Myths And Facts About Kidney Diseases In Hindi: किडनी हमारे शरीर का बहुत महत्वपूर्ण अंग है। किडनी का मुख्य काम है हमारे ब्लड में मौजूद वेस्ट प्रोडक्ट को फिल्टर करके यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकाल देना। हमारे ब्लड में मौजूद कई सब्सटेंस को किडनी मैनेज करता है। यही नहीं, ब्लड प्रेशर को बैलेंस रखने में भी किडनी का अहम योगदान है। इससे आपको पता चल गया होगा कि किडनी की मौजूदगी हमारी हेल्दी लाइफ के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन, मौजूदा समय में बहुत हमारी जीवनशैली और खानपान की आदतें बहुत ज्यादा बिगड़ गई हैं। यही कारण है कि कम उम्र से ही लोगों को किडनी से जुड़ी बीमारी होने लगी हैं। खासकर, जो लोग शराब पीते हैं, उन्हें किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारी होने का रिस्क बहुत ज्यादा होता है। बहरहाल, किडनी को हेल्दी रखने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय आजमाते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि एक बार किडनी की बीमारी हो गई, तो इसका इलाज संभव नहीं है। जबकि, ऐसा नहीं है। असल में इस तरह के कई मिथक हैं, जिन पर लोग आंख मूंदकर भरोसा करते हैं। इस लेख में आपको कुछ ऐसे ही मिथक और उनकी सच्चाई बताएंगे।
किडनी की बीमारी से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई- Myths And Facts About Kidney Diseases In Hindi
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मिथकः किडनी से जुड़ी बीमारियां गंभीर नहीं होती हैं
सच्चाईः किडनी से जुड़ी किसी भी तरह की बीमारी को हल्के में लेना सही नहीं है। किडनी से जुड़ी बीमारी होने पर हमारे ओवर ऑल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। वैसे भी हमारे देश की लगभग 10 फीसदी आबादी किडनी की बीमारी से पीड़ित है। यही नहीं, लगभगर हर साल करीब एक लाख रिनल फैलियर के केस दर्ज किए जाते हैं। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह न सिफ गंभीर समस्या है, बल्कि इसके प्रति लापरवाही जानलेवा भी हो सकती है।
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मिथकः किडनी से जुड़ी बीमारी के लक्षण शुरुआत में ही दिख जाते हैं
सच्चाईः हर बीमारी के अपने लक्षण होते हैं। कभी वो नजर आते हैं, तो कभी नहीं आते। असल बात ये है कि किसी भी बीमारी के लिए यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि शुरुआती चरण में ही उसके लक्षण दिखने लगते हैं। ऐसा ही किडनी से जुड़ी बीमारी के साथ भी है। सच बात तो ये है कि किडनी से जुड़ी बीमारी का शुरुआती दिनों में पता ही नहीं चलता है। कई बार इसके लक्षण एड्वांस स्टेज में नजर आते हैं। किडनी से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी न हो, इसके लिए आवश्यक है कि आप समय-समय अपना टेस्ट करवाते रहें।
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मिथकः किडनी से जुड़ी बीमारी होने का रिस्क को कम नहीं किया जा सकता है
सच्चाईः अगर किसी को किडनी से जुड़ी बीमारी का रिस्क है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि इसके रिस्क को कम नहीं किया जा सकता है। वास्तव में, अपनी जीवनशैली, खानपान और बुरी आदतों में बदलाव करके आप किडनी से जुड़ी बीमारी होने के रिस्क को कम कर सकते हैं। ध्यान रखें कि किडनी से जुड़ी बीमारी के रिस्क को कम करने के लिए आवश्यक है कि आप अपने ब्लड प्रेशर को बैलेंस्ड रखें, वजन न बढ़ने दें और स्मोकिंग से दूर रहें।
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मिथकः किडनी से जुड़ी बीमारी को डायलिसिस की मदद से ही ठीक किया जा सकता है
सच्चाईः अगर किडनी से जुड़ी बीमारी गंभीर रूप ले ले तो डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि हर तरह की किडनी से जुड़ी बीमारी में आपको डायलिसिस की जरूरत हो। किडनी से जुड़ी बीमारी अगर शुरुआती चरण में है, तो एक्सरसाइज, लाइफस्टाइल चेंजेस और मेडिसिन की मदद से ही रिकवरी संभव हो सकती है।
मिथकः किडनी स्टोन की वजह से किडनी से जुड़ी बीमारी भी हो सकती है
सच्चाईः किडनी स्टोन होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे बहुत कम पानी पीना, मोटापा, वेट लॉस सर्जरी और डाइट में बहुत ज्यादा शुगर या नमक का सेनव करना आदि। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि जिन्हें किडनी स्टोन है, उन्हें किडनी से जुड़ी बीमारी भी होगी। आमतौर पर किडनी स्टोन होने पर उसकी प्रॉपर ट्रीटमेंट होता है। अगर स्टोन किडनी में रह जाए, तो इसके लक्षण उभरने लगते हैं। जबकि, किडनी डिजीज के साथ ऐसा नहीं है।
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