया जाता है। 

मिथक 6 : थायराइड की बीमारी का इलाज बहुत आसान है।

सच्चाई : वैसे तो दवाइयों का सेवन करके थायराइड को कंट्रोल में रखा जा सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक करने में काफी समय लग सकता है। कई मामलों में थायराइड का इलाज करना काफी जटिल होता है, इसके सफलतापूर्वक निदान और प्रबंधन के लिए कई अलग-अलग तरीकों की जरूरत होती है।

मिथक 7 :  थायराइड रोग का इलाज दवाइयों के बजाय आयोडीन या नमक से करना सही होता है।

सच्चाई : थायराइड को आयोडीन से इलाज करने से यह बिगड़ सकता है, इसलिए हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही इसका इलाज करना चाहिए, वही सुरक्षित होता है। थायराइड होने पर कोई भी दवाई या घरेलू उपाय को उपयोग बिना डॉक्टर की सलाह के न करें। 

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मिथक 8 : हाइपोथायरायडिज्म में आप अपना वजन कम नहीं कर सकते हैं। यानी इस स्थिति में आपको मोटापे के साथ ही रहना होगा।

सच्चाई : थायराइड के प्रति यह एक बहुत बड़ा मिथ है , क्योंकि अगर दवा की खुराक प्रभावी है, तो हाइपोथायरायडिज्म में भी वजन को कम किया जा सकता है। हाइपोथायरायडिज्म वजन कम करने की आपकी क्षमता को प्रभावित नहीं करेगा।

मिथक 9 : अतिरिक्त थायराइड हॉर्मोन लेने से एक्सट्रा ऊर्जा मिलेगी और वजन कम होगा।

सच्चाई : अति किसी भी चीज की बुरी होती है। एक्सट्रा थायराइड हॉर्मोन लेना भी नुकसानदायक हो सकता है। यह अनिद्रा, अशक्तता, भूख में वृद्धि और दिल की धड़कन जैसे दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। इसलिए हमेशा दवा डॉक्टर की खुराक के अनुसार ही लें।

मिथक 10 :  आप सिर्फ डाइट से ही हाइपोथायरायडिज्म का प्रबंधन कर सकते हैं।

सच्चाई : यह एक बड़ा मिथक है, डाइट या सिर्फ आहार से ही थायराइड की समस्याओं को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। हेल्दी डाइट थायराइड को बढ़ने से रोकता है, लेकिन यह इसका इलाज नहीं है। जबकि थायराइड की दवा हॉर्मोन उत्पादन को सामान्य स्तर पर लाने में मदद करता है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अब हेल्दी डाइट न लें, आपको विटामिन और मिनरल्स से भरपूर डाइट ही लेनी है। यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। 

मिथक 11 : मोटे लोग ही थायराइड की चपेट में आते हैं।

सच्चाई : लोगों के मन में यह एक बहुत बड़ा भ्रम है कि थायराइड सिर्फ मोटे लोगों को ही होता है। लोगों को लगता है कि मोटे लोग ही इस बीमारी से पीड़ित होते हैं और उनका वजन कम नहीं होता है। जबकि यह एक मिथक है। हाइपोथायरायडिज्म में व्यक्ति का वजन सिर्फ 3-4 किलो ही बढ़ता है। थायराइड में व्यक्ति का वजन कम भी हो सकता है। लगातार वजन कम होना भी थायराइड का एक लक्षण होता है।

क्या आप भी इन मिथकों को सच मानते थे? ये सभी मिथक समाज में अफवाहों की तरह फैलते हैं और लोग इन्हें सच मान लेते हैं। इसलिए जरूरी है इनकी सच्चाई जानना।

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