प्रेग्नेंसी हर महिला की जिंदगी का सबसे खास और संवेदनशील यानी सेंसिटिव समय होता है। इस दौरान मां को न केवल अपनी बल्कि बच्चे की सेहत का भी ध्यान रखना पड़ता है। यही कारण है कि डॉक्टर अक्सर कहते हैं कि प्रेग्नेंसी में जो भी खाएं-पिएं, सोच-समझकर और सलाह लेकर खाएं। इस अवधि में छोटे-से आहार संबंधी फैसले का भी गहरा असर मां और शिशु दोनों पर पड़ सकता है। आयुर्वेद में कई ऐसी औषधियां बताई गई हैं जो पाचन, इम्यूनिटी और हेल्थ के लिए लाभकारी मानी जाती हैं। इन्हीं में से एक है त्रिफला पाउडर। त्रिफला तीन फलों आंवला, हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण है, जिसे आयुर्वेद में रसायन यानी शरीर को मजबूत बनाने वाला और दीर्घायु बढ़ाने वाला कहा गया है। आमतौर पर लोग त्रिफला का इस्तेमाल कब्ज दूर करने, पाचन सुधारने और शरीर को डिटॉक्स करने के लिए करते हैं।
लेकिन जब बात प्रेग्नेंसी की आती है, तो सवाल खड़ा होता है कि क्या गर्भावस्था में त्रिफला का सेवन सुरक्षित है? कुछ महिलाएं मानती हैं कि यह कब्ज से राहत दिलाता है और पाचन को दुरुस्त रखता है, जबकि कई एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि इसका अत्यधिक लैक्सेटिव प्रभाव गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है, जिससे समय से पहले प्रसव या अन्य जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, प्रेग्नेंसी में त्रिफला पाउडर सुरक्षित है या हानिकारक?
क्या गर्भावस्था के दौरान त्रिफला अच्छा है? - Is Triphala Powder Safe During Pregnancy
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि गर्भावस्था के पहले तीन महीने यानी पहली तिमाही बेहद नाजुक होती है। इस दौरान भ्रूण का विकास प्रारंभिक अवस्था में होता है और शरीर में हार्मोनल परिवर्तन बहुत तीव्र होते हैं। डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, ''पहली तिमाही में त्रिफला का सेवन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है, जिससे गर्भपात (miscarriage) का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस दौरान त्रिफला के सेवन से पूरी तरह परहेज करने की सलाह दी जाती है।''
इसे भी पढ़ें: क्या त्रिफला हार्मोनल असंतुलन के लिए अच्छा है? एक्सपर्ट से जानें
डॉ. श्रेय शर्मा का कहना है कि दूसरी और तीसरी तिमाही में त्रिफला का सेवन नियंत्रित मात्रा में और एक्सपर्ट की सलाह से किया जा सकता है। इस चरण में त्रिफला के कुछ फायदे हो सकते हैं-
- प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज एक आम समस्या होती है। त्रिफला की सौम्य रेचक (laxative) प्रवृत्ति पाचन में मदद करती है।
- त्रिफला अपच, गैस और भूख न लगने जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
- आंवला में विटामिन C की भरपूर मात्रा होती है, जो गर्भवती महिला की इम्यूनिटी को बेहतर बनाने में सहायक है।
- त्रिफला में एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं।
इसे भी पढ़ें: अलग-अलग मौसम में त्रिफला खाने का सही तरीका क्या है? आयुर्वेदाचार्य से जानें
हालांकि इन सभी फायदों के बावजूद, प्रेग्नेंट महिला के शरीर की प्रकृति, स्थिति और गर्भ का स्वास्थ्य एक जैसा नहीं होता। इसलिए त्रिफला का सेवन करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य से परामर्श अवश्य करें। डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं, ''कुछ महिलाएं त्रिफला को डिटॉक्स के रूप में लेना चाहती हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार का डिटॉक्स शरीर के लिए सही नहीं होता। इस समय शरीर को पोषण की जरूरत होती है, न कि शुद्धिकरण की।''
निष्कर्ष
त्रिफला आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि है, लेकिन प्रेग्नेंसी एक विशेष अवस्था है जिसमें हर प्रकार की दवा या औषधि का सेवन बहुत सोच-समझकर किया जाना चाहिए। यदि आप प्रेग्नेंट हैं और त्रिफला का सेवन करने का विचार कर रही हैं, तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। कोई भी औषधीय पदार्थ, चाहे वह प्राकृतिक ही क्यों न हो, बिना एक्सपर्ट या डॉक्टर की अनुमति के प्रयोग नहीं करना चाहिए।
All Images Credit- Freepik
FAQ
क्या त्रिफला पाउडर प्रेग्नेंसी में कब्ज से राहत देता है?
त्रिफला कब्ज कम कर सकता है, लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए यह सुरक्षित तरीका नहीं है। कब्ज की समस्या में फाइबर युक्त आहार, नारियल पानी, गुनगुना पानी और डॉक्टर द्वारा बताए गए उपाय बेहतर विकल्प हैं।क्या थोड़ी मात्रा में त्रिफला लेना प्रेग्नेंसी में ठीक है?
बिना डॉक्टर की सलाह के प्रेग्नेंसी में त्रिफला पाउडर बिलकुल भी न लें। हर महिला की बॉडी और प्रेग्नेंसी की स्थिति अलग होती है, इसलिए यह रिस्क भरा हो सकता है।प्रेग्नेंसी में पेट साफ ना हो तो क्या करना चाहिए?
ज्यादा पानी पिएं, ताजे फल और सब्जियां खाएं, हल्की एक्सरसाइज और योग करें। यदि समस्या ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Oct 03, 2025 12:46 IST
Modified By : Akanksha TiwariOct 03, 2025 12:46 IST
Modified By : Akanksha TiwariOct 03, 2025 12:46 IST
Modified By : Akanksha TiwariOct 03, 2025 12:46 IST
Published By : Akanksha Tiwari