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क्या गर्मी का असर गर्भ में शिशु पर पड़ता है? जानें डॉक्टर से

गर्भावस्था के दौरान बाहरी पर्यावरण, जैसे कि मौसम का असर भी मां और बच्चे की सेहत पर प्रभाव डाल सकता है। यहां जानिए, क्या गर्मी का असर गर्भ में शिशु पर पड़ता है?
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क्या गर्मी का असर गर्भ में शिशु पर पड़ता है? जानें डॉक्टर से


प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का बेहद खास समय होता है, ऐसे में गर्भवती महिला को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। बदलते मौसम, खानपान और रहन-सहन का सीधा असर मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों पर पड़ सकता है। खासकर जब बात भीषण गर्मी की हो, तो स्थिति और भी संवेदनशील हो जाती है। गर्मी के मौसम में तापमान में वृद्धि, उमस और धूप के कारण गर्भवती महिलाओं को थकान, सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी, हाई या लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार गर्भवती महिलाओं के मन में यह सवाल आता है कि क्या इतनी गर्मी का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है? इस लेख में जयपुर में स्थित माहेश्वरी चिकित्सालय की वरिष्ठ सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग डॉ. वंदना भराड़िया से जानिए, क्या गर्मी का असर गर्भ में शिशु पर पड़ता है?

क्या गर्मी का असर गर्भ में शिशु पर पड़ता है? - Can Hot Weather Affect A Baby In The Womb

गर्मियों में शरीर का तापमान अपने आप बढ़ने लगता है और पसीना ज्यादा आता है। प्रेग्नेंट महिलाओं में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है, जिससे शरीर का तापमान और भी ज्यादा हो सकता है। शरीर को ठंडा रखने के लिए पानी की जरूरत बढ़ती है। अगर इस दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं लिया गया या आराम नहीं किया गया, तो हीट स्ट्रेस या हीट एग्जॉर्शन जैसी स्थितियां बन सकती हैं। ज्यादा गर्मी से गर्भवती महिला को डिहाइड्रेशन, लो ब्लड प्रेशर, थकान, चक्कर आना, सिर दर्द और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, अगर शरीर का तापमान 102°F से अधिक हो जाए, तो यह गंभीर हो सकता है। इससे भ्रूण के विकास में बाधा आ सकती है।

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गर्भ में शिशु पर प्रभाव

गर्भ में पल रहा बच्चा मां की स्थिति पर निर्भर करता है। जब मां का शरीर डिहाइड्रेट होता है या तापमान ज्यादा होता है, तो प्लेसेंटा के जरिए बच्चे को मिलने वाली ऑक्सीजन और पोषण में कमी आ सकती है। इससे बच्चे के विकास में रुकावट, समय से पहले प्रसव (प्री-मैच्योर डिलीवरी) या कम वजन के शिशु का जन्म होने की संभावना हो सकती है।

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प्रेग्नेंट महिलाएं धूप में बाहर निकलने से बचें

गर्मियों में दोपहर 11 बजे से 4 बजे के बीच बाहर निकलना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए उचित नहीं होता। यह वह समय होता है जब धूप तीव्र यानी तेज होती है और शरीर पर सीधा प्रभाव डाल सकती है। ऐसे समय में बाहर जाने की स्थिति में छाता, टोपी और सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए।

गर्मी का असर न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकता है। ज्यादा गर्मी और शरीर की थकावट से प्रेग्नेंट महिला को तनाव, घबराहट और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। यह मानसिक स्थिति बच्चे पर भी असर डाल सकती है। प्रेग्नेंट महिलाओं को मानसिक आराम के लिए योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए। इसके अलावा, परिवार और दोस्तों से सहयोग लेना भी मानसिक स्थिति को संतुलित करने में मदद कर सकता है।

निष्कर्ष

गर्म मौसम गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ चुनौतियां ला सकता है, लेकिन यदि सावधानी बरती जाए और सही उपाय किए जाएं, तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है। पानी का सेवन बढ़ाना, शरीर को ठंडा रखना, आराम करना और इंफेक्शन से बचाव करना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए जरूरी है। इसके साथ ही, यदि किसी भी प्रकार की समस्याएं महसूस हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। प्रेग्नेंट महिला और उसके बच्चे की सेहत के लिए यह बेहद जरूरी है।

All Images Credit- Freepik

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