Low Progesterone Hormone Causes in Hindi: स्वस्थ रहने के लिए शरीर में सभी हार्मोन्स का बैलेंस रहना बेहद जरूरी होता है। बार-बार हार्मोनल इंबैलेंस होना कई बार स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का कारण भी बन सकता है। प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज के दौरान आमतौर पर महिलाओं में हार्मोन्स बदलते हैं, जिसका नतीजा उनका मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और एंग्जाइटी आदि होती है। कई बार शरीर में प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है। शरीर में इस हार्मोन की कमी के चलते आपको सिरदर्द, अनियमित पीरियड्स के साथ-साथ कई बार गर्भधारण करने तक में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति को नजरअंदाज करना भी कई बार सेहत पर भारी पड़ सकता है।
अगर आपकी शरीर में भी प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन कम हो गया है तो ऐसे में इस लेख को जरूर पढ़ें। इस लेख के माध्यम से हम आपको प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन कम होने के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में बताएंगे। आइये वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से जानते हैं इसके बारे में। (Low Progesterone Hormone Treatment in Hindi) -
प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन कम होने के कारण
- प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन महिलाओं और पुरुषों दोनों में होते हैं। हालांकि, यह हार्मोन महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में कम होते हैं।
- इसके कम होने के पीछे ज्यादा स्ट्रेस लेना, कोलेस्ट्रॉल जरूरत से ज्यादा कम होना और हाइपोथायरॉइड्जम जैसे कई कारण होते हैं।
- प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन कम होने के पीछे पेरिमेनोपॉज और पीसीओएस आदि भी जिम्मेदार माने जाते हैं।
- खराब लाइफस्टाइल के चलते भी प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन कम होने लगते हैं।
- कई बार ओवरी द्वारा अंडे नहीं बना पाना भी इसका बड़ा कारण माना जाता है।

प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन कम होने पर दिखाई देने वाले लक्षण
- प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन कम होने पर आपको कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- यह हार्मोन कम होने पर सोने में परेशानी होने के साथ ही सिरदर्द हो सकता है।
- ऐसे में आपके पीरियड्स साइकिल पर प्रभाव पड़ता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
- इस हार्मोन के कम होने पर आपका वजन बढ़ सकता है साथ ही व्यवहार में भी बदलाव देखा जा सकता है।
- ऐसे में हॉट फ्लैशेज के साथ-साथ कई बार कंसीव करने में भी कठिनाई हो सकती है।
- अगर आपका प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन कम है तो ऐसे में कई बार डिप्रेशन और एंग्जाइटी का भी सामना करना पड़ सकता है।
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लो प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन का इलाज
- प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन को बढ़ाने के लिए आपको अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। ऐसे में सब्जियां, फल और नट्स आदि ज्यादा खाएं।
- लो प्रोजेस्टेरॉन का इलाज करने के लिए कई बार डॉक्टर द्वारा प्रोजेस्टेरॉन इंजेक्शन लगवाने या ओरल क्रीम लगाने की भी सलाह दी जाती है।
- प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन को बढ़ाने के लिए आपको 6 से 8 घंटे की हेल्दी नींद लेनी चाहिए।
- इसके लिए आपको स्ट्रेस को कम करने के साथ-साथ नियमित तौर पर एक्सरसाइज भी करनी चाहिए।
- अगर आप किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या जैसे थायरॉइड, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर आदि से परेशान हैं तो ऐसे में सबसे पहले उसे ठीक करें।