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क्या दौड़ने और ज्यादा साइकिल चलाने से भी हो सकती बवासीर (पाइल्स) की समस्या? जानें एक्सपर्ट से

बवासीर की समस्या में जीवनशैली से जुड़ी आदतों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, एक्सपर्ट से जानें क्या ज्यादा साइकिल चलाने और दौड़ने से भी हो सकती है बवासीर?
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क्या दौड़ने और ज्यादा साइकिल चलाने से भी हो सकती बवासीर (पाइल्स) की समस्या? जानें एक्सपर्ट से

असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण आज के समय में काफी लोगों को बवासीर (पाइल्स) की बीमारी का सामना करना पड़ता है। बवासीर की बीमारी में मरीजों को खानपान और जीवनशैली से जुड़ी आदतों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। बवासीर की बीमारी में मरीजों को मल त्याग करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और इसकी वजह से मरीजों में मल त्याग करते समय ब्लीडिंग और दर्द भी होता है। बवासीर की समस्या मुख्य रूप से दो तरह की होती है, एक जिसे खूनी बवासीर कहते हैं और दूसरी जिसे बादी बवासीर कहा जाता है। इस बीमारी की वजह से मरीजों को न सिर्फ मल त्याग से जुड़ी समस्याएं होती हैं बल्कि इसकी वजह से संक्रमण का भी खतरा रहता है। पाइल्स या बवासीर की समस्या में मरीजों को खानपान और जीवनशैली से जुड़ी आदतों में सुधार करने की सलाह दी जाती है। बवासीर की समस्या में अगर आप खानपान से जुड़ी आदतों और लाइफस्टाइल में बदलाव करते हैं तो बड़ा फायदा मिलता है। कई लोगों का मानना है कि दौड़ने (रनिंग) और ज्यादा साइकिल चलाने से भी बवासीर की समस्या हो सकती है। आइये ओम क्लिनिक के सीनियर फिजिशियन डॉ मोहन चंद श्रीवास्तव से जानते हैं इसके बारे में।

बवासीर की बीमारी के कारण (What Causes Piles Or Haemorrhoids?)

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(image source - freepik.com)

मुख्य रूप से लोगों में पाइल्स या बवासीर की समस्या अधिक तला-भुना और मसालेदार भोजन का सेवन करने से होती है। इसके अलावा जीवनशैली से जुड़ी कुछ आदतें भी इसके लिए जिम्मेदार मानी जाती हैं। बवासीर की बीमारी के बारे में यह कहा जाता है कि रोजाना अधिक देर तक किसी कड़ी जगह पर बैठे रहने के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। इसके अलावा काफी देर खड़े रहने की वजह से भी आपको यह समस्या हो सकती है। यह बीमारी वैसे तो पाचन और पेट से जुड़ी हुई है लेकिन खराब जीवनशैली के कारण भी यह समस्या हो सकती है। बवासीर की बीमारी का इलाज जब दावा से संभव नहीं हो पाता है तो चिकित्सक मरीज को सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। सर्जरी के बाद बवासीर की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को राहत भी मिलती है। लेकिन सर्जरी के बाद चिकित्सक द्वारा बताये गए परहेज को न करने से दोबारा भी यह समस्या उभर सकती है। आज के समय में बवासीर की सर्जरी कई तरीके से की जाती है। लेकिन इस समस्या से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली और खानपान से जुड़ी कुछ आदतों में बदलाव जरूर करने चाहिए। बवासीर की समस्या मुख्य रूप से इन कारणों से होती है।

  • मोटापा।
  • गर्भावस्था।
  • मलोत्सर्जन के दौरान तनाव।
  • कई दिनों तक कब्ज और दस्त की शिकायत।
  • गुदा संभोग।
  • अधिक वजन उठाना।
  • अनुवांशिक कारणों से भी बवासीर की समस्या हो सकती है।
  • फाइबरयुक्त आहार का कम सेवन करना।
  • शौचालय में लंबे समय तक बैठने से।
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क्या तेज दौड़ने और ज्यादा साइकिल चलाने से हो सकती है बवासीर की बीमारी? (Does Running And Cycling Cause Piles?)

एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसे लोग जो बवासीर की बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें ज्यादा साइकिल चलाने और दौड़ने से समस्या के गंभीर होने का खतरा रहता है। बवासीर की समस्या में इन गतिविधियों के अधिक होने की वजह से पेरिअनल स्किन और बवासीर के टिश्यूज में जलन और दर्द हो सकता है। थोड़ी देर के लिए रोजाना दौड़ने वाले लोगों में यह समस्या गंभीर नहीं होती है लेकिन ऐसे लोग जिन्हें बवासीर की बीमारी पहले से है और रोजाना अधिक देर तक दौड़ते हैं उन्हें इसके गंभीर होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा ऐसे लोग जिन्हें बवासीर का जोखिम अधिक रहता है उन्हें ज्यादा साइकिल चलाने से बचना चाहिए। बवासीर की समस्या आज के समय में काफी आम है और यह पुरुषों और महिला दोनों में सामान रूप से हो सकती है। डॉक्टर कहते हैं कि महिला एथलीट जिन्होंने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है और दोबारा अचानक से रनिंग शुरू कर रही हैं तो उन्हें बवासीर का अधिक जोखिम हो सकता है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन की स्थिति में अधिक साइकिलिंग और अधिक रनिंग दोनों ही बवासीर की समस्या को बढ़ा सकती है। ऐसे लोग जिन्हें बवासीर की समस्या है या जिन्हें बवासीर का जोखिम अधिक है उन्हें रनिंग या साइकिल चलाने से पहले डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए।

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बवासीर के लक्षण (Symptoms Of Piles)

बवासीर की बीमारी में ये लक्षण दिखाई देते हैं।

  • शौच के दौरान खून निकलना।
  • मल द्वार पर सूजन और गांठ का अनुभव होना।
  • लगातार मल द्वारा पर दर्द रहना।
  • बुखार।
  • कई मामलों में ठंड लगना।
  • कब्ज के दौरान दर्द महसूस होना।
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बवासीर की समस्या में सर्जरी (Piles Surgery)

बवासीर की समस्या में कई तरह की सर्जरी की जाती है। इसलिए सबसे जरूरी बात यह है कि अपनी समस्या की स्थिति के हिसाब से ही सर्जरी का चयन करें। अगर आप बवासीर की सर्जरी यानी ऑपरेशन कराने जा रहे हैं तो उससे पहले अपने डॉक्टर से इस बात की जानकारी जरूर लें कि आपकी समस्या में वह कौन सी सर्जरी का उपयोग करने जा रहे हैं। आज के समय में बवासीर के इलाज के लिए लेजर सर्जरी, ओपन सर्जरी, स्टेपलर सर्जरी, क्षार सूत्र सर्जरी जैसे विकल्प मौजूद हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इनमें से लेजर सर्जरी को सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।

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बवासीर का इलाज (Piles Treatment)

बवासीर का इलाज अक्सर लोग इसलिए भी नहीं कराते क्योंकि उन्हें लगता है इसमें सर्जरी और ऑपरेशन के दौरान कटने का खतरा रहता है। जबकि आजकल बवासीर का इलाज आसानी से एक दिन में किया जा सकता है। आजकल बवासीर का इलाज बहुत ही आसानी और बिना किसी ऑपरेशन या सर्जरी के साथ किया जा सकता है जिसमें आपको कहीं भी कटने और फटने का खतरा नहीं रहता। डॉक्टर्स सुबह मरीज को बुलाते हैं और आसानी से इलाज कर उन्हें शाम तक वापस भेज देते हैं जिसमें उन्हें किसी के साथ और किसी तरह की देखभाल की जरूरत नहीं होती। इसकी मदद से कई लोग अपने इलाज से संतुष्ट हैं और अपने डर को दूर कर चुके हैं। किसी को भी बवासीर की शिकायत हो तो उन्हें बिना डरे अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और इलाज में सहयोग करना चाहिए। 

बवासीर से कैसे करें बचाव (Prevention of Hemorrhoid's)

बवासीर से बचाव के लिए आप निम्न तरीकों को अपना सकते हैं। 

  • अधिक से अधिक पानी पिएं। पानी पीने से आपको कब्ज की शिकायत नहीं होती है। मल त्यागने में परेशानी के कारण बवासीर होने का का खतरा ज्यादा रहता है।
  • अधिक फाइबरयुक्त आहार को अपने भोजन में शामिल करें। जैसे- साबुत अनाज, रेशेदार फल और सब्जियां
  • कॉन्क्रीट और टाइल्स जैसे कठोर स्थान पर अधिक समय तक ना बैठें, इससे आपके गुदे पर दबाव पड़ सकता है।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइझ करें।
  • अधिक समय तक शौचालय में ना बैठें।
  • अपने नसों पर दबाव ना पड़ने दें।
  • मोटापे को नियंत्रित करें।
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बवासीर के मरीजों को खानपान और जीवनशैली से जुड़ी आदतों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे लोग जो लंबे समय से बवासीर की बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें संतुलित भोजन और अच्छी जीवनशैली अपनानी चाहिए। ऐसे लोगों को साइकिल चलाने से पहले या दौड़ने (रनिंग) से पहले एक्सपर्ट चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। बवासीर के लक्षण दिखते ही इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लेना फायदेमंद माना जाता है।

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