Triphala for hormonal imbalance: त्रिफला एक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट है जो सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। त्रिफला जहां, कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मददगार है वहीं यह स्किन को हेल्दी रखने में भी मददगार है।दरअसल, त्रिफला अपने गहन सफाई और एडाप्टोजेनिक गुणों के लिए जाना जाता है। यह लिवर को शुद्ध करता है, आंत के स्वास्थ्य में सुधार करता है, ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है और ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित करता है। ये सभी हार्मोनल संतुलन को बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए आज हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे त्रिफला हार्मोनल असंतुलन के लिए अच्छा है। इस बारे में हमने अपने दो एक्सपर्ट Dr. Mickey Mehta- Global Holistic Health Guru and Life Coach और Suparna Mukherjee, Clinical Nutrition & Dietetics, Narayana Health City, Bengaluru से बात की।
क्या त्रिफला हार्मोनल असंतुलन के लिए अच्छा है-Is triphala good for hormonal imbalance?
Suparna Mukherjee, बताती हैं कि त्रिफला अपने डिटॉक्सिफाइंग गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह लिवर, किडनी और रक्त को साफ करने में मदद करता है, और स्वस्थ पाचन और उत्सर्जन को बढ़ावा देता है। एक स्वस्थ आंत हार्मोन मेटाबॉलिज्म और डिटॉक्सिफिकेशन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि लिवर अतिरिक्त हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन (triphala estrogen balance) को संसाधित करने और निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन प्राकृतिक डिटॉक्स प्रक्रियाओं का समर्थन करके, त्रिफला अप्रत्यक्ष रूप से हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
तो डॉ. Dr. Mickey Mehta बताते हैं कि त्रिफला अपने तीन शक्तिशाली फलों-आमलकी, हरीतकी और बिभीतकी के माध्यम से इसे कई प्रकार की समस्याओं के लिए फायदेमंद बनाता है। इनमें से प्रत्येक फल में एक अद्वितीय गुण या ऊर्जा होती है, जो दूसरों के पूरक होते हैं और शरीर और मन में संतुलन लाते हैं। वे आंतरिक विकास के तीन स्तंभ बन जाते हैं।
- -सफाई और शुद्धिकरण के लिए हरीतकी एक शक्तिशाली क्लींजर के रूप में काम करती है, विषाक्त पदार्थों, ठहराव और अपशिष्ट को खत्म करती है।
- -बिभीतकी शरीर में संतुलन पैदा करती है। यह पाचन में मदद करती है और इसके तमाम कामकाज के लिए आवश्यक प्रणालियों को विनियमित करती है।
- - आमलकी यानी आंवला त्रिफला को ऊर्जावान बनाती है जिसके सेवन से शरीर की एनर्जी बढ़ती है और संतुलन पैदा होता है।
तनाव, अनियमित जीवनशैली, पर्यावरण विषाक्त पदार्थों और प्रसंस्कृत, पैकेज्ड और संरक्षित खाद्य पदार्थों के सेवन से आंतरिक संतुलन को नुकसान होता है और यही हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। त्रिफला एक उपचारक के रूप में आता है और इस असंतुलन को संतुलित करने में मदद करता है।
इसे भी पढ़ें: क्या सौंफ खाने से पीरियड्स जल्दी आते हैं? डॉक्टर से जानें जवाब
हार्मोनल असंतुलन तो संतुलित करने में कैसे मददगार है त्रिफला-How triphala good for hormonal imbalance
तनाव में कमी और कोर्टिसोल नियंत्रित करता है
तनाव, हार्मोनल असंतुलन का बड़ा कारण है। त्रिफला में एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को तनाव के अनुकूल होने में मदद करता है। अध्ययनों से पता चलता है कि यह कोर्टिसोल के स्तर जो स्ट्रेस हार्मोन है, इसे कम करने में मदद कर सकता है। क्रोनिक स्ट्रेस और हाई कोर्टिसोल अन्य हार्मोन संतुलन को बाधित कर सकता है, जिसमें प्रजनन और चयापचय से संबंधित संतुलन भी शामिल हैं। कोर्टिसोल को नियंत्रित करके, त्रिफला अप्रत्यक्ष रूप से समग्र हार्मोनल संतुलन का समर्थन कर सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
त्रिफला एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव का मुकाबला करता है। ऑक्सीडेटिव तनाव सूजन और सेलुलर क्षति में योगदान कर सकता है, जो बदले में अंतःस्रावी तंत्र को प्रभावित कर सकता है और हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है। ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके, त्रिफला हार्मोन उत्पादन और विनियमन में शामिल कोशिकाओं और ऊतकों की रक्षा करने में मदद करता है। इससे हार्मोन्स का प्रोडक्शन हेल्दी तरीके से होता है।
कुछ शोध और पारंपरिक उपयोग से पता चलता है कि त्रिफला हार्मोनल असंतुलन से संबंधित लक्षणों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जैसे समग्र चयापचय और आंत के स्वास्थ्य में सुधार करके अनियमित पीरियड्स को नियमित कर सकता है। पीसीओएस (PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) में त्रिफला का सेवन बॉडी डिटॉक्स करके और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने और शुगर मैनेज करने में मदद कर सकता है। यह कोर्टिसोल को नियंत्रित करके और ऑक्सीडेटिव क्षति को कम करके हॉट फ्लैशेस, मूड स्विंग और नींद की गड़बड़ी को कम करने में मदद कर सकता है।
इसे भी पढ़ें: कोर्टिसोल हार्मोन हाई होने पर प्रेग्नेंसी पर कैसे पड़ता है असर? जानें डॉक्टर से
त्रिफला हार्मोनल असंतुलन मे कैसे करें त्रिफला का सेवन-How to have triphala in hormonal imbalance
पहले तो आप अपने डॉक्टर और एक्सपर्ट से बात करें और फिर इसका सेवन शुरू करें। त्रिफला को आप गुनगुने पानी के साथ आधा चम्मच या छाछ में मिलाकर ले सकते हैं। हालांकि, अपने उम्र और समस्या अनुसार डॉक्टर से बात करके ही इसे संतुलित मात्रा में लें।
ज्यादा सेवन से आपका पेट खराब हो सकता है और आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर आप कोई दवा ले रहे हैं तो इसके सेवन से पहले एक्सपर्ट से बात जरूर करें।
FAQ
क्या त्रिफला एस्ट्रोजन बढ़ाता है?
त्रिफल शरीर को डिटॉक्स करके एस्ट्रोजन के प्रोडक्शन में मदद कर सकता है। साथ ही यह बॉडी में इस हार्मोन को बैलेंस रखने में मददगार साबित हो सकता है।त्रिफला का साइड इफेक्ट क्या है?
त्रिफला का साइड इफेक्ट आपको परेशान कर सकता है। जैसे कि त्रिफला के ज्यादा सेवन से आपको दस्त की समस्या हो सकती है, पेट खराब हो सकता और इससे शरीर में कमजोरी आ सकती है।त्रिफला चूर्ण कब नहीं खाना चाहिए?
अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, खून पतला करने की दवा ले रहे हैं या फिर आप प्रेग्नेंसी के फेज में हैं तो आपको त्रिफला के सेवन से बचना चाहिए।