How does high cortisol affect pregnancy in Hindi: स्वस्थ रहने के लिए शरीर में सभी हार्मोन्स का बैलेंस रहना जरूरी होता है। शरीर में एक भी हार्मोन अगर असंतुलित हो जाएं तो इसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ सकता है। ऐसी ही स्वास्थ्य के लिए कोर्टिसोल हार्मोन का बैलेंस रहना भी बेहद जरूरी होता है। अगर शरीर में इस हार्मोन का स्तर गड़बड़ हो जाए तो इससे न केवल मेंटल हेल्थ, बल्कि आपकी फीजिकल हेल्थ भी प्रभावित हो सकती है। इससे आपका वजन कम होने के साथ-साथ मूड स्विंग और मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है।
कुछ महिलाओं का मानना है कि कोर्टिसोल हार्मोन हाई होने पर प्रेग्नेंसी पर भी असर असर पड़ता है। क्या आप भी ऐसा सोचती हैं? अगर हां, तो इस लेख को जरूर पढ़ें। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि क्या वाकई कोर्टिसोल हार्मोन का असर प्रेग्नेंसी पर पड़ता है या नहीं? हाई कोर्टिसोल कई बार मां के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। आइये वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं इसके बारे में।
कोर्टिसोल हार्मोन हाई होने पर प्रेग्नेंसी पर कैसे पड़ता है असर?
डॉक्टर के मुताबिक शरीर में अगर कोर्टिसोल का हार्मोन ज्यादा है तो यह सेहत के लिए अन्य तरीकों से नुकसानदायक होने के साथ ही प्रेग्नेंसी पर भी असर डाल सकती है। महिलाओं में आमतौर पर यह हार्मोन ज्यादा स्ट्रेस लेने या ज्यादा दवाओं का सेवन आदि करने से हाई होता है। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान आपका कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ा हुआ है तो इसका असर निश्चिततौर पर आपकी प्रेग्नेंसी पर पड़ सकता है। कुछ मामलों में यह आपकी फर्टिलिटी से भी जुड़ा हो सकता है। आपकी सेहत पर हाई कोर्टिसोल का असर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है।
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हाई कोर्टिसोल हार्मोन के नुकसान
- हाई कोर्टिसोल हार्मोन सेहत के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक हो सकता है।
- हाई कोर्टिसोल होने पर हड्डियों में कमजोरी होने के साथ-साथ बोन डेंसिटी भी कम हो सकती है।
- हाई कोर्टिसोल होने पर आपकी त्वचा का कसाव कम हो सकता है, जिससे त्वचा पतली नजर आ सकती है।
- ऐसे में आपकी नींद पर भी असर पड़ सकता है साथ ही साथ मूड स्विंग की भी समस्या हो सकती है।
- इससे कई बार आपको स्ट्रेस और एंग्जाइटी जैसी समस्या हो सकती है।
कोर्टिसोल को कम करने के तरीके
- कोर्टिसोल हार्मोन को कम करने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में सुधार करने की जरूरत है।
- इसके लिए आपको दिन भर में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
- ऐसे में आपको स्ट्रेस और एंग्जाइटी को कम करना चाहिए।
- कोर्टिसोल हार्मोन को कम करने के लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज और प्राणायाम करने की जरूरत है।
- इसके लिए आपको माइंडफुलनेस का अभ्यास करने के साथ-साथ रिलैक्स वाली तकनीकों पर ध्यान देना चाहिए।